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सैन्य डॉक्टरों की पदोन्नति में देरी, रक्षा मंत्री राजनाथ ने लगाई फटकार - सेना में चिकित्सकों की पदोन्नति

बीते दो वर्षों से सेना में चिकित्सकों की पदोन्नति नहीं हुई है. इस मुद्दे पर ईटवी भारत ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों को फटाकार लगाते हुए पदोन्नति की प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए कहा. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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Published : Oct 25, 2020, 3:51 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में चिकित्सकों की पदोन्नति में देरी को लकेर सख्ती दिखाई है. साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि इस मामले को प्राथमिकता देकर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.

रक्षा मंत्री का यह आदेश ईटीवी भारत द्वारा चिकित्सकों की पदोन्नति में देरी, खासकर कर्नल से ब्रिगेडियर रैंक के लिए, को लेकर खबर प्रकाशित किए जाने के बाद आया है.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि रक्षा मंत्री ने पदोन्नति में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई. बता दें कि, सेना ने बोर्ड के आयोजन के लिए अनुमति देदी है. हालांकि, मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी है.

पढ़ें- एएफएमसी के अधिकारियों में बढ़ी चिंताएं, रुका हुआ है प्रमोशन

सूत्र ने बताया कि बोर्ड को आयोजित करने में देरी इसलिए हुई, क्योंकि उसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को पदोन्नति के लिए शामिल किया जाना था. यहां पर पक्षपात की गुंजाइश बढ़ जाती है, जिसकी वजह से रैंकों में मतभेद हो गए थे.

ईटीवी भारत ने गुरुवार को एक खबर चलाई थी, जिसमें यह बताया गया था कि कैसे सेना के एक भी डॉक्टर की दो वर्षों से पदोन्नति नहीं हुई है. इससे न सिर्फ पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित हुई है, बल्कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में लगे लोगों के कैरियर पर भी असर पड़ा है.

सामान्यत: हर वर्ष सेना के करीब 150 डॉक्टरों को पदोन्नत किया जाता है. इनमें लेफ्टिनेंट-कर्नल से कर्नल, कर्नल से ब्रिगेडियर, ब्रिगेडियर से मेजर जनरल और मेजर जनरल से लेफ्टिनेंट जनरल की पदोन्नति शामिल है.

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा भारतीय सेना की विशिष्ट सेवा है जो भारतीय सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करती है.

कुल कैडर की संख्या लगभग 60,000 है, जिनमें से लगभग 6,000 डॉक्टर हैं. जरूरत पड़ने पर अधिकारी सेना, नौसेना या वायु सेना का हिस्सा हो सकता है.

चीन के साथ सीमा पर खराब होते संबंधों को देखते हुए यह मुद्दा और महत्वपूर्ण हो जाता है. इस बीच शनिवार को रक्षा मंत्री सिक्किम के दो दिवसीय दौरा पर गए हैं. वहां वह सुकना में सेना की पश्चिमी कमान के सैनिकों से मिले और पारंपरिक शस्त्र पूजा किया. 14,140 फीट की ऊंचाई पर स्थित नाथू-ला पास पर सैनिकों के साथ चाय पिएंगे. इसके बाद वह सोमवार को होने वाली 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली रवाना होंगे.

नई दिल्ली : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में चिकित्सकों की पदोन्नति में देरी को लकेर सख्ती दिखाई है. साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि इस मामले को प्राथमिकता देकर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.

रक्षा मंत्री का यह आदेश ईटीवी भारत द्वारा चिकित्सकों की पदोन्नति में देरी, खासकर कर्नल से ब्रिगेडियर रैंक के लिए, को लेकर खबर प्रकाशित किए जाने के बाद आया है.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि रक्षा मंत्री ने पदोन्नति में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई. बता दें कि, सेना ने बोर्ड के आयोजन के लिए अनुमति देदी है. हालांकि, मंत्रालय ने इसकी अनुमति नहीं दी है.

पढ़ें- एएफएमसी के अधिकारियों में बढ़ी चिंताएं, रुका हुआ है प्रमोशन

सूत्र ने बताया कि बोर्ड को आयोजित करने में देरी इसलिए हुई, क्योंकि उसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को पदोन्नति के लिए शामिल किया जाना था. यहां पर पक्षपात की गुंजाइश बढ़ जाती है, जिसकी वजह से रैंकों में मतभेद हो गए थे.

ईटीवी भारत ने गुरुवार को एक खबर चलाई थी, जिसमें यह बताया गया था कि कैसे सेना के एक भी डॉक्टर की दो वर्षों से पदोन्नति नहीं हुई है. इससे न सिर्फ पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित हुई है, बल्कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा में लगे लोगों के कैरियर पर भी असर पड़ा है.

सामान्यत: हर वर्ष सेना के करीब 150 डॉक्टरों को पदोन्नत किया जाता है. इनमें लेफ्टिनेंट-कर्नल से कर्नल, कर्नल से ब्रिगेडियर, ब्रिगेडियर से मेजर जनरल और मेजर जनरल से लेफ्टिनेंट जनरल की पदोन्नति शामिल है.

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा भारतीय सेना की विशिष्ट सेवा है जो भारतीय सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करती है.

कुल कैडर की संख्या लगभग 60,000 है, जिनमें से लगभग 6,000 डॉक्टर हैं. जरूरत पड़ने पर अधिकारी सेना, नौसेना या वायु सेना का हिस्सा हो सकता है.

चीन के साथ सीमा पर खराब होते संबंधों को देखते हुए यह मुद्दा और महत्वपूर्ण हो जाता है. इस बीच शनिवार को रक्षा मंत्री सिक्किम के दो दिवसीय दौरा पर गए हैं. वहां वह सुकना में सेना की पश्चिमी कमान के सैनिकों से मिले और पारंपरिक शस्त्र पूजा किया. 14,140 फीट की ऊंचाई पर स्थित नाथू-ला पास पर सैनिकों के साथ चाय पिएंगे. इसके बाद वह सोमवार को होने वाली 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली रवाना होंगे.

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