नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर से 1947 में विस्थापित उन 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज में शामिल करने की मंजूरी दे दी है, जिन्होंने शुरू में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था. बाद में लौटकर जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया.
कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने से जम्मू-कश्मीर के ऐसे विस्थापित परिवार वर्तमान योजना के अंतर्गत 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे. साथ ही बदले में उन्हें लगातार कुछ आमदनी हो सकेगी, जिसका वर्तमान योजना में लक्ष्य रखा गया है.
यहां यह बता देना जरूरी है कि जम्मू-कश्मीर में 1947 के पाकिस्तानी आक्रमण के मद्देनजर, 31,619 परिवार जम्मू-कश्मीर के पाक-अधिकृत क्षेत्रों (पीओजेके) से पलायन करके जम्मू-कश्मीर राज्य में चले गये थे.
इनमें से 26,319 परिवार जम्मू-कश्मीर राज्य में बस गये और 5300 परिवारों ने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से बाहर निकलकर देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था.
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान छम्ब नियाबत क्षेत्र से 10,065 और परिवार विस्थापित हो गये थे. इनमें से 1965 के युद्ध के दौरान 3500 परिवार और 1971 के युद्ध के दौरान 6565 परिवार विस्थापित हुए.
पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : आर्टिकल 370 पर फैसले का विरोध, LOC की तरफ बढ़े JKLF प्रदर्शनकारी
मंत्रिमंडल द्वारा 30.11.2016 को मंजूर पैकेज के अंतर्गत 36,384 विस्थापित परिवारों को शामिल किया गया. इनमें पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर से 26,319 विस्थापित परिवार और छम्ब नियाबत इलाके से विस्थापित 10,065 परिवार जम्मू-कश्मीर में बस गये थे.
पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के 5300 विस्थापित परिवारों को, जिन्होंने आरंभ में जम्मू-कश्मीर राज्य से देश के अन्य भागों में जाने का विकल्प चुना था, मंजूर पैकेज में शामिल नहीं किया गया. अब इन 5300 परिवारों में से उन विस्थापित परिवारों को पैकेज में शामिल किया जा रहा है, जिन्होंने आरंभ में राज्य से बाहर जाने का विकल्प चुना था, लेकिन बाद में वे जम्मू-कश्मीर लौट आए और वहां पर बस गये,
इससे विस्थापित परिवारों की वित्तीय सहायता की जरूरत से प्रभावी तरीके से निबटने की सरकार की क्षमता बढ़ेगी. बता दें, धनराशि की जरूरत को वर्तमान योजना के लिए पहले से ही मंजूर धनराशि से पूरा किया जाएगा.