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कैबिनेट की मंजूरी : जम्मू-कश्मीर के विस्थापित 5300 परिवार पुनर्वास पैकेज में शामिल - rehabilitation package of kashmiris

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1947 में जम्मू-कश्मीर से विस्थापित 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले से ये परिवार 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि पाने के हकदार हो जाएंगे. बता दें कि 1947 में 31 हजार से ज्यादा परिवार जम्मू-कश्मीर से विस्थापित हो गये थे.

फाइल फोटो
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Published : Oct 9, 2019, 11:16 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 12:11 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर से 1947 में विस्थापित उन 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज में शामिल करने की मंजूरी दे दी है, जिन्होंने शुरू में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था. बाद में लौटकर जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया.

कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने से जम्मू-कश्मीर के ऐसे विस्थापित परिवार वर्तमान योजना के अंतर्गत 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे. साथ ही बदले में उन्हें लगातार कुछ आमदनी हो सकेगी, जिसका वर्तमान योजना में लक्ष्य रखा गया है.

यहां यह बता देना जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर में 1947 के पाकिस्तानी आक्रमण के मद्देनजर, 31,619 परिवार जम्मू-कश्मीर के पाक-अधिकृत क्षेत्रों (पीओजेके) से पलायन करके जम्मू-कश्मीर राज्य में चले गये थे.

5,300 विस्थापित कश्मीरी परिवारों को 5.5 लाख रुपए

इनमें से 26,319 परिवार जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये और 5300 परिवारों ने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर निकलकर देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान छम्ब नियाबत क्षेत्र से 10,065 और परिवार विस्थापित हो गये थे. इनमें से 1965 के युद्ध के दौरान 3500 परिवार और 1971 के युद्ध के दौरान 6565 परिवार विस्थापित हुए.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : आर्टिकल 370 पर फैसले का विरोध, LOC की तरफ बढ़े JKLF प्रदर्शनकारी

मंत्रिमंडल द्वारा 30.11.2016 को मंजूर पैकेज के अंतर्गत 36,384 विस्थापित परिवारों को शामिल किया गया. इनमें पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर से 26,319 विस्थापित परिवार और छम्ब नियाबत इलाके से विस्थापित 10,065 परिवार जम्मू-कश्मीर में बस गये थे.

पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के 5300 विस्थापित परिवारों को, जिन्होंने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था, मंजूर पैकेज में शामिल नहीं किया गया. अब इन 5300 परिवारों में से उन विस्थापित परिवारों को पैकेज में शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने आरंभ में राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था, लेकिन बाद में वे जम्मू-कश्मीर लौट आए और वहां पर बस गये,

इससे विस्थापित परिवारों की वित्तीय सहायता की जरूरत से प्रभावी तरीके से निबटने की सरकार की क्षमता बढ़ेगी. बता दें, धनराशि की जरूरत को वर्तमान योजना के लिए पहले से ही मंजूर धनराशि से पूरा किया जाएगा.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर से 1947 में विस्थापित उन 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज में शामिल करने की मंजूरी दे दी है, जिन्होंने शुरू में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था. बाद में लौटकर जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया.

कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने से जम्मू-कश्मीर के ऐसे विस्थापित परिवार वर्तमान योजना के अंतर्गत 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे. साथ ही बदले में उन्हें लगातार कुछ आमदनी हो सकेगी, जिसका वर्तमान योजना में लक्ष्य रखा गया है.

यहां यह बता देना जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर में 1947 के पाकिस्तानी आक्रमण के मद्देनजर, 31,619 परिवार जम्मू-कश्मीर के पाक-अधिकृत क्षेत्रों (पीओजेके) से पलायन करके जम्मू-कश्मीर राज्य में चले गये थे.

5,300 विस्थापित कश्मीरी परिवारों को 5.5 लाख रुपए

इनमें से 26,319 परिवार जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये और 5300 परिवारों ने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर निकलकर देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान छम्ब नियाबत क्षेत्र से 10,065 और परिवार विस्थापित हो गये थे. इनमें से 1965 के युद्ध के दौरान 3500 परिवार और 1971 के युद्ध के दौरान 6565 परिवार विस्थापित हुए.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : आर्टिकल 370 पर फैसले का विरोध, LOC की तरफ बढ़े JKLF प्रदर्शनकारी

मंत्रिमंडल द्वारा 30.11.2016 को मंजूर पैकेज के अंतर्गत 36,384 विस्थापित परिवारों को शामिल किया गया. इनमें पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर से 26,319 विस्थापित परिवार और छम्ब नियाबत इलाके से विस्थापित 10,065 परिवार जम्मू-कश्मीर में बस गये थे.

पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के 5300 विस्थापित परिवारों को, जिन्होंने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था, मंजूर पैकेज में शामिल नहीं किया गया. अब इन 5300 परिवारों में से उन विस्थापित परिवारों को पैकेज में शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने आरंभ में राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था, लेकिन बाद में वे जम्मू-कश्मीर लौट आए और वहां पर बस गये,

इससे विस्थापित परिवारों की वित्तीय सहायता की जरूरत से प्रभावी तरीके से निबटने की सरकार की क्षमता बढ़ेगी. बता दें, धनराशि की जरूरत को वर्तमान योजना के लिए पहले से ही मंजूर धनराशि से पूरा किया जाएगा.

Intro:New Delhi: In a strategic move, the Union Cabinet on Wednesday approved extension of benefits under Prime Minister's rehabilitation package for persons displaced from Pakistan occupied Jammu & Kashmir (PoJK) in 1947, to 5,300 that initially opted to move outside J&K during the Pakistan aggression but later returned and settled in the state.


Body:Under this extended rehabilitation package of 2016, the displaced families will be eligible to get one time financial assistance of Rs 5.5 lakhs with sustained income.

The decision to include those families under the scheme was taken by Prime Minister Narendra Modi in Wednesday's cabinet meeting.

Following the Pakistani aggression in J&K in 1947, as many as 31,619 families migrated from Pakistan occupied Areas of J&K (PoJK) to the state of J&K. Of these, 26,319 families settled in J&K and the remaining 5300 moved to other states. Later on, these families again returned to J&K and settled here.


Conclusion:With this decision taken by the Union Cabinet, these 5300 families could be able to earn a reasonable monthly income and be part of mainstream economic activity.

The union cabinet in 2016 had approved rehabilitation package for displaced families of PoJK and Chhamb area under the PM's development package 2015 for Jammu & Kashmir.

end.
Last Updated : Oct 10, 2019, 12:11 AM IST
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