ETV Bharat / bharat

'हम PM मोदी की उम्मीदों पर खरे उतरे' : रायसीना डायलॉग में विदेश मंत्री

बहुप्रतीक्षित और विश्व स्तरीय कूटनीतिक संवाद 'रायसीना डायलॉग' के पांचवें संस्करण की शुरुआत नई दिल्ली में हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसके उद्घाटन सत्र में शामिल हुए. रायसीना डायलॉग में भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर सात राष्ट्रों के राष्ट्र प्रमुख या शासनाध्यक्ष दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखे. जानें विस्तार से...

raisina dialogue to begins from today
रायसीना डायलॉग में पीएम मोदी और अन्य लोग
author img

By

Published : Jan 14, 2020, 8:10 AM IST

Updated : Jan 14, 2020, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर भारत के महत्वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग' के उद्घाटन सत्र में आज सात राष्ट्रों के राष्ट्र प्रमुख या शासनाध्यक्षों ने भाग लिया. सभी लोगों ने दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखे. इसके उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए .

रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, 'दिल्ली में रायसीना संवाद 2020 में भाग लिया. पिछले कई वर्षों में, यह महत्वपूर्ण वैश्विक और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में उभरा है. मुझे ऐसे नेताओं से मिलने का अवसर मिला जो हमारे राष्ट्र के महान मित्र हैं.

इससे पहले रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 5 साल पहले, प्रधानमंत्री जी ने हमें चुनौती दी थी. यह आपका विचार था कि एक बढ़ती हुई शक्ति के रूप में, भारत को केवल अन्य देशों द्वारा आयोजित वैश्विक बातचीत में भाग नहीं लेना चाहिए.

जयशंकर ने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा, 'आपने दृढ़ता से महसूस किया कि हमारे लिए अपना मंच बनाना, डायलॉग को व्यवस्थित करना और धारणा को आकार देना अहम था. बकौल जयशंकर, पांच साल बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम उन उम्मीदों पर खरे उतरे हैं.

रायसीना डायलॉग में पीएम मोदी और अन्य लोग

इसमें करीब 100 देशों के करीब 700 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. यह अपनी तरह के सबसे बड़े समागमों में एक है. इस कार्यक्रम में अगले तीन दिनों तक कूटनीतिक विषयों पर मंथन सत्र चलेगा.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रतिष्ठित रायसीना डायलॉग के पांचवें संस्करण का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑर्ब्जवर रिसर्च फाउंडेशन संयुक्त रूप से कर रहे हैं. इसमें करीब 100 देशों के 700 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह अपनी तरह के सबसे बड़े समागमों में एक है.

raisina dialogue to begins from today
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया

उन्होंने बताया कि तीन दिन के सम्मेलन में रूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, एस्तोनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, लातविया, उज्बेकिस्तान सहित 12 देशों के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि 15 जनवरी को 'भारत का तरीका : विकास और प्रतियोगिता की सदी के लिए तैयारी' विषय पर बोलने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंच पर होंगे.

किन लोगों ने की शिरकत

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ

रूस के विदेश मंत्री सेरगी लावरोव

शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

जर्मनी सहित कई अन्य देशों के राज्यमंत्री

रायसीना डायलॉग की शुरुआत से पहले ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के सम्मेलन में शामिल होने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में दुनिया के 30 थिंक टैंक भी अपने विचार रखेंगे.

इसे भी पढ़ें- भारत-चीन वार्ता : सामरिक दृष्टिकोण से सीमाई मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर सहमति बनी

सम्मेलन में दुनिया के समक्ष वैश्वीकरण से जुड़ी चुनौतियों, 2030 का एजेंडा, आधुनिक दुनिया में प्रौद्योगिकी की भूमिका, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद का मुकाबला जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे.

इसके साथ विदेश सचिव विजय गोखले, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करणबीर सिंह, अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पोटिंगर, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब, अमेरिकी हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिल डेविडसन भी अपनी बात इस कार्यक्रम में रखेंगे.

नई दिल्ली : भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक मुद्दों पर भारत के महत्वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग' के उद्घाटन सत्र में आज सात राष्ट्रों के राष्ट्र प्रमुख या शासनाध्यक्षों ने भाग लिया. सभी लोगों ने दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखे. इसके उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए .

रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, 'दिल्ली में रायसीना संवाद 2020 में भाग लिया. पिछले कई वर्षों में, यह महत्वपूर्ण वैश्विक और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में उभरा है. मुझे ऐसे नेताओं से मिलने का अवसर मिला जो हमारे राष्ट्र के महान मित्र हैं.

इससे पहले रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 5 साल पहले, प्रधानमंत्री जी ने हमें चुनौती दी थी. यह आपका विचार था कि एक बढ़ती हुई शक्ति के रूप में, भारत को केवल अन्य देशों द्वारा आयोजित वैश्विक बातचीत में भाग नहीं लेना चाहिए.

जयशंकर ने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा, 'आपने दृढ़ता से महसूस किया कि हमारे लिए अपना मंच बनाना, डायलॉग को व्यवस्थित करना और धारणा को आकार देना अहम था. बकौल जयशंकर, पांच साल बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम उन उम्मीदों पर खरे उतरे हैं.

