बेंगलुरु : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने वाली युवती अमूल्या के चिकमगलूर स्थित घर पर गुरुवार देर रात उपद्रवियों द्वारा हमला किया गया. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने बताया कि कल की घटना के खिलाफ हिंदू जागरण वेदिके के विरोध के दौरान, एक लड़की कन्नड़ में 'दलित मुक्ति, कश्मीर मुक्ति और मुस्लिम मुक्ति' लिखा बैनर हाथ में लिए उनके बीच बैठ गई. इसके बाद भीड़ ने लड़की पर हमला कर दिया. लड़की को भीड़ से बाहर निकालकर लाया गया, फिलहाल वह हिरासत में है. महिला का नाम अरुद्र है, जिसने 'दलित मुक्ति, कश्मीर मुक्ति और मुस्लिम मुक्ति' का बैनर पढ़ने के लिए हिरासत में लिया गया है.
वहीं इस मसले पर बेंगलुरु पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा कि लड़की (अमूल्या) और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. हम आयोजकों की भूमिका जांच रहे हैं. माननीय सांसद (असदुद्दीन ओवैसी) की भूमिका कहीं नहीं है क्योंकि वह भी इस कार्यक्रम में एक आमंत्रित अतिथि थे.
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अमूल्या एक ऐसी जगह से आती है, जहां नक्सली लंबे समय से सक्रिय हैं. उसने फेसबुक पर बहुत सारी पोस्ट शेयर की हैं. हम इन सभी कारणों की भी जांच करेंगे.
बता दें कि इससे पहले बेंगलुरु में श्री राम सेना और हिंदू जनजागृति समिति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
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इस विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमूल्या को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. उनके पिता ने भी कहा है कि वह उसकी रक्षा नहीं करेंगे. अब यह साबित हो गया कि उसका नक्सलियों से संपर्क था. उचित सजा मिलनी चाहिए.