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कोरोना के इलाज में कितना कारगर साबित हो सकता है नीम

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Published : Aug 8, 2020, 10:37 PM IST

फरीदाबाद ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए नीम पर शोध किया जा रहा है. नीम का शोध कर ये पता लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए नीम कितना कारगार होगा. शोध के प्रथम चरण में कॉलेज के 250 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया.

कोरोना के इलाज में कितना कारगर नीम
कोरोना के इलाज में कितना कारगर नीम

फरीदाबाद: कोरोना के इलाज में नीम के प्रभाव की जांच करने के लिए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की तरफ से शोध शुरू कर दिया गया है. इस शोध में मेडिकल कॉलेज के 250 कर्मचारियों को शामिल किया गया है. जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, हाउसकीपिंग, सुरक्षाकर्मी सहित अन्य स्टाफ को शामिल किया गया है. ये शोध केंद्र सरकार के अधीनस्थ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के सहयोग से किया जा रहा है. शोध के परिणाम सकारात्मक होने पर नीम को इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

कोरोनावायरस के संक्रमण की दवा अभी तक नहीं मिल पाई है. मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेद की दवाइयों के साथ इलाज किया जा रहा है. आयुष मंत्रालय की तरफ से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई भी बांटी जा रही हैं. माना जा रहा है कि नीम भी कोरोना वायरस के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. क्योंकि इसमें एंटीबायोटिक तत्व काफी अधिक होते हैं.

कोरोना के इलाज में कितना कारगर नीम

अब नीम से होगा इलाज ?

ईटीवी भारत से बातचीत में ईएसआईसी के कुलपति डॉ. असीम दास ने बताया की शोध में शामिल कर्मचारियों को 26 दिन तक नीम की गोलियों की खुराक दी जाएगी. इस दौरान कर्मचारियों के नाक और मुंह से सैंपल लेकर जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस दौरान अगर कोई कर्मचारी पॉजिटिव पाया जाता है तो संबंधित कर्मचारी के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव की जांच की जाएगी. इस दौरान उसके खून की भी जांच की जाएगी. जिसकी सहायता से मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाया जाएगा.

30 मरीजों पर भी किया जा सकता है ट्रायल

उन्होंने बताया कि ये भी देखा जाएगा कि नीम की गोलियां लेने के बाद संबंधित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है. साथ ही एंटीबॉडी में दूसरी जरूरी चीजों की भी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि शोध में अभी केवल मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को ही शामिल किया गया है. इसमें कोरोना वायरस मरीजों को भी शामिल किए जाने की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि इसमें 30 मरीजों को शामिल किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: आमने-सामने दुष्यंत और विज ! डिप्टी सीएम ने SET रिपोर्ट को किया खारिज

ईएसआईसी के कुलपति डॉ. असीम दास ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की आयुष निदेशक डॉक्टर तनुजा, डॉक्टर एस राजगोपाल, डॉ. गालिब, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन असीम दास, डिप्टी डीन डॉ. ऐके पांडे, डॉ अंजू इस शोध में शामिल हैं. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि इस शोध से ये पता लगाया जाएगा कि कोरोना के इलाज के लिए नीम कितना कारगर रहेगा. उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ सही रहा तो नीम का प्रयोग कोरोना वायरस के लिए किया जाएगा.

फरीदाबाद: कोरोना के इलाज में नीम के प्रभाव की जांच करने के लिए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की तरफ से शोध शुरू कर दिया गया है. इस शोध में मेडिकल कॉलेज के 250 कर्मचारियों को शामिल किया गया है. जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, हाउसकीपिंग, सुरक्षाकर्मी सहित अन्य स्टाफ को शामिल किया गया है. ये शोध केंद्र सरकार के अधीनस्थ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के सहयोग से किया जा रहा है. शोध के परिणाम सकारात्मक होने पर नीम को इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

कोरोनावायरस के संक्रमण की दवा अभी तक नहीं मिल पाई है. मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेद की दवाइयों के साथ इलाज किया जा रहा है. आयुष मंत्रालय की तरफ से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई भी बांटी जा रही हैं. माना जा रहा है कि नीम भी कोरोना वायरस के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. क्योंकि इसमें एंटीबायोटिक तत्व काफी अधिक होते हैं.

कोरोना के इलाज में कितना कारगर नीम

अब नीम से होगा इलाज ?

ईटीवी भारत से बातचीत में ईएसआईसी के कुलपति डॉ. असीम दास ने बताया की शोध में शामिल कर्मचारियों को 26 दिन तक नीम की गोलियों की खुराक दी जाएगी. इस दौरान कर्मचारियों के नाक और मुंह से सैंपल लेकर जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस दौरान अगर कोई कर्मचारी पॉजिटिव पाया जाता है तो संबंधित कर्मचारी के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव की जांच की जाएगी. इस दौरान उसके खून की भी जांच की जाएगी. जिसकी सहायता से मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाया जाएगा.

30 मरीजों पर भी किया जा सकता है ट्रायल

उन्होंने बताया कि ये भी देखा जाएगा कि नीम की गोलियां लेने के बाद संबंधित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है. साथ ही एंटीबॉडी में दूसरी जरूरी चीजों की भी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि शोध में अभी केवल मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को ही शामिल किया गया है. इसमें कोरोना वायरस मरीजों को भी शामिल किए जाने की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि इसमें 30 मरीजों को शामिल किया जा सकता है.

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ईएसआईसी के कुलपति डॉ. असीम दास ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की आयुष निदेशक डॉक्टर तनुजा, डॉक्टर एस राजगोपाल, डॉ. गालिब, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन असीम दास, डिप्टी डीन डॉ. ऐके पांडे, डॉ अंजू इस शोध में शामिल हैं. ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि इस शोध से ये पता लगाया जाएगा कि कोरोना के इलाज के लिए नीम कितना कारगर रहेगा. उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ सही रहा तो नीम का प्रयोग कोरोना वायरस के लिए किया जाएगा.

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