पटना : बिहार के गोपालगंज जिले में सदर प्रखंड की माणिकपुर गांव निवासी विजय बहादुर गिरी की बेटी सरिता गिरी ने नेपाल के सदन में भारत की वकालत कर बेटी धर्म का पालन किया. इसके बाद नेपाल ने सांसद की सदस्यता रद्द कर दी. सरिता की सदस्यता रद्द होने पर मायके के लोगो में दुख के साथ फक्र भी है कि उन्होंने अपने परिवार और जिले का मान बढ़ाया है.
गोपालगंज के सदर प्रखंड के माणिकपुर गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी रहे स्वर्गीय जलेश्वर गिरी के पुत्र विजय बहादुर गिरी की बेटी सरिता गिरी की शादी सन 1979 में नेपाल में लहान के पास बस्तीपुर में हुई थी. 2007 में वह नेपाली समाजवादी पार्टी से सांसद चुनी गई. इसके बाद सरिता श्रम मंत्री बनीं.
नेपाल-भारत में तनावपूर्ण माहौल
सरिता गिरी वर्तमान में राज्यसभा सांसद थीं. नेपाल भारत सीमा विवाद के कारण तनावपूर्ण माहौल के बीच 18 मई को नेपाल ने एक नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के तीन हिस्से लिपुलेख, लिम्पियाधुरा, कालापानी को अपना हिस्सा बताते हुए सदन में पारित करने के लिए पेश किया.
मायके के लोग मायूस
संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर सांसद सरिता गिरी ने खुलेआम विरोध करते हुए विधेयक को असंवैधानिक करार दिया. साथ ही उन्होंने इसे खारिज करने की वकालत की थी. इसके बाद स्थानीय सरकार ने सरिता की सदस्यता रद्द कर दी. इससे उनके मायके के लोग काफी मायूस और दुखी हैं.
बेटी-रोटी का संबंध
सरिता गिरी के चाचा टुन्ना गिरी ने कहा कि नेपाल के साथ भारत का बेटी-रोटी का संबंध है. धार्मिक सामाजिक रूप से दोनों देश एक हैं. सीता माता का मायका भी नेपाल है. उन्होंने कहा कि चाइना के प्रायोजित भारत विरोधी गतिविधियों में नेपाल के कुछ लोग शामिल हैं, लेकिन 75 प्रतिशत लोग सरिता गिरी के साथ हैं.
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'जारी रहेगी लड़ाई'
टुन्ना गिरी ने बताया कि सरिता गिरी से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगी, लेकिन पीछे नही हटूंगी. सरिता ने कहा कि मेरी सदस्यता रहे या न रहे यह लड़ाई जारी रहेगी.