नई दिल्लीः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत नियम बनाने के लिए बैठक की. बैठक में पासवान ने कहा कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून से संबंधित नियम दिसम्बर तक बन कर तैयार हो जाएगा.
दिल्ली के कृषि भवन में आज उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत नियम बनाने के लिए बैठक की गई.
बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता, खाद्य एंव सार्वजनिक मंत्री रामविलास पासवान ने की.
बैठक में तीन लोकसभा, सात राज्यसभा सांसद सहित उपभोक्ता विभाग के मौजूदा और पूर्व सचिव तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
बैठक में नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के सभी अहम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई. इसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, राज्य और राष्ट्रीय आयोग मध्यस्थता, ई वाणिज्य नियम जैसे विषय शामिल हैं.
बैठक खत्म होने के बाद रामविलास पासवान ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में विधेयक पर चर्चा के दौरान जिन सांसदों ने सुझाव दिए थे उन्हें ही खुली चर्चा के लिए आज आमंत्रित किया गया था ताकि उनके सुझाव को नियम में शामिल किया जा सके.
रामविलास पासवान ने कहा कि नियमों को लेकर सुझाव देने के लिए लोगों को 15 दिसंबर तक का समय दिया गया है और कानून के अनुरूप ही नियम बनाये जाएंगे.
कई सांसदों का मानना है कि नए कानून के तहत ई-कॉमर्स गाइडलाइन को नियमों के हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए, सांसदों के इन सुझावों को मानेंगे.
बता दें इस विधेयक में स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल नहीं किया गया है. नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के कई अहम प्रावधान हैं. मिलावट और भ्रामक विज्ञापनों के लिए जेल भेजने सहित कठोर दंड का प्रावधान कियाा गया है.
रामविलास पासवान ने कहा है कि भ्रामक विज्ञापनों के निर्माताओं के लिए जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. मशहूर हस्तियों के लिए जेल का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन वह अगर भ्रामक विज्ञापन करेंगे तो उनको एक साल तक प्रतिबंधित किया जाएगा.
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पासवान ने कहा कि कंपनी अपने उत्पाद को लेकर जो दावा करती है और यदि उस पर खरा नहीं उतरती है तो उसे जेल की भी सजा हो सकती है.