देश में कोरोना वायरस के कहर के दौरान गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को परेशानी होने का दावा करते हुए कांग्रेस की एक सदस्य ने मांग की कि वे बीमारियां भी जानलेवा होती हैं. इसलिए कोविड के साथ ही इन बीमारियों के लिए भी सरकार को अलग से अवसंरचना, निवेश, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था करनी चाहिए.
कांग्रेस की अमी याज्ञिक ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ माह से कोरोना वायरस का कहर जारी है. कोविड—19 के दौरान डॉक्टर और चिकित्सा कर्मी इस बीमारी के इलाज में लगे हैं.
उन्होंने कहा ' लेकिन कोविड महामारी की वजह से गैर संचारी बीमारियों के मरीजों को वह अपेक्षित इलाज नहीं मिल पा रहा है जो मिलना चाहिए. '
अमी ने कहा 'गैर संचारी बीमारियों के मरीजों के लिए ओपीडी जरूरी है. डायलिसिस, कीमोथैरेपी, फिजियोथैरेपी, रेडियेशन आदि की ऐसे मरीजों को जरूरत है क्योंकि गैर संचारी बीमारियां भी जानलेवा होती हैं.'
उन्होंने कहा कि मधुमेह, रक्तचाप, गुर्दे काम नहीं करना, ह्दय रोग आदि बीमारियां कोविड के कारण नजर अंदाज नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा 'ये बीमारियां भी रहेंगी और कोविड भी निकट भविष्य में नहीं जाने वाला है.'
अमी ने कहा 'हालात को देखते हुए सरकार को चाहिए कि गैर संचारी बीमारियों के मरीजों के लिए अलग से अवसंरचना विकसित करे , इसके लिए अलग से निवेश की व्यवस्था की जाए और मानव संसाधन तथा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की व्यवस्था भी की जाए.'