अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में शनिवार को बैठक हुई. बैठक में मंदिर की आधारशिला और पीएम मोदी के आगमन सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई. बैठक में शामिल ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा सकती है. इसके लिए तीन और पांच अगस्त की तारीख तय की गई है. दोनों तारीखों को पीएमओ के पास भेजा गया है. बैठक में ट्रस्ट ने संतों की मांग को ध्यान में रखते हुए, श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मॉडल में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. शिलान्यास की तिथि की घोषणा पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद की जाएगी.
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि हमने राम मंदिर की नींव रखने की तारीख के रूप में- तीन अगस्त और पांच अगस्त में किसी एक को चुनने के लिए प्रधानमंत्री को दो तारीखें भेजी हैं. जिस दिन पर उनकी सहमति होगी, उसी दिन से काम शुरू कर दिया जाएगा.
मंदिर में तीन की जगह होंगे पांच गुंबद
सर्किट हाउस में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की करीब 3 घंटे चली बैठक में अंतिम रूप से अभी भी मंदिर निर्माण को लेकर सहमति नहीं बन सकी है. राम मंदिर समर्थकों ने इस बैठक को लेकर बड़ी उम्मीदें लगा रखी थीं. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने भी स्पष्ट किया था, कि इस बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. अंतिम रूप से प्रधानमंत्री के अयोध्या आगमन और राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर निर्णय ले लिया जाएगा.
बैठक में दो तिथियों को लेकर बनी सहमति
अयोध्या के सर्किट हाउस में बैठक के दौरान ट्रस्टियों के बीच दो तिथियों को लेकर निर्णय लिया गया है. तीन और पांच अगस्त में से किसी एक तिथि को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. वहीं बैठक के बाद ट्रस्टियों ने रामलला के दर्शन भी किए. अयोध्या के सर्किट हाउस में बैठक के बाद ट्रस्टी सीधे राम जन्मभूमि परिसर के लिए रवाना हो गए. यहां उन्होंने रामलला के दर्शन किए और मंदिर निर्माण को लेकर हो रही तैयारियों का जायजा भी लिया.
मंदिर के मॉडल में परिवर्तन का निर्णय
ट्रस्ट ने इस बैठक में श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मंदिर मॉडल में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. आपको बता दें कि संतों की मांग रही है, कि अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर का निर्माण किया जाए. पूरे 70 एकड़ में मंदिर का निर्माण किया जाए. हालांकि ट्रस्ट में श्रीराम जन्म भूमि न्यास के मॉडल में अधिक परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन गुंबदों की संख्या पहले से बढ़ाई गई है. मंदिर निर्माण को लेकर जहां पहले तीन गुंबदों के निर्माण की बात कही गई थी, वहीं अब पांच गुंबद बनाए जाने की बात कही गई है. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि संतों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि समाज के 10 करोड़ परिवारों से धनसंग्रह करने की चर्चा की गई है, इनसे संपर्क किया जाएगा. जब धनसंग्रह और बाकी की ड्राइंग पूरी हो जाएगी, उसके बाद तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर के निर्माण का काम पूरा कर दिया जाएगा.
श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के लिए अयोध्या में ट्रस्ट के पदाधिकारियों, शासन और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक की गई. इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 12 सदस्य मौजूद थे, जबकि तीन सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े रहे.
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गोविंददेव गिरी जी महाराज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं. बैठक में ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री के अयोध्या आगमन समेत सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अंतिम निर्णय आना अभी बाकी है. इन सभी मुद्दों पर आज की बैठक में चर्चा की गई है. अब देखना यह है कि ट्रस्ट का आगे का कार्यक्रम क्या होगा.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण को लेकर देरी नहीं करना चाहता. परिसर में नींव की तैयारी पूरी हो गई है. लार्सन एंड टूब्रो कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जन्मभूमि परिसर में डेरा डाल दिया है. ऐसे में बॉर्डर सिक्योरिटी के डायरेक्टर जनरल केके शर्मा अयोध्या पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले चुके हैं. मंदिर निर्माण के दौरान श्रीराम जन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर ट्रस्ट से उनकी चर्चा भी हो चुकी है.