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पश्चिम बंगाल : 8वीं पास भर्ती के लिए पीएचडी-मास्टर डिग्रीधारकों ने किया आवेदन - आठवीं पास योग्यता की फॉरेस्ट असिस्टेंट जॉब

देशभर में तेजी से अपनी जड़े फैलाते कोविड-19 ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी आर्थिक व्यवस्था पर प्रहार किया है. आज हालात बद से बदतर हैं. नौकरियों की कमी और तेजी से बंद होते रोजगार के अवसरों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. अंदाजा से इसे से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल में आठवीं पास योग्यता की फॉरेस्ट असिस्टेंट जॉब के लिए पीएचडी धारक से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट्स तक आवेदन कर रहे हैं.

Research scholars
वन सहायक पद
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Published : Oct 12, 2020, 1:32 PM IST

कोलकाता : कोविड 19 महामारी के संकट के कारण देश में नौकरियों का हाल बेहाल है. व्यवसाय से संबंधित स्थितियां काफी निराशाजनक हैं. दुनियाभर में तेजी से फैलती महामारी ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रखा है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर दिया है. महामारी के कारण कई लोगों का व्यवसाय ठप्प है और कई पिछड़ने की कगार पर हैं. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी नौकरी खो चुके हैं और कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं, जिसके कारण न जाने कितने लोगों को इसका हर्जाना भुगतना पड़ रहा है. निजी क्षेत्रों में भर्तियां रोक दी गई हैं. ऐसे में एक उम्मीद की किरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में वन सहायकों के पद पर आवेदनों का तांता लगा हुआ है.

रविवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कई अनुसंधान विद्वानों, स्नातकोत्तर और इंजीनियरिंग छात्रों ने वन सहायकों के पद पर आवेदन किया है, जिसके लिए आवश्यक योग्यता कक्षा आठवीं पास रखी गई है. पश्चिम बंगाल सरकार वन्यजीवों की रक्षा और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए अनुबंध के आधार पर 2000 'बाना सहायकों' या वन सहायकों को काम पर रख रही है.

पीएचडी, मास्टर डिग्री के विद्वान भी कर रहे हैं आवेदन
मालदा वन विभाग के रेंज अधिकारी सुबीर कुमार गुहा नेओजी ने कहा कि कई उच्च शिक्षित आवेदकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए जो बदलाव हुए हैं, उनमें पीएचडी विद्वान और मास्टर डिग्री वाले लोग भी हैं.

पढ़ें:आठ बार गिनीज बुक में नाम, फिर भी नहीं मिली सरकार से मदद

पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें हैं आवेदन
सुदीप मोइत्रा (इतिहास में पोस्ट-ग्रेजुएट जिन्होंने एक पोस्ट के लिए आवेदन किया था) ने कहा कि वह एक सरकारी नौकरी पसंद करेंगे भले ही यह संविदात्मक हो. कोविड-19 महामारी के बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए बहुत कम योग्यता की आवश्यकता है.

महामारी के कारण दिनोंदिन बढ़ती बेरोजगारी
नौकरी के बाजार की स्थिति निराशाजनक है. कोविड 19 महामारी के बढ़े संकट कारण कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं, कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं और निजी क्षेत्र की भर्ती में कमी आई है. मैं चाहता हूं कि मेरे पास किसी भी तरह की सरकारी नौकरी हो.

कोविड के कारण बर्बाद होती आर्थिक स्थिति
अर्थशास्त्र में एमएससी करने वाले रक्तिम चंदा ने कहा कि कुछ हजार रुपये के वेतन के साथ काम किया जाना मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ भी नहीं करने से बेहतर है.

पढ़ें:आरटीआई : भ्रष्टाचार की काट आपके हाथ, 15 वर्षों में खुले कई राज

इतने नंबर के होंगे विषयों के सवाल
पद पर आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों को पढ़ने (30 अंक) और लेखन (30) बंगाली या राज्य की किसी भी आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त भाषा के लिए परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा, अंग्रेजी या हिंदी (10 अंक), सामान्य ज्ञान (20) और वानिकी कार्यों के लिए व्यक्तित्व फिटनेस (10) पढ़ने की क्षमता की भी जांच की जा रही है.

