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सीएए का लाभ लेने को रोहिंग्या व अफगान मुसलमान बदल रहे धर्म

दिसंबर, 2019 में देश में नागरिकता संशोधन कानून पास हुआ. इस कानून के तहत के बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है. इस कानून के पास होने के बाद केंद्रीय सूचना एजेंसियों ने जानकारी दी हैं कि देश में रह रहे रोहिंग्या और अफगान मुसलमान धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

rohingiya and muslim in india
प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Jul 24, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का फायदा लेने के लिए देश में रह रहे रोहिंग्या और अफगान मुस्लिम अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. यह लोग सीएए के तहत भारत का नागरिक बनने के लिए ईसाई धर्म अपना रहे हैं. ताकि उन्हें भारत की नागरिकता आसानी से मिल सके. यह जानकारी केंद्रीय सूचना एजेंसियों ने दी.

केंद्रीय सूचना एजेंसियों का मानना है कि यह लोग भारत की नागरिकता पाने के लिए धर्म बदल रहे हैं.

बता दें कि दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून पास हुआ था. इस कानून के तहत बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन और बुद्ध धर्म) के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

शरणार्थी के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, भारत अफगानिस्तान, म्यांमार, तिब्बत, श्रीलंका और सोमालिया जैसे देशों से 41,000 से अधिक शरणार्थी और शरणार्थियों की मेजबानी करता है.

पढ़ें : विशेष लेख : सीएए और दिल्ली हिंसा से ब्रांड इंडिया की छवि और घरेलू शांति पर पड़ा असर !

11 दिसंबर, 2019 को इस कानून को सदन से पास किया गया. इसके बाद 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस कानून पर मुहर लगा दी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की. संसद के नियमों के अनुसार कानून के पास होने के छह महीने के भीतर ही इसके कानून को फ्रेम किया जाना चाहिए. हालांकि यह अभी तक नहीं हो पाया है.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय लोकसभा के पीठासीन अधिकारी से कानून बनाने के लिए छह महीने की और अनुमति मागेगी.

संसदीय प्रणाली के अनुसार, संसद की अधीनस्थ कानून समिति यह पता लगाने के लिए नियमों की छानबीन करती है कि क्या यह अधिनियम के अनुरूप बनाए गए हैं जैसा कि अधिसूचना में अधिसूचित है.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का फायदा लेने के लिए देश में रह रहे रोहिंग्या और अफगान मुस्लिम अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. यह लोग सीएए के तहत भारत का नागरिक बनने के लिए ईसाई धर्म अपना रहे हैं. ताकि उन्हें भारत की नागरिकता आसानी से मिल सके. यह जानकारी केंद्रीय सूचना एजेंसियों ने दी.

केंद्रीय सूचना एजेंसियों का मानना है कि यह लोग भारत की नागरिकता पाने के लिए धर्म बदल रहे हैं.

बता दें कि दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून पास हुआ था. इस कानून के तहत बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन और बुद्ध धर्म) के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

शरणार्थी के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, भारत अफगानिस्तान, म्यांमार, तिब्बत, श्रीलंका और सोमालिया जैसे देशों से 41,000 से अधिक शरणार्थी और शरणार्थियों की मेजबानी करता है.

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11 दिसंबर, 2019 को इस कानून को सदन से पास किया गया. इसके बाद 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस कानून पर मुहर लगा दी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की. संसद के नियमों के अनुसार कानून के पास होने के छह महीने के भीतर ही इसके कानून को फ्रेम किया जाना चाहिए. हालांकि यह अभी तक नहीं हो पाया है.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय लोकसभा के पीठासीन अधिकारी से कानून बनाने के लिए छह महीने की और अनुमति मागेगी.

संसदीय प्रणाली के अनुसार, संसद की अधीनस्थ कानून समिति यह पता लगाने के लिए नियमों की छानबीन करती है कि क्या यह अधिनियम के अनुरूप बनाए गए हैं जैसा कि अधिसूचना में अधिसूचित है.

Last Updated : Jul 24, 2020, 8:31 PM IST
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