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पूर्वी लद्दाख में कर्नल चेवांग रिनतेन सेतु का उद्घाटन, राजनाथ ने बताई रणनीतिक अहमियत - कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में एक रणनीतिक सेतु (bridge) का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का आतंरिक और अभिन्न अंग है. बता दें, सेतु का नाम कर्नल चेवांग रिनतेन सेतु रखा गया है. जानें पूरा विवरण

सियाचिन के कार्यक्रम में राजनाथ
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Published : Oct 21, 2019, 6:44 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 10:03 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लद्दाख पहुंचे. इस मौके पर पाकिस्‍तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक और अभिन्न अंग है. इस मौके पर राजनाथ सिंह ने एक पुल का उद्धाटन भी किया.

पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर बने कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज का उद्घाटन करने के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि सियाचिन क्षेत्र को अब पर्यटन और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. सियाचिन बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक पर्यटक जा सकते हैं.

राजनाथ सिंह का बयान

राजनाथ ने कहा, 'मुझे लद्दाख में श्योक नदी पर बने इस कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज को देश को समर्पित करते हुए बड़ी खुशी हो रही है. यह ना केवल हर मौसम में इस इलाके को बेहतर कनेक्टिविटी देगा बल्कि सीमा से लगे इलाकों के लिए यह इसका रणनीतिक महत्व भी होगा.' 430 मीटर लंबे इस सेतु से पूर्वी लद्दाख के दुर्बुक (Durbuk) और दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldie) क्षेत्र जुड़ता है.

उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वह हाल ही में तमिलनाडु के महाबलीपुर आए थे. इस दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच लगभग छह घंटे बात हुई, लेकिन जिनपिंग ने पीएम मोदी से कश्मीर मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा, क्योंकि वह मानते हैं कि कश्मीर को भारत का आतंरिक मुद्दा है.

उन्होंने आगे कहा कि चीन ने हाल में ही दुनिया के सारे देशों से अपील की है कि आतंकवाद के खिलाफ हम सब को पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़नी चाहिए.

राजनाथ ने कहा, 'भारत का चीन के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता है. दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर कुछ अवधारणात्मक मतभेद जरूर हैं, लेकिन इसे बेहद जिम्मेदारी और परिपक्वता के साथ संभाला गया है. दोनों देशों ने इस स्थिति को बढ़ने या फिर काबू से बाहर नहीं जाने दिया है.'

उन्होंने कहा, लद्दाख में एक कहावत है, बंजर धरती और ऊंचे दर्रे के कारण हमसे मिलने सबसे जिगरी दोस्त आते हैं या तो सबसे बड़े दुश्मन आते हैं.

ये भी पढ़ें : पाक ने आतंकी शिविर खत्म नहीं किये तो हम घुसकर उसे सबक सिखाएंगे : सत्यपाल मलिक

राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों की सराहना करते हुए कहा, 'जब मैं वीर जवानों को देखता हूं तो मैं आश्वस्त हो जाता हूं कि अब से यहां जो गहरा दोस्त होगा, वही आ सकेगा, दुश्मनों के आने की कोई गुंजाइश नहीं बची है.'

राजनाथ ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि उसने सदैव आतंकवादी हरकतों को बढ़ावा देकर भारत को कमजोर करने की कोशिश की है. इसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.

उन्होंने कहा कि पाक ऐसी हरकत जब भी करेगा, हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी.

नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को लद्दाख पहुंचे. इस मौके पर पाकिस्‍तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक और अभिन्न अंग है. इस मौके पर राजनाथ सिंह ने एक पुल का उद्धाटन भी किया.

पूर्वी लद्दाख में श्योक नदी पर बने कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज का उद्घाटन करने के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि सियाचिन क्षेत्र को अब पर्यटन और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. सियाचिन बेस कैंप से कुमार पोस्ट तक पर्यटक जा सकते हैं.

