नई दिल्ली : कृषि विधेयकों को लेकर एक बार फिर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. इस पर राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार कृषि विधेयकों से किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रही है.
राहुल ने विधेयकों को काला कानून करार दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है. उनके अनुसार इन विधेयकों के पारित हो जाने के बाद किसानों की न सिर्फ आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उनके सामने कई विकल्प भी मौजूद होंगे.
कई किसान संगठनों ने भी इन विधेयकों पर आशंका जाहिक की है. विरोध के कारणों को लेकर किसानों का कहना है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किया गया सुरक्षा कवच कमजोर होगा. दूसरी ओर किसानों के हित में होने का दावा कर रहीं विपक्षी पार्टियों की ