मुंबई : मुंबई के रेल अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को कोरोना वायरस के लक्षण वाले रोगियों की पहचान करने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों में रोजाना करीब 80 लाख लोग यात्रा करते हैं, जो देश में रोजाना ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों की लगभग आधी संख्या है.
औसतन 5,000 से अधिक लोग व्यस्त घंटे के दौरान मुंबई में किसी लोकल ट्रेन से यात्रा करते हैं.
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा, 'स्टेशन मास्टरों को कोरोना वायरस के लक्षणों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. उन्हें कोरोना वायरस जैसे लक्षण वाले यात्रियों से संपर्क करने और नजदीकी अस्पताल में पहुंचने के लिए मदद करने का निर्देश दिया गया है.'
उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर आपात चिकित्सा कक्ष कर्मियों को वायरस के बारे में जानकारी दी गई है.
सुतार ने कहा, 'यात्री खुद भी स्टेशन मास्टर से संपर्क कर सकते हैं या इस तरह के संदिग्ध रोगियों की सूचना देने के लिए रेलवे हेल्पलाइन को फोन कर सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'इस उद्देश्य के लिए विशेष हेल्पलाइनें गठित की गई हैं.'
अधिकारी यात्रियों में पोस्टरों और ऑडियो एवं वीडियो संदेश से भी जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.
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पश्चिम रेलवे ने कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों के लिए मुंबई सेंट्रल में जगजीवन राम अस्पताल में 30 बिस्तरों वाला एक वार्ड बनाया है.
पश्चिम रेलवे की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पृथक वार्ड और अत्यधिक संपर्क वाले स्थानों पर नियमित रूप से रोगाणुनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है.