राजनाथ सिंह का बयान

राजनाथ ने कहा, 'मुझे लद्दाख में श्योक नदी पर बने इस कर्नल चेवांग रिनचेन ब्रिज को देश को समर्पित करते हुए बड़ी खुशी हो रही है. यह ना केवल हर मौसम में इस इलाके को बेहतर कनेक्टिविटी देगा बल्कि सीमा से लगे इलाकों के लिए यह इसका रणनीतिक महत्व भी होगा.' 430 मीटर लंबे इस सेतु से पूर्वी लद्दाख के दुर्बुक (Durbuk) और दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldie) क्षेत्र जुड़ता है.

उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वह हाल ही में तमिलनाडु के महाबलीपुर आए थे. इस दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच लगभग छह घंटे बात हुई, लेकिन जिनपिंग ने पीएम मोदी से कश्मीर मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा, क्योंकि वह मानते हैं कि कश्मीर को भारत का आतंरिक मुद्दा है.

उन्होंने आगे कहा कि चीन ने हाल में ही दुनिया के सारे देशों से अपील की है कि आतंकवाद के खिलाफ हम सब को पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़नी चाहिए.

राजनाथ ने कहा, 'भारत का चीन के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता है. दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर कुछ अवधारणात्मक मतभेद जरूर हैं, लेकिन इसे बेहद जिम्मेदारी और परिपक्वता के साथ संभाला गया है. दोनों देशों ने इस स्थिति को बढ़ने या फिर काबू से बाहर नहीं जाने दिया है.'

उन्होंने कहा, लद्दाख में एक कहावत है, बंजर धरती और ऊंचे दर्रे के कारण हमसे मिलने सबसे जिगरी दोस्त आते हैं या तो सबसे बड़े दुश्मन आते हैं.

ये भी पढ़ें : पाक ने आतंकी शिविर खत्म नहीं किये तो हम घुसकर उसे सबक सिखाएंगे : सत्यपाल मलिक

राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों की सराहना करते हुए कहा, 'जब मैं वीर जवानों को देखता हूं तो मैं आश्वस्त हो जाता हूं कि अब से यहां जो गहरा दोस्त होगा, वही आ सकेगा, दुश्मनों के आने की कोई गुंजाइश नहीं बची है.'

राजनाथ ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि उसने सदैव आतंकवादी हरकतों को बढ़ावा देकर भारत को कमजोर करने की कोशिश की है. इसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.

उन्होंने कहा कि पाक ऐसी हरकत जब भी करेगा, हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी.

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SIACHEN-RAJNATH
Govt decides to open Siachen to tourists
By Kunal Dutt
          Leh-Ladakh, Oct 21 (PTI) Government on Monday announced its decision to open Siachen area, the world's highest battlefield, to tourists.
          Defence Minister Rajnath Singh said the government has decided to open the entire area from Siachen base camp to Kumar Post for tourism purposes.
          The step has been taken to give people a window to appreciate the tough work done by Army jawans and engineers in extreme weather and inhospitable terrains, he said.
          Singh was addressing a function in eastern Ladakh to inaugurate Col Chewang Rinchin Bridge on Shyok River, located about 45 km from the county's border with China.
         "The Ladakh MP in his address, mentioned about opening this area to tourism. And, I am happy to share that the government has decided to open a route from Siachen Base Camp to Kumar Post for tourists," the minister said.
         "This step will make them appreciate the efforts put in by jawans, engineers and other workers," he said.
          Singh later tweeted, "The Siachen area is now open for tourists and Tourism. From Siachen Base to Kumar Post, the entire area has been opened for Tourism purposes".
          At the bridge inauguration, he said, only steel and concrete have not gone into its making, but "sweat and valour" of the engineers and workers of the Border Roads Organisation (BRO) too.
         They have toiled hard and people should know their stories, Singh said.
         The 1400-ft long bridge is the highest altitude permanent bridge that will connect Durbuk and Daulat Beg Oldi and reduce travel time by about half. PTI KND AB
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Last Updated : Oct 21, 2019, 10:03 PM IST
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