शोधकर्ता कर रहे हैं आवेदन
कोलकाता में एक वरिष्ठ वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि अगर उच्च योग्यता वाले लोग जैसे शोधकर्ता नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं. हम उन्हें रोक नहीं सकते.

कोलकाता : कोविड 19 महामारी के संकट के कारण देश में नौकरियों का हाल बेहाल है. व्यवसाय से संबंधित स्थितियां काफी निराशाजनक हैं. दुनियाभर में तेजी से फैलती महामारी ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रखा है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर दिया है. महामारी के कारण कई लोगों का व्यवसाय ठप्प है और कई पिछड़ने की कगार पर हैं. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी नौकरी खो चुके हैं और कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं, जिसके कारण न जाने कितने लोगों को इसका हर्जाना भुगतना पड़ रहा है. निजी क्षेत्रों में भर्तियां रोक दी गई हैं. ऐसे में एक उम्मीद की किरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में वन सहायकों के पद पर आवेदनों का तांता लगा हुआ है.

रविवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कई अनुसंधान विद्वानों, स्नातकोत्तर और इंजीनियरिंग छात्रों ने वन सहायकों के पद पर आवेदन किया है, जिसके लिए आवश्यक योग्यता कक्षा आठवीं पास रखी गई है. पश्चिम बंगाल सरकार वन्यजीवों की रक्षा और मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए अनुबंध के आधार पर 2000 'बाना सहायकों' या वन सहायकों को काम पर रख रही है.

पीएचडी, मास्टर डिग्री के विद्वान भी कर रहे हैं आवेदन
मालदा वन विभाग के रेंज अधिकारी सुबीर कुमार गुहा नेओजी ने कहा कि कई उच्च शिक्षित आवेदकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के लिए जो बदलाव हुए हैं, उनमें पीएचडी विद्वान और मास्टर डिग्री वाले लोग भी हैं.

पढ़ें:आठ बार गिनीज बुक में नाम, फिर भी नहीं मिली सरकार से मदद

पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें हैं आवेदन
सुदीप मोइत्रा (इतिहास में पोस्ट-ग्रेजुएट जिन्होंने एक पोस्ट के लिए आवेदन किया था) ने कहा कि वह एक सरकारी नौकरी पसंद करेंगे भले ही यह संविदात्मक हो. कोविड-19 महामारी के बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए बहुत कम योग्यता की आवश्यकता है.

महामारी के कारण दिनोंदिन बढ़ती बेरोजगारी
नौकरी के बाजार की स्थिति निराशाजनक है. कोविड 19 महामारी के बढ़े संकट कारण कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं, कई कंपनियां बंद हो चुकी हैं और निजी क्षेत्र की भर्ती में कमी आई है. मैं चाहता हूं कि मेरे पास किसी भी तरह की सरकारी नौकरी हो.

कोविड के कारण बर्बाद होती आर्थिक स्थिति
अर्थशास्त्र में एमएससी करने वाले रक्तिम चंदा ने कहा कि कुछ हजार रुपये के वेतन के साथ काम किया जाना मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए कुछ भी नहीं करने से बेहतर है.

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इतने नंबर के होंगे विषयों के सवाल
पद पर आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों को पढ़ने (30 अंक) और लेखन (30) बंगाली या राज्य की किसी भी आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त भाषा के लिए परीक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा, अंग्रेजी या हिंदी (10 अंक), सामान्य ज्ञान (20) और वानिकी कार्यों के लिए व्यक्तित्व फिटनेस (10) पढ़ने की क्षमता की भी जांच की जा रही है.

शोधकर्ता कर रहे हैं आवेदन
कोलकाता में एक वरिष्ठ वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि अगर उच्च योग्यता वाले लोग जैसे शोधकर्ता नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं. हम उन्हें रोक नहीं सकते.

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