रायसीना डायलॉग में पीएम मोदी और अन्य लोग

इसमें करीब 100 देशों के करीब 700 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. यह अपनी तरह के सबसे बड़े समागमों में एक है. इस कार्यक्रम में अगले तीन दिनों तक कूटनीतिक विषयों पर मंथन सत्र चलेगा.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रतिष्ठित रायसीना डायलॉग के पांचवें संस्करण का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑर्ब्जवर रिसर्च फाउंडेशन संयुक्त रूप से कर रहे हैं. इसमें करीब 100 देशों के 700 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह अपनी तरह के सबसे बड़े समागमों में एक है.

raisina dialogue to begins from today
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया

उन्होंने बताया कि तीन दिन के सम्मेलन में रूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, एस्तोनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, लातविया, उज्बेकिस्तान सहित 12 देशों के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि 15 जनवरी को 'भारत का तरीका : विकास और प्रतियोगिता की सदी के लिए तैयारी' विषय पर बोलने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंच पर होंगे.

किन लोगों ने की शिरकत

ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ

रूस के विदेश मंत्री सेरगी लावरोव

शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

जर्मनी सहित कई अन्य देशों के राज्यमंत्री

रायसीना डायलॉग की शुरुआत से पहले ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के सम्मेलन में शामिल होने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में दुनिया के 30 थिंक टैंक भी अपने विचार रखेंगे.

इसे भी पढ़ें- भारत-चीन वार्ता : सामरिक दृष्टिकोण से सीमाई मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर सहमति बनी

सम्मेलन में दुनिया के समक्ष वैश्वीकरण से जुड़ी चुनौतियों, 2030 का एजेंडा, आधुनिक दुनिया में प्रौद्योगिकी की भूमिका, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद का मुकाबला जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे.

इसके साथ विदेश सचिव विजय गोखले, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करणबीर सिंह, अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पोटिंगर, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब, अमेरिकी हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिल डेविडसन भी अपनी बात इस कार्यक्रम में रखेंगे.

ZCZC
PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL126
MEA-2NDLD RAISINA DIALOGUE
Raisina Dialogue to begin on Tuesday, PM Modi to attend inaugural session
(Eds: Adds MEA spokesperson's tweet )
         New Delhi, Jan 13 (PTI) India's flagship global conference on geopolitics and geo-economics Raisina Dialogue will begin on Tuesday with Prime Minister Narendra Modi attending the inaugural session at which seven former heads of state or government will share their views on important challenges facing the world.
         The fifth edition of the prestigious Raisina Dialogue, jointly organised by the Ministry of External Affairs and the Observer Research Foundation, will bring together 700 international participants from over a 100 countries, in one of the largest gathering of its kind.
         The three-day conference will see participation of 12 foreign ministers, including from Russia, Iran, Australia, Maldives, South Africa, Estonia, Czech Republic, Denmark, Hungary, Latvia, Uzbekistan and the EU.
         External Affairs Minister S Jaishankar will take the stage at the Dialogue for a conversation on The India Way: Preparing for a Century of Growth & Contest' on January 15, MEA spokesperson Raveesh Kumar tweeted.
         Iran foreign minister Javed Zarif's participation assumes significance as it comes following the killing of Iranian Quds Force commander Qassem Soleimani. Zarif and Russian Foreign Minister Sergey Lavrov will both arrive here on Tuesday night and deliver their address for the dialogue the next day.
          Zarif will also call on Prime Minister Narendra Modi and hold talks with Jaishankar during his visit.
         Chief of Staff, Joint Staff of the Japan Self-Defence Forces, General Koji Yamazaki, Vice Chief of Australian Defence Force, Vice Admiral David Johnston and Chief of Naval Staff of UK, Admiral Tony Radakin will also speak at the conference.
         The valedictory address will be delivered by Vice President of the European Commission and High Representative for Foreign Affairs and Security Policy, European Union, Josep Borrell.
         The Secretary General of the Shanghai Cooperation Organisation and the Secretary General of the Commonwealth will also attend the conference, the MEA said in a statement.
         The NSA of Afghanistan, Deputy NSA of the United States and several ministers of state, including from Germany, will also present their ideas at the conference, the MEA said.
         Forty per cent of the speakers at the Dailogue are women, it said.
         The Heads of over 30 think-tanks from around the world will also moderate or present their views across different sessions, it said.
         The inaugural session on Tuesday will be attended by Prime Minister Modi and seven former heads of state or government, with high international stature and rich experience in governance, will share their views during the inaugural session on important challenges facing the world related to globalisation, 2030 agenda, role of technology in modern world, climate change and counter-terrorism.
         The former heads of government who will engage in a discussion are former New Zealand Prime Minister Helen Clark, former Afghan President Hamid Karzai, former Canadian Prime Minister Stephen Harper, former Swedish Prime Minister Carl Bildt, former Danish Prime Minister Anders Rasmussen, former Bhutanese premier Tshering Tobgay and former South Korean Prime Minister Han Seung-soo.
         Over the course of two days intensive deliberations will take place over 80 sessions around 5 thematic pillars - the nationalist impulses challenging global institutions and collective action, debate on the global trading architecture, role of technologies in determining political, economic and military power, global development agenda and the state-individual relationship in the age of digital communities and cyberspace.
         The synergies and collaborations in the Raisina Dialogue represent India's deliberative ethos as well as its international credibility and convening power, the MEA said. PTI ASK
KJ
01132235
NNNN
Last Updated : Jan 14, 2020, 9:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.