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आत्मनिर्भर भारत स्कीम के अधीन 17 राज्यों ने खाद्यान्नों का उठाव शुरू किया है : रामविलास पासवान

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Published : May 22, 2020, 9:25 PM IST

अब तक 17 राज्यों ने आत्मनिर्भर भारत स्कीम के अधीन खाद्यान्नों का उठाव शुरू कर दिया है- रामविलास पासवान

रामविलास पासवान
रामविलास पासवान

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने आज राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खाद्य मंत्रियों और खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चार घंटे तक बैठक की है.

पासवान ने बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, आत्म निर्भर भारत पैकेज, 'वन नेशन वन राशन कार्ड योजना' की प्रगति की समीक्षा की है. इन योजनाओं को सुचारु रूप से चलाने पर चर्चा हुई है. सभी राज्यों ने पीएम मोदी व खाद्य मंत्रालय को धन्यवाद दिया कि कोरोना संकट में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के हर आदमी तक खाद्य मंत्रालय ने अनाज पहुंचाया है.

रामविलास पासवान ने बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर चर्चा करते हुए कहा कि आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अधीन भारत सरकार द्वारा आठ लाख टन गेहूं/चावल तथा 39000 मीट्रिक टन दालों का आवंटन जारी किया गया है. ऐसे प्रवासी मजदूर जो न तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधीन आते हैं और न ही वे राज्य की किसी अन्य पीडीएस स्कीम के अधीन कवर किए गए हैं. उनको इस योजना से काफी लाभ मिला है.

इन आठ करोड़ प्रवासियों के लिए दो महीने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह निशुल्क पांच किलोग्राम गेहूं/चावल और उनके 1.96 करोड़ परिवारों के लिए प्रति परिवार एक किलोग्राम चना वितरित किया जा रहा है. अब तक 17 राज्यों ने आत्मनिर्भर भारत स्कीम के अधीन खाद्यान्नों का उठाव शुरू कर दिया है और तमिलनाडु, हरियाणा तथा त्रिपुरा ने इस स्कीम के तहत वितरण भी शुरू कर दिया है. ट

रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि PMGKAY के अधीन 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों के लिए सभी राज्यों को अप्रैल से जून 2020 तक के लिए मुफ्त में पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिमाह अतिरिक्त खाद्यान्न और एक किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह चना/दाल वितरित किया जा रहा है.

PMGKAY के अधीन अब तक मई 2020 के लिए लगभग 61 प्रतिशत खाद्यान्न का वितरण राज्यों द्वारा कर दिया गया है. PMGKAY के तहत कुल दाल की आवश्यकता अगले तीन माह के लिए 5.87 लाख मीट्रिक टन (LMT) है.

पासवान ने कहा कि नेफेड द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अबतक लगभग 4.05 LMT दाल राज्यों को भेजी गई है.

केंद्रीयमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधीन मासिक रूप से आवंटित 93 फीसदी से अधिक खाद्यान्न का वितरण अप्रैल 2020 में कर दिया गया है, जबकि मई का लगभग 75 फीसदी आवंटन अब तक राज्यों द्वारा कर दिया गया है.

पढ़ें- आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की, फिक्की महासचिव ने फैसले का स्वागत किया

बैठक में रामविलास ने एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि देश भर के नागरिक अपने हिस्से का राशन देश के किसी भी राशन की दुकान से ले सकें, इसके लिए देश में वन नेशन-वन राशनकार्ड की सुविधा लागू की जा रही है.

यह योजना अब तक आन्ध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमण-दीव सहित 17 राज्यों में लागू हो चुकी है. आगामी जून, 2020 तक ओडिशा, नागालैंड और मिजोरम राज्यों के जुड़ जाने से देश के कुल 20 राज्यों में यह योजना कार्यान्वित हो जाएगी. इसी प्रकार एक अगस्त, 2020 को उत्तराखण्ड, सिक्किम और मणिपुर सहित 3 राज्य और इस योजना से जुड़ जाएंगे. 31 मार्च, 2021 तक पूरे देश में यह योजना लागू हो जाएगी.

