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स्टार प्रचारक भी नहीं बने शाहनवाज और राजीव प्रताप रूडी, जानें क्यों

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Published : Oct 12, 2020, 8:11 PM IST

बिहार में सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं. चुनाव के मद्देनजर भाजपा की ओर से 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी गई है. सबसे ऊपर पीएम मोदी का नाम है. उसके बाद जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह सूची में शामिल हैं. खास बात यह है कि पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन का नाम शामिल नहीं है.

Shahnawaz and Rajiv
शाहनवाज और राजीव

पटना : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन पिछले कई सालों से पार्टी के सिद्धांतों को जनता के बीच ले जाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. दोनों नेता बिहार से आते हैं, लेकिन बिहार चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की पहली सूची में दोनों नेताओं को जगह नहीं मिली है. भाजपा के 30 स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिलने से रूडी खफा हैं.

राजीव को किया गया साइडलाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद या नापसंद का असर साफ दिख जाता है. बात अगर राजीव प्रताप रूडी की कर लें तो राजीव प्रताप रूडी बिहार के बड़े नेता हैं. रूडी नरेंद्र मोदी सरकार में कौशल विकास राज्य मंत्री रह चुके हैं. उनको साल 2017 में ही मंत्री पद छोड़ना पड़ा, तब राजीव प्रताप रूडी ने कहा था कि यह मेरा नहीं पार्टी का फैसला है. राजीव प्रताप रूडी की जगह धर्मेंद्र प्रधान को कौशल विकास मंत्री बनाया गया था.

दरअसल, राजीव प्रताप रूडी जब कौशल विकास राज्य मंत्री थे तब नरेंद्र मोदी की उम्मीद राजीव से काफी ज्यादा थी. देश में स्किल डेवलपमेंट नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वह प्रधानमंत्री के उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो पाया. इस कारण राजीव प्रताप रूडी को मंत्री पद छोड़ना पड़ा. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री की नाराजगी की वजह से रूडी को बीच में ही मंत्री पद छोड़ना पड़ा और तब से उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली है. पीएम की नाराजगी की वजह से बिहार प्रदेश स्तर के नेताओं ने राजीव प्रताप रूडी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करने से परहेज किया. इस्तीफा देने के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा था, 'मैं अपने बॉस से सर्टिफिकेट नहीं ले सकता बॉस हमेशा सही होता है'.

शाहनवाज से भी परहेज

अटल बिहारी वाजपेई सरकार में मंत्री रह चुके शाहनवाज हुसैन को भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया है. दरअसल, शाहनवाज हुसैन भी प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के पसंदीदा नेताओं में नहीं हैं. गुजरात दंगों के बाद शाहनवाज हुसैन गुजरात दौरे पर गए थे और वहां उन्होंने मीडिया से ऑफ रिकॉर्ड बातचीत के दौरान कह दिया था कि उन्हें गुजरात में डर लगता है और तभी से भाजपा के अंदर शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें कम होती नहीं दिखतीं.

पटना : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन पिछले कई सालों से पार्टी के सिद्धांतों को जनता के बीच ले जाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. दोनों नेता बिहार से आते हैं, लेकिन बिहार चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की पहली सूची में दोनों नेताओं को जगह नहीं मिली है. भाजपा के 30 स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिलने से रूडी खफा हैं.

राजीव को किया गया साइडलाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद या नापसंद का असर साफ दिख जाता है. बात अगर राजीव प्रताप रूडी की कर लें तो राजीव प्रताप रूडी बिहार के बड़े नेता हैं. रूडी नरेंद्र मोदी सरकार में कौशल विकास राज्य मंत्री रह चुके हैं. उनको साल 2017 में ही मंत्री पद छोड़ना पड़ा, तब राजीव प्रताप रूडी ने कहा था कि यह मेरा नहीं पार्टी का फैसला है. राजीव प्रताप रूडी की जगह धर्मेंद्र प्रधान को कौशल विकास मंत्री बनाया गया था.

दरअसल, राजीव प्रताप रूडी जब कौशल विकास राज्य मंत्री थे तब नरेंद्र मोदी की उम्मीद राजीव से काफी ज्यादा थी. देश में स्किल डेवलपमेंट नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और वह प्रधानमंत्री के उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो पाया. इस कारण राजीव प्रताप रूडी को मंत्री पद छोड़ना पड़ा. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री की नाराजगी की वजह से रूडी को बीच में ही मंत्री पद छोड़ना पड़ा और तब से उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली है. पीएम की नाराजगी की वजह से बिहार प्रदेश स्तर के नेताओं ने राजीव प्रताप रूडी को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करने से परहेज किया. इस्तीफा देने के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा था, 'मैं अपने बॉस से सर्टिफिकेट नहीं ले सकता बॉस हमेशा सही होता है'.

शाहनवाज से भी परहेज

अटल बिहारी वाजपेई सरकार में मंत्री रह चुके शाहनवाज हुसैन को भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया है. दरअसल, शाहनवाज हुसैन भी प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के पसंदीदा नेताओं में नहीं हैं. गुजरात दंगों के बाद शाहनवाज हुसैन गुजरात दौरे पर गए थे और वहां उन्होंने मीडिया से ऑफ रिकॉर्ड बातचीत के दौरान कह दिया था कि उन्हें गुजरात में डर लगता है और तभी से भाजपा के अंदर शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें कम होती नहीं दिखतीं.

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