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हिमाचल में स्पेशल प्रजाति के लंगूर, पूरे विश्व में सिर्फ चंबा में ही पाए जाने का दावा

हिमाचल के चंबा जिले में लंगूर की विश्व भर से अलग प्रजाति पाई गई है. विभाग की ओर से इस प्रजाति की यहां मौजूदगी को लेकर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं. कश्मीर और पाकिस्तान में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं जताई जा रही हैं. पढ़ें पूरा विवरण

चंबा में हैं स्पेशल प्रजाति के लंगूर
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Published : Jun 27, 2019, 9:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौजूदगी सुर्खियों में है. चंबा में लंगूर की विश्व भर से अलग प्रजाति पाई गई है. गउला नाम की यह विशेष प्रजाति सिर्फ चंबा जिले में ही पाई जाती है.

रोचक है कि देश में लंगूर की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें उत्तर भारत में तीन शामिल हैं. वहीं, गउला नामक लंगूर की प्रजाति पूरे विश्व में सिर्फ चंबा में पाई जाती है. हालांकि, कश्मीर और पाकिस्तान में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं जरूर अभी तक जताई जा रही हैं.

सात वर्षों से चंबा जिले में गउला पर रिसर्च कर रहे विशाल आहूजा ने ये दावा किया है. बहरहाल, लंगूर की दुर्लभ प्रजाति मिलने के बाद वन्य प्राणी विभाग भी इसके संरक्षण को लेकर कोशिश करने लगा है.

ये भी पढे़ं- डायनासोर की एक प्रजाति में जन्म से ही उड़ने की क्षमता थी, ऐसा कोई दूसरा जीव नहीं

वाइल्ड लाइफ डिवीजन चंबा के डीएफओ निशांत मंढौत्रा का कहना है कि गउला प्रजाति के लंगूर सिर्फ चंबा में ही पाए जाते हैं. इसके संरक्षण को लेकर विभाग की ओर से जल्द कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से इस प्रजाति की यहां मौजूदगी को लेकर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, लंगूर की गउला प्रजाति को स्केयर्ड लंगूर के नाम से भी जाना जाता है. ये फल, बीज, फूल, जड़ें, छाल और कलियां खाते हैं. गउला प्रजाति के लंगूर 20 से 30 के समूह में रहते हैं. जिले में ये प्रजाति प्रदेश की दूसरी बड़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कुगती के अलावा कालाटोप, खज्जियार, भांदल, जसौरगढ़, दियोला आदि क्षेत्रों में पाई गई है. इसके अलावा भरमौर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में भी इस प्रजाति के लंगूर देखे जा सकते हैं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौजूदगी सुर्खियों में है. चंबा में लंगूर की विश्व भर से अलग प्रजाति पाई गई है. गउला नाम की यह विशेष प्रजाति सिर्फ चंबा जिले में ही पाई जाती है.

रोचक है कि देश में लंगूर की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें उत्तर भारत में तीन शामिल हैं. वहीं, गउला नामक लंगूर की प्रजाति पूरे विश्व में सिर्फ चंबा में पाई जाती है. हालांकि, कश्मीर और पाकिस्तान में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं जरूर अभी तक जताई जा रही हैं.

सात वर्षों से चंबा जिले में गउला पर रिसर्च कर रहे विशाल आहूजा ने ये दावा किया है. बहरहाल, लंगूर की दुर्लभ प्रजाति मिलने के बाद वन्य प्राणी विभाग भी इसके संरक्षण को लेकर कोशिश करने लगा है.

ये भी पढे़ं- डायनासोर की एक प्रजाति में जन्म से ही उड़ने की क्षमता थी, ऐसा कोई दूसरा जीव नहीं

वाइल्ड लाइफ डिवीजन चंबा के डीएफओ निशांत मंढौत्रा का कहना है कि गउला प्रजाति के लंगूर सिर्फ चंबा में ही पाए जाते हैं. इसके संरक्षण को लेकर विभाग की ओर से जल्द कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से इस प्रजाति की यहां मौजूदगी को लेकर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, लंगूर की गउला प्रजाति को स्केयर्ड लंगूर के नाम से भी जाना जाता है. ये फल, बीज, फूल, जड़ें, छाल और कलियां खाते हैं. गउला प्रजाति के लंगूर 20 से 30 के समूह में रहते हैं. जिले में ये प्रजाति प्रदेश की दूसरी बड़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कुगती के अलावा कालाटोप, खज्जियार, भांदल, जसौरगढ़, दियोला आदि क्षेत्रों में पाई गई है. इसके अलावा भरमौर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में भी इस प्रजाति के लंगूर देखे जा सकते हैं.



---------- Forwarded message ---------
From: ajay sharma <ajay76597@gmail.com>
Date: Thu, Jun 27, 2019 at 1:46 AM
Subject: -विश्व में केवल चंबा में ही पाई जाती है लंगूर की यह प्रजाति,
To: rajneeshkumar <rajneeshkumar@etvbharat.com>


अजय शर्मा, चंबा
दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौजूदगी को लेकर चर्चा में रहने वाले जिला चंबा
का नाम फिर सुर्खियों में है। इस मर्तबा जिले में लंगूर की एक ऐसी
प्रजाति यहां पर पाई गई है, जो विश्व भर में मात्र चंबा में ही पाई जाती
है। रोचक है देश में लंगूर की नौ प्रजातियां पाई जाती है। जिनमें उतर
भारत में तीन शामिल है। बडी बात है कि उतर भारत में शामिल चंबा जिले में
गउला नामक प्रजाति ऐसी है, जो केवल चंबा में ही पाई गई है। हांलाकि
कश्मीर और पाकिस्तान में इनकी मौजूदगी की संभावनाएं जरूर अभी तक जताई जा
रही है। सात वर्षो से चंबा जिले में गउला पर रिसर्च कर रहे विशाल आहूजा
ने यह दावा किया है। बहरहाल लंगूर की दुर्लभ प्रजाति मिलने के बाद वन्य
प्राणी विभाग भी इसके संरक्षण को लेकर प्रयास करने लगा है। खबर की पुष्टि
वाईल्ड लाईफ के डीएफओ निशांत मंढौत्रा ने की है।
                                         जानकारी के अनसार लंगूर की
गउला प्रजाति  को सकेयेर्ड लंगूर के नाम से भी जाना जाता है। यह फल, बीज,
फूल, जडें, छाल और कलियां खाते है। यह गउला प्रजाति के लंगूर 20 से 30 के
समूह में रहते है। जिले में यह प्रदेश की दूसरी बडी वाईल्ड लाईफ सेंचुरी
कुगती के अलावा कालाटोप, खज्जियार, भांदल, जसौरगढ,दियोला आदि क्षेत्रों
में पाई गई है। इसके अलावा भरमौर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में भी इस
प्रजाति के लंगूर देखे जा सकते है। उधर, वाईल्ड लाईफ डिवीजन चंबा के
डीएफओ निशांत मंढौत्रा ने कहा कि गउला प्रजाति के लंगूर केवल मात्र चंबा
में ही पाए जाते है। इसके संरक्षण को लेकर विभाग की ओर से जल्द कदम उठाए
जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से इस प्रजाति की यहां मौजूदगी को
लेकर बोर्ड भी लगाए जा रहे है।
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