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने आज राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खाद्य मंत्रियों और खाद्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चार घंटे तक बैठक की है.

पासवान ने बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, आत्म निर्भर भारत पैकेज, 'वन नेशन वन राशन कार्ड योजना' की प्रगति की समीक्षा की है. इन योजनाओं को सुचारु रूप से चलाने पर चर्चा हुई है. सभी राज्यों ने पीएम मोदी व खाद्य मंत्रालय को धन्यवाद दिया कि कोरोना संकट में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के हर आदमी तक खाद्य मंत्रालय ने अनाज पहुंचाया है.

रामविलास पासवान ने बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर चर्चा करते हुए कहा कि आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अधीन भारत सरकार द्वारा आठ लाख टन गेहूं/चावल तथा 39000 मीट्रिक टन दालों का आवंटन जारी किया गया है. ऐसे प्रवासी मजदूर जो न तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधीन आते हैं और न ही वे राज्य की किसी अन्य पीडीएस स्कीम के अधीन कवर किए गए हैं. उनको इस योजना से काफी लाभ मिला है.

इन आठ करोड़ प्रवासियों के लिए दो महीने के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह निशुल्क पांच किलोग्राम गेहूं/चावल और उनके 1.96 करोड़ परिवारों के लिए प्रति परिवार एक किलोग्राम चना वितरित किया जा रहा है. अब तक 17 राज्यों ने आत्मनिर्भर भारत स्कीम के अधीन खाद्यान्नों का उठाव शुरू कर दिया है और तमिलनाडु, हरियाणा तथा त्रिपुरा ने इस स्कीम के तहत वितरण भी शुरू कर दिया है. ट

रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि PMGKAY के अधीन 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों के लिए सभी राज्यों को अप्रैल से जून 2020 तक के लिए मुफ्त में पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिमाह अतिरिक्त खाद्यान्न और एक किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह चना/दाल वितरित किया जा रहा है.

PMGKAY के अधीन अब तक मई 2020 के लिए लगभग 61 प्रतिशत खाद्यान्न का वितरण राज्यों द्वारा कर दिया गया है. PMGKAY के तहत कुल दाल की आवश्यकता अगले तीन माह के लिए 5.87 लाख मीट्रिक टन (LMT) है.

पासवान ने कहा कि नेफेड द्वारा दी गई सूचना के अनुसार अबतक लगभग 4.05 LMT दाल राज्यों को भेजी गई है.

केंद्रीयमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधीन मासिक रूप से आवंटित 93 फीसदी से अधिक खाद्यान्न का वितरण अप्रैल 2020 में कर दिया गया है, जबकि मई का लगभग 75 फीसदी आवंटन अब तक राज्यों द्वारा कर दिया गया है.

पढ़ें- आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की, फिक्की महासचिव ने फैसले का स्वागत किया

बैठक में रामविलास ने एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि देश भर के नागरिक अपने हिस्से का राशन देश के किसी भी राशन की दुकान से ले सकें, इसके लिए देश में वन नेशन-वन राशनकार्ड की सुविधा लागू की जा रही है.

यह योजना अब तक आन्ध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमण-दीव सहित 17 राज्यों में लागू हो चुकी है. आगामी जून, 2020 तक ओडिशा, नागालैंड और मिजोरम राज्यों के जुड़ जाने से देश के कुल 20 राज्यों में यह योजना कार्यान्वित हो जाएगी. इसी प्रकार एक अगस्त, 2020 को उत्तराखण्ड, सिक्किम और मणिपुर सहित 3 राज्य और इस योजना से जुड़ जाएंगे. 31 मार्च, 2021 तक पूरे देश में यह योजना लागू हो जाएगी.

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