नई दिल्ली : भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय सांप्रदायिक ड्रामा है. ईटीवी भारत से बातचीत में सिन्हा ने कहा, 'यह देश के माहौल को खराब करने की कोशिश है, ध्रुवीकरण करना उनकी पुरानी राजनीति है, उसको जिंदा रखने के लिए ही यह कदम है.'
गौरतलब है कि एआईएमएलपीबी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने कहा है कि एक महीने में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी. इसके साथ ही अयोध्या में अन्य जगह पांच एकड़ जमीन लेने से भी बोर्ड ने इनकार कर दिया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाया था. फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
AIMPLB के फैसले पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ठोस तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित है और किसी भी पुनर्विचार याचिका से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बता दें कि आलोक कुमार जो खुद एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और हाल ही में दायर किये गए कुछ अन्य पुनर्विचार याचिकाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फैसले पर दोबारा विचार किए जाने की संभावना कम है.
वहीं भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर जमकर निशाना साधा. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय मात्र सांप्रदायिक ड्रामा है, वह देश का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रहा है.
सिन्हा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश में सद्भावना का माहौल बना हुआ. वर्षों पुराने विवाद को बिना किसी क्रिया, प्रतिक्रिया, आपसी रंजिश के सुलझा लिया गया.
उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक अवसर था. उस अवसर पर न किसी ने जश्न मनाया और न किसी ने दुख जताया. लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो रास्ता तैयार कर रहा है, वह एक सांप्रदायिक ड्रामा है.'
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राकेश सिन्हा ने कहा, 'वैसे पूरे मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कोई वैधानिक हक नहीं है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग अपवादस्वरूप हैं, जो सांप्रदायिकता की राजनीति की दुकान को जिंदा रखने के लिए इस तरह के कदम को संजीवनी मान रहे हैं, लेकिन मैं देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि इन्हें खारिज कर दें.'
अयोध्या फैसले ने देश को एक किया
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह देश धर्म के आधार पर 14 अगस्त 1947 को बांटा गया था, लेकिन नौ नवम्बर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरे देश को एक किया है.
शाहनवाज ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरा मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. मुझे अब तक जितने भी मुस्लिम भाई मिले हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय का फैसला स्वीकार है. बोर्ड को भी पुनर्विचार याचिका दायर करने का विचार त्याग देना चाहिए.'