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अयोध्या फैसले पर AIMPLB का कदम महज सांप्रदायिक ड्रामा : राकेश सिन्हा

भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमएलपीबी) के निर्णय को सांप्रदायिक ड्रामा बताया है तो वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि अयोध्या विवाद पर कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले को सभी मुस्लिम भाइयों ने स्वीकार किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 17, 2019, 10:23 PM IST

Updated : Nov 18, 2019, 9:28 AM IST

राकेश सिन्हा

नई दिल्ली : भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय सांप्रदायिक ड्रामा है. ईटीवी भारत से बातचीत में सिन्हा ने कहा, 'यह देश के माहौल को खराब करने की कोशिश है, ध्रुवीकरण करना उनकी पुरानी राजनीति है, उसको जिंदा रखने के लिए ही यह कदम है.'

गौरतलब है कि एआईएमएलपीबी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने कहा है कि एक महीने में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी. इसके साथ ही अयोध्या में अन्य जगह पांच एकड़ जमीन लेने से भी बोर्ड ने इनकार कर दिया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाया था. फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.

AIMPLB के फैसले पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ठोस तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित है और किसी भी पुनर्विचार याचिका से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

AIMPLB के फैसले पर आलोक कुमार की प्रतिक्रिया

बता दें कि आलोक कुमार जो खुद एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और हाल ही में दायर किये गए कुछ अन्य पुनर्विचार याचिकाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फैसले पर दोबारा विचार किए जाने की संभावना कम है.

वहीं भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर जमकर निशाना साधा. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय मात्र सांप्रदायिक ड्रामा है, वह देश का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रहा है.

राकेश सिन्हा की प्रतिक्रिया

सिन्हा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश में सद्भावना का माहौल बना हुआ. वर्षों पुराने विवाद को बिना किसी क्रिया, प्रतिक्रिया, आपसी रंजिश के सुलझा लिया गया.

उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक अवसर था. उस अवसर पर न किसी ने जश्न मनाया और न किसी ने दुख जताया. लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो रास्ता तैयार कर रहा है, वह एक सांप्रदायिक ड्रामा है.'

पढ़ें : अयोध्या फैसला : AIMPLB दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका, मस्जिद के लिए दूसरी जगह मंजूर नहीं

राकेश सिन्हा ने कहा, 'वैसे पूरे मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कोई वैधानिक हक नहीं है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग अपवादस्वरूप हैं, जो सांप्रदायिकता की राजनीति की दुकान को जिंदा रखने के लिए इस तरह के कदम को संजीवनी मान रहे हैं, लेकिन मैं देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि इन्हें खारिज कर दें.'

अयोध्या फैसले ने देश को एक किया
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह देश धर्म के आधार पर 14 अगस्त 1947 को बांटा गया था, लेकिन नौ नवम्बर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरे देश को एक किया है.

शाहनवाज हुसैन की प्रतिक्रिया

शाहनवाज ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरा मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. मुझे अब तक जितने भी मुस्लिम भाई मिले हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय का फैसला स्वीकार है. बोर्ड को भी पुनर्विचार याचिका दायर करने का विचार त्याग देना चाहिए.'

नई दिल्ली : भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय सांप्रदायिक ड्रामा है. ईटीवी भारत से बातचीत में सिन्हा ने कहा, 'यह देश के माहौल को खराब करने की कोशिश है, ध्रुवीकरण करना उनकी पुरानी राजनीति है, उसको जिंदा रखने के लिए ही यह कदम है.'

गौरतलब है कि एआईएमएलपीबी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने कहा है कि एक महीने में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी. इसके साथ ही अयोध्या में अन्य जगह पांच एकड़ जमीन लेने से भी बोर्ड ने इनकार कर दिया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले में गत नौ नवम्बर को फैसला सुनाया था. फैसले में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.

AIMPLB के फैसले पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ठोस तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित है और किसी भी पुनर्विचार याचिका से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

AIMPLB के फैसले पर आलोक कुमार की प्रतिक्रिया

बता दें कि आलोक कुमार जो खुद एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और हाल ही में दायर किये गए कुछ अन्य पुनर्विचार याचिकाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फैसले पर दोबारा विचार किए जाने की संभावना कम है.

वहीं भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर जमकर निशाना साधा. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय मात्र सांप्रदायिक ड्रामा है, वह देश का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रहा है.

राकेश सिन्हा की प्रतिक्रिया

सिन्हा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश में सद्भावना का माहौल बना हुआ. वर्षों पुराने विवाद को बिना किसी क्रिया, प्रतिक्रिया, आपसी रंजिश के सुलझा लिया गया.

उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक अवसर था. उस अवसर पर न किसी ने जश्न मनाया और न किसी ने दुख जताया. लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो रास्ता तैयार कर रहा है, वह एक सांप्रदायिक ड्रामा है.'

पढ़ें : अयोध्या फैसला : AIMPLB दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका, मस्जिद के लिए दूसरी जगह मंजूर नहीं

राकेश सिन्हा ने कहा, 'वैसे पूरे मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कोई वैधानिक हक नहीं है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग अपवादस्वरूप हैं, जो सांप्रदायिकता की राजनीति की दुकान को जिंदा रखने के लिए इस तरह के कदम को संजीवनी मान रहे हैं, लेकिन मैं देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि इन्हें खारिज कर दें.'

अयोध्या फैसले ने देश को एक किया
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह देश धर्म के आधार पर 14 अगस्त 1947 को बांटा गया था, लेकिन नौ नवम्बर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरे देश को एक किया है.

शाहनवाज हुसैन की प्रतिक्रिया

शाहनवाज ने ईटीवी भारत से कहा, 'मेरा मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. मुझे अब तक जितने भी मुस्लिम भाई मिले हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय का फैसला स्वीकार है. बोर्ड को भी पुनर्विचार याचिका दायर करने का विचार त्याग देना चाहिए.'

Intro:'मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राम मंदिर पर SC के फैसले के विरुद्ध रिव्यू पिटिशन डालने का निर्णय संप्रदायिक ड्रामा है'

नयी दिल्ली- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का निर्णय किया है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है, बोर्ड ने कहा है कि 1 महीने में समीक्षा याचिका दायर की जाएगी और अयोध्या में 5 एकड़ जमीन लेने से भी बोर्ड ने इनकार कर दिया है


Body:बता दें सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद मामले में 9 नवंबर को फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था

वही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने हमला बोला है, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध रिव्यू पिटिशन डालने का निर्णय मात्र संप्रदायिक ड्रामा है, वह देश की सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं


Conclusion:राकेश सिन्हा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद देश में सद्भावना का माहौल बना और वर्षों पुराने विवाद को बिना किसी क्रिया, प्रतिक्रिया, आपसी रंजिश के सुलझा लिया गया, ऐतिहासिक अवसर है उस अवसर पर ना किसी ने जश्न मनाया ना किसी ने दुख जताया लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो रास्ता तैयार कर रहा है वह एक सांप्रदायिक ड्रामा है, देश के माहौल को खराब करने की कोशिश है, ध्रुवीकरण की उनकी जो पुरानी राजनीति है उसको जिंदा रखने के लिए कदम है

राकेश सिन्हा ने कहा कि वैसे पूरे मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कोई वैधानिक हक नहीं है, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग अपवाद स्वरूप में हैं जो सांप्रदायिकता की राजनीति की दुकान को जिंदा रखने के लिए इस तरह के कदम को संजीवनी मान रहे हैं लेकिन मैं देश मुसलमानों से कहना चाहता हु कि ने खारिज कर दें
Last Updated : Nov 18, 2019, 9:28 AM IST
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