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रेलवे ने बंद की सेतु योजना, ऑटिज्म पीड़ित बच्चों तक राजस्थान से नहीं पहुंचेगा ऊंटनी का दूध

देशभर में ऑटिज्म पीड़ित बच्चों को अब ऊंटनी का दूध नहीं मिल पाएगा. दरअसल, रेलवे की ओर से सेतु योजना को बंद कर दिया गया है. इसी योजना के तहत ऑटिज्म पीड़ित बच्चों तक ऊंटना का दूध पहुंचााया जाता था.

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Published : May 17, 2020, 8:43 PM IST

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प्रतीकात्मक चित्र

पाली : देशभर के ऑटिज्म की बीमारी से ग्रसित बच्चों को अब राजस्थान के पाली में स्थित सादड़ी गांव से जाने वाला ऊंटनी का दूध नहीं मिल पाएगा. देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन के बाद ऑटिज्म की बीमारी से ग्रसित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने के लिए रेलवे ने पहल करते हुए ओडिशा से ब्रह्मापुर में एलर्जी से पीड़ित साढे 3 साल के बच्चे को दूध पहुंचाया था.

वहीं, इसके बाद रेलवे ने सेतु योजना के तहत मुंबई के अलावा भुवनेश्वर, हैदराबाद और दिल्ली समेत देश के कई प्रदेशों में इन बच्चों के लिए ऊंटनी का दूध उपलब्ध करवाया. लेकिन अब रेलवे की ओर से इस योजना को बंद करने से फूड एलर्जी से पीड़ित बच्चों के लिए संकट खड़ा हो गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें- Exclusive: जयपुर डिस्ट्रिक्ट जेल में सुपरिटेंडेंट सहित 116 लोग कोरोना पॉजिटिव, दूसरी जगह शिफ्ट किए जा रहे कैदी

बता दें कि मुंबई निवासी एक महिला ने अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर बताया था कि उसका 3 साल का बच्चा फूड एलर्जी से पीड़ित है और उसकी जिंदगी बचाने के लिए उसे ऊंटनी के दूध की जरूरत है. उस महिला ने पहले राजस्थान के सादड़ी से उसे ऊंटनी का दूध मिलने की बात बताई. लेकिन लॉकडाउन के कारण बंद हो जाने से उसे ऊंटनी का दूध नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर अपने बच्चे की जान बचाने की गुहार लगाई.

इस ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री के अधिकारियों की टीम ने क्विक रिस्पांस देते हुए सादड़ी से उस महिला तक ऊंटनी का दूध पाउडर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की. स्पेशल ट्रेन को विशेष तौर पर फालना रेलवे स्टेशन पर रुकवाया गया और 20 लीटर ऊंटनी का दूध और 2 किलो दूध का पाउडर महिला तक पहुंचाया गया. उसके बाद महिला ने प्रधानमंत्री और उनके अधिकारियों को उसके बच्चे की जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया.

पढ़ें- जयपुर Central Jail और डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना का कहर, RAC के एक जवान की मौत

जानकारी के अनुसार इस महिला के ट्वीट करने के बाद देश भर में 3 हजार से ज्यादा ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से सेतू योजना शुरू की गई. इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले इन पीड़ित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने का रास्ता खुल गया था. लेकिन अज्ञात कारणों से रेलवे की ओर से इस हेतु योजना को अब बंद कर दिया गया है. जिसके चलते अब ऊंटनी का दूध नहीं पहुंच पाएगा.

पाली : देशभर के ऑटिज्म की बीमारी से ग्रसित बच्चों को अब राजस्थान के पाली में स्थित सादड़ी गांव से जाने वाला ऊंटनी का दूध नहीं मिल पाएगा. देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन के बाद ऑटिज्म की बीमारी से ग्रसित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने के लिए रेलवे ने पहल करते हुए ओडिशा से ब्रह्मापुर में एलर्जी से पीड़ित साढे 3 साल के बच्चे को दूध पहुंचाया था.

वहीं, इसके बाद रेलवे ने सेतु योजना के तहत मुंबई के अलावा भुवनेश्वर, हैदराबाद और दिल्ली समेत देश के कई प्रदेशों में इन बच्चों के लिए ऊंटनी का दूध उपलब्ध करवाया. लेकिन अब रेलवे की ओर से इस योजना को बंद करने से फूड एलर्जी से पीड़ित बच्चों के लिए संकट खड़ा हो गया है.

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इस ट्वीट के बाद प्रधानमंत्री के अधिकारियों की टीम ने क्विक रिस्पांस देते हुए सादड़ी से उस महिला तक ऊंटनी का दूध पाउडर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की. स्पेशल ट्रेन को विशेष तौर पर फालना रेलवे स्टेशन पर रुकवाया गया और 20 लीटर ऊंटनी का दूध और 2 किलो दूध का पाउडर महिला तक पहुंचाया गया. उसके बाद महिला ने प्रधानमंत्री और उनके अधिकारियों को उसके बच्चे की जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया.

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जानकारी के अनुसार इस महिला के ट्वीट करने के बाद देश भर में 3 हजार से ज्यादा ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से सेतू योजना शुरू की गई. इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले इन पीड़ित बच्चों तक ऊंटनी का दूध पहुंचाने का रास्ता खुल गया था. लेकिन अज्ञात कारणों से रेलवे की ओर से इस हेतु योजना को अब बंद कर दिया गया है. जिसके चलते अब ऊंटनी का दूध नहीं पहुंच पाएगा.

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