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सुप्रीम कोर्ट ने निशंक के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर लगाई रोक

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Published : Oct 26, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 1:06 PM IST

रमेश पोखरियाल निशंक पहुंचे उच्चतम न्यायालय की शरण में
रमेश पोखरियाल निशंक पहुंचे उच्चतम न्यायालय की शरण में

11:30 October 26

रमेश पोखरियाल निशंक -

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बंगलों के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराए का भुगतान ना करने के मामले में केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल के खिलाफ उच्च न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन के नेतृत्व में एक पीठ ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की ओर से दायर याचिका पर अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी.

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन मई को राज्य के मुख्यमंत्रियों को पद छोड़ने के बाद से, वे जितने भी समय सरकारी आवास में रहे, उस अवधि का बाजार दर से किराया देने का आदेश दिया था.

उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में 2001 से सभी सरकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया था.

अदालत ने राज्य द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदान की जाने वाली बिजली, पानी, पेट्रोल, तेल, जैसी सुविधाओं के लिए देय और भुगतान की जाने वाली पूरी राशि का राज्य सरकार द्वारा आदेश की तारीख से चार महीने के अंदर हिसाब किताब करने का निर्देश दिया था.

11:30 October 26

रमेश पोखरियाल निशंक -

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बंगलों के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा कथित रूप से किराए का भुगतान ना करने के मामले में केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल के खिलाफ उच्च न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन के नेतृत्व में एक पीठ ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की ओर से दायर याचिका पर अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी.

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन मई को राज्य के मुख्यमंत्रियों को पद छोड़ने के बाद से, वे जितने भी समय सरकारी आवास में रहे, उस अवधि का बाजार दर से किराया देने का आदेश दिया था.

उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में 2001 से सभी सरकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया था.

अदालत ने राज्य द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्रदान की जाने वाली बिजली, पानी, पेट्रोल, तेल, जैसी सुविधाओं के लिए देय और भुगतान की जाने वाली पूरी राशि का राज्य सरकार द्वारा आदेश की तारीख से चार महीने के अंदर हिसाब किताब करने का निर्देश दिया था.

Last Updated : Oct 26, 2020, 1:06 PM IST
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