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एससीओ समिट : राजनाथ का पाकिस्तान पर निशाना, चीन को भी घेरा

मास्को में चल रही शंघाई सहयोग संगठन सदस्यों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लिया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हर तरह से आतंकवाद और उसके समर्थकों की निंदा करता है.

बैठक में शामिल हुए रक्षा मंत्री
बैठक में शामिल हुए रक्षा मंत्री
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Published : Sep 4, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 6:52 PM IST

मॉस्को : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) और CIS सदस्यों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की आवश्यकता है- जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और पारगमन जैसे अपराधों और आतंकवाद की निंदा करता है, और उसके समर्थकों की भी निंदा करता है.

उन्होंने कहा कि मैं आज फिर से पुष्टि करता हूं कि भारत एक वैश्विक सुरक्षा वास्तुकला के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जो खुले, पारदर्शी, समावेशी, नियमों पर आधारित है.

रक्षामंत्री ने बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी यादें सिखाती हैं कि एक देश का दूसरे देश के प्रति अच्छी भावना नहीं रखने के कारण सबकी तबाही हुई .

रक्षामंत्री ने कहा, 'मैं महामारी के सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए रूस की सरकार और लोगों को बधाई देता हूं.

हम स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए रूसी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सराहना करते हैं. मैं महामारी के इस समय में आपके सभी स्वास्थ्य और सफलता की कामना करता हूं! धन्यवाद

उन्होंने कहा कि भारत SCO क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना के कार्यों को महत्व देता है. हम चरमपंथ के प्रसार को रोकने के लिए साइबर डोमेन में हाल के कामों की सराहना करते हैं. चरमपंथी प्रचार और डी-रेडिकलाइजेशन का मुकाबला करने के लिए SCO काउंसिल द्वारा आतंकवाद विरोधी उपायों को अपनाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है.

हम रूसी संघ के वार्षिक आतंकवाद विरोधी अभ्यास 'शांति अभियान' के आयोजन के लिए आभारी हैं, जिसने रक्षा बलों के बीच विश्वास और अनुभव साझा करने में योगदान दिया है.

खाड़ी देशों को लेकर रक्षामंत्री ने कहा कि खाड़ी में सभी राज्यों के साथ भारत के महत्वपूर्ण हित और सभ्यता के संबंध हैं. हम इस क्षेत्र के देशों का आह्वान करते हैं - जो सभी भारत के प्रिय और मित्र हैं, वह आपसी सम्मान, संप्रभुता और आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के आधार पर बातचीत द्वारा मतभेदों को हल करें.

रक्षा मंत्रियों का संयुक्त फोटो सत्र
रक्षा मंत्रियों का संयुक्त फोटो सत्र

वहीं अफगानिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि SCO सदस्य देशों के बीच नोटों के आदान-प्रदान के लिए अफगानिस्तान पर SCO संपर्क समूह उपयोगी है. हम फारस की खाड़ी के हालात से भी चिंतित हैं.

पढ़ें- पैंगोंग त्सो तनाव : रूस में मिल सकते हैं भारत-चीन के रक्षा मंत्री

उन्होंने कहा कि SCO सदस्य राज्यों का शांतिपूर्ण स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र - जो वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक आबादी का घर है, विश्वास और सहयोग, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के प्रति सम्मान, एक-दूसरे के हित के लिए संवेदनशीलता और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की मांग करता है.

सैनिकों को श्रद्धांजलि देते राजनाथ
सैनिकों को श्रद्धांजलि देते राजनाथ

रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक से पहले द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शंघाई सहयोग संगठन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) और सीआईएस के सदस्य राज्यों के रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त फोटो सत्र में भाग लिया.

महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते रक्षामंत्री
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते रक्षामंत्री

इस दौरान रूस में विजेताओं को स्मारक पर फूल बिछाकर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा रक्षामंत्री ने रूसी सशस्त्र बल और संग्रहालय परिसर, 'मेमोरी रोड' के मुख्य गिरजाघर का दौरा किया.

साथ ही मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास पहुंच कर रक्षामंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.

बता दें कि गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी रूस यात्रा के दौरान भारत में AK-47 203 राइफल के विनिर्माण के लिए एक बड़ी डील को अंतिम रूप दे दिया.

AK-47 203, AK-47 राइफल का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है, जो भारतीय लघु शस्त्र प्रणाली (INSAS) 5.56x45 मिमी असॉल्ट राइफल का स्थान लेगा.

रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने कहा कि भारतीय सेना को लगभग 7,70,000 AK-47 203 राइफलों की आवश्यकता है, जिनमें से 100,000 का आयात किया जाएगा और शेष भारत में निर्मित किया जाएगा.

मॉस्को : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) और CIS सदस्यों के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की आवश्यकता है- जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और पारगमन जैसे अपराधों और आतंकवाद की निंदा करता है, और उसके समर्थकों की भी निंदा करता है.

उन्होंने कहा कि मैं आज फिर से पुष्टि करता हूं कि भारत एक वैश्विक सुरक्षा वास्तुकला के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जो खुले, पारदर्शी, समावेशी, नियमों पर आधारित है.

रक्षामंत्री ने बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी यादें सिखाती हैं कि एक देश का दूसरे देश के प्रति अच्छी भावना नहीं रखने के कारण सबकी तबाही हुई .

रक्षामंत्री ने कहा, 'मैं महामारी के सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए रूस की सरकार और लोगों को बधाई देता हूं.

हम स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए रूसी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सराहना करते हैं. मैं महामारी के इस समय में आपके सभी स्वास्थ्य और सफलता की कामना करता हूं! धन्यवाद

उन्होंने कहा कि भारत SCO क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना के कार्यों को महत्व देता है. हम चरमपंथ के प्रसार को रोकने के लिए साइबर डोमेन में हाल के कामों की सराहना करते हैं. चरमपंथी प्रचार और डी-रेडिकलाइजेशन का मुकाबला करने के लिए SCO काउंसिल द्वारा आतंकवाद विरोधी उपायों को अपनाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है.

हम रूसी संघ के वार्षिक आतंकवाद विरोधी अभ्यास 'शांति अभियान' के आयोजन के लिए आभारी हैं, जिसने रक्षा बलों के बीच विश्वास और अनुभव साझा करने में योगदान दिया है.

खाड़ी देशों को लेकर रक्षामंत्री ने कहा कि खाड़ी में सभी राज्यों के साथ भारत के महत्वपूर्ण हित और सभ्यता के संबंध हैं. हम इस क्षेत्र के देशों का आह्वान करते हैं - जो सभी भारत के प्रिय और मित्र हैं, वह आपसी सम्मान, संप्रभुता और आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के आधार पर बातचीत द्वारा मतभेदों को हल करें.

रक्षा मंत्रियों का संयुक्त फोटो सत्र
रक्षा मंत्रियों का संयुक्त फोटो सत्र

वहीं अफगानिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि SCO सदस्य देशों के बीच नोटों के आदान-प्रदान के लिए अफगानिस्तान पर SCO संपर्क समूह उपयोगी है. हम फारस की खाड़ी के हालात से भी चिंतित हैं.

पढ़ें- पैंगोंग त्सो तनाव : रूस में मिल सकते हैं भारत-चीन के रक्षा मंत्री

उन्होंने कहा कि SCO सदस्य राज्यों का शांतिपूर्ण स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र - जो वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक आबादी का घर है, विश्वास और सहयोग, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों के प्रति सम्मान, एक-दूसरे के हित के लिए संवेदनशीलता और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की मांग करता है.

सैनिकों को श्रद्धांजलि देते राजनाथ
सैनिकों को श्रद्धांजलि देते राजनाथ

रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक से पहले द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शंघाई सहयोग संगठन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) और सीआईएस के सदस्य राज्यों के रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त फोटो सत्र में भाग लिया.

महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते रक्षामंत्री
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते रक्षामंत्री

इस दौरान रूस में विजेताओं को स्मारक पर फूल बिछाकर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा रक्षामंत्री ने रूसी सशस्त्र बल और संग्रहालय परिसर, 'मेमोरी रोड' के मुख्य गिरजाघर का दौरा किया.

साथ ही मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास पहुंच कर रक्षामंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.

बता दें कि गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी रूस यात्रा के दौरान भारत में AK-47 203 राइफल के विनिर्माण के लिए एक बड़ी डील को अंतिम रूप दे दिया.

AK-47 203, AK-47 राइफल का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है, जो भारतीय लघु शस्त्र प्रणाली (INSAS) 5.56x45 मिमी असॉल्ट राइफल का स्थान लेगा.

रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने कहा कि भारतीय सेना को लगभग 7,70,000 AK-47 203 राइफलों की आवश्यकता है, जिनमें से 100,000 का आयात किया जाएगा और शेष भारत में निर्मित किया जाएगा.

Last Updated : Sep 4, 2020, 6:52 PM IST
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