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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के विचारों की लड़ाई जारी रखेंगे: राहुल गांधी - भगत सिंह

आज शहीद दिवस है. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमर शहीदों को याद किया. उन्होंने कहा वे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के विचारों की लड़ाई जारी रखेंगे. बता दें कि 23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था.

राहुल गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष)
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Published : Mar 23, 2019, 12:56 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस के मौके पर शनिवार को इन क्रांतिकारियों को नमन करते हुए कहा कि इनके विचारों एवं आदर्शों की लड़ाई जारी रखी जाएगी.

rahul gandhi etvbharat photo
राहुल गांधी ने ट्वीट किया

गांधी ने ट्विटरपोस्ट में कहा, 'भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, सिर्फ़ नाम नहीं हैं, हमारे रगों में दौड़ता क्रांति का एक जज़्बा हैं.'

उन्होंने कहा, 'उनका जीवन, आज भी, हमें मज़बूत बनाता है, आज़ाद बनाता है, इंसान बनाता है. शहीदी दिवस पर हमारे वीरों को शत् शत् नमन.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'उनके विचारों और आदर्शों की लड़ाई हम जारी रखेंगे.'

शहीद दिवस क्या है, जानें
गौरतलब है कि 23 मार्च, 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन तीन बड़े नायकों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.


भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
जब कभी आजादी की बात होगी तब इंकलाब का नारा देने वाले भारत माता के ये वीर सपूत हमेशा याद किए जाते रहेंगे.


बता दें कि 23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है.
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी इसके लिए तीनों को फांसी की सजा सुनाई थी.

पढ़ें:चीन: केमिकल प्लांट हादसे की छानबीन के लिए जांच टीम का गठन

देश के तीनों वीर सपूतों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई.

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस के मौके पर शनिवार को इन क्रांतिकारियों को नमन करते हुए कहा कि इनके विचारों एवं आदर्शों की लड़ाई जारी रखी जाएगी.

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राहुल गांधी ने ट्वीट किया

गांधी ने ट्विटरपोस्ट में कहा, 'भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, सिर्फ़ नाम नहीं हैं, हमारे रगों में दौड़ता क्रांति का एक जज़्बा हैं.'

उन्होंने कहा, 'उनका जीवन, आज भी, हमें मज़बूत बनाता है, आज़ाद बनाता है, इंसान बनाता है. शहीदी दिवस पर हमारे वीरों को शत् शत् नमन.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'उनके विचारों और आदर्शों की लड़ाई हम जारी रखेंगे.'

शहीद दिवस क्या है, जानें
गौरतलब है कि 23 मार्च, 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन तीन बड़े नायकों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.


भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
जब कभी आजादी की बात होगी तब इंकलाब का नारा देने वाले भारत माता के ये वीर सपूत हमेशा याद किए जाते रहेंगे.


बता दें कि 23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है.
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी इसके लिए तीनों को फांसी की सजा सुनाई थी.

पढ़ें:चीन: केमिकल प्लांट हादसे की छानबीन के लिए जांच टीम का गठन

देश के तीनों वीर सपूतों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई.

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