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राजस्थान: सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत को बताया 'बैड डैडी' - सतीश पूनिया

प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शनिवार को कोटा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 3 लाख 5000 आईपीसी मामले में दर्ज हुए हैं. इनमें से 11000 मुकदमे, हत्या, डकैती, बलात्कार और गैंगरेप के हैं. जिनका प्रतिशत 10 से भी ज्यादा है. पूरे प्रदेश में 2008 के मुकाबले 2019 में 59 फीसदी मामले बढ़ गए हैं.

Rajasthan BJP President Satish Poonia targets CM Gehlot
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम पर साधा निशाना
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Published : Oct 10, 2020, 10:39 PM IST

कोटा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शनिवार को कोटा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बैड डैडी कहकर संबोधित किया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 20 महीने में 4 लाख 35 हजार मुकदमे प्रदेश में दर्ज हो गए, जो कि अपने आप में एक कीर्तिमान बन गया है.

20 महीने में नहीं खोज पाए पूर्णकालिक गृह मंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि बीते 20 महीने में भी वह राज्य के पूर्णकालिक गृह मंत्री नहीं खोज पाए. उन्हें अपनी पार्टी में कोई काबिल व्यक्ति 20 महीने में नहीं मिला है. प्रदेश में पुलिस पर हमले लगातार जारी हैं. बजरी माफिया से लेकर तमाम तरह की घटनाएं हो रही है. रोज इनकी ही सुर्खियां नजर आती हैं. पूरे राजस्थान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके नेतृत्व वाली सरकार ने शर्मसार कर दिया है.

प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम पर साधा निशाना

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड चिंताजनक

सतीश पूनिया ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 3 लाख 5 हजार आईपीसी मामले में दर्ज हुए हैं. वहीं दूसरे एक्ट के हैं. इनमें से 11000 मुकदमे, हत्या, डकैती, बलात्कार और गैंगरेप के हैं. जिनका प्रतिशत 10 से भी ज्यादा है. यह सभी संगीन तरह के मामले हैं. महिला अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है. पूरे प्रदेश में 2008 के मुकाबले 2019 में 59 फीसदी मामले बढ़ गए हैं. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. दुष्कर्म की घटनाएं लगातार हो रही है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेटियों की सुरक्षा करने में असमर्थ रहे हैं.

पढे़ंः विश्व मानसिक दिवस: CORONA काल में बढ़ रहा है लोगों में तनाव, ऐसे करें बचाव

हमने कोविड-19 की गाइडलाइन को देखते हुए पहले सोशल मीडिया पर अभियान चलाया. इसके बाद सरकार नहीं जागी. गिरफ्तारियां भी हमें देनी पड़ी. इसके बाद अब राज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की मांग भी रखी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जो मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे. उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए. राजस्थान जो शांत प्रदेश था, अब यह घटनाएं उद्वेलित करती है. समाज का भरोसा भी उन्होंने खत्म कर दिया है.

कोटा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शनिवार को कोटा दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बैड डैडी कहकर संबोधित किया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि 20 महीने में 4 लाख 35 हजार मुकदमे प्रदेश में दर्ज हो गए, जो कि अपने आप में एक कीर्तिमान बन गया है.

20 महीने में नहीं खोज पाए पूर्णकालिक गृह मंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि बीते 20 महीने में भी वह राज्य के पूर्णकालिक गृह मंत्री नहीं खोज पाए. उन्हें अपनी पार्टी में कोई काबिल व्यक्ति 20 महीने में नहीं मिला है. प्रदेश में पुलिस पर हमले लगातार जारी हैं. बजरी माफिया से लेकर तमाम तरह की घटनाएं हो रही है. रोज इनकी ही सुर्खियां नजर आती हैं. पूरे राजस्थान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके नेतृत्व वाली सरकार ने शर्मसार कर दिया है.

प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम पर साधा निशाना

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड चिंताजनक

सतीश पूनिया ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 3 लाख 5 हजार आईपीसी मामले में दर्ज हुए हैं. वहीं दूसरे एक्ट के हैं. इनमें से 11000 मुकदमे, हत्या, डकैती, बलात्कार और गैंगरेप के हैं. जिनका प्रतिशत 10 से भी ज्यादा है. यह सभी संगीन तरह के मामले हैं. महिला अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है. पूरे प्रदेश में 2008 के मुकाबले 2019 में 59 फीसदी मामले बढ़ गए हैं. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. दुष्कर्म की घटनाएं लगातार हो रही है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेटियों की सुरक्षा करने में असमर्थ रहे हैं.

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हमने कोविड-19 की गाइडलाइन को देखते हुए पहले सोशल मीडिया पर अभियान चलाया. इसके बाद सरकार नहीं जागी. गिरफ्तारियां भी हमें देनी पड़ी. इसके बाद अब राज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की मांग भी रखी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जो मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे. उन्हें इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए. राजस्थान जो शांत प्रदेश था, अब यह घटनाएं उद्वेलित करती है. समाज का भरोसा भी उन्होंने खत्म कर दिया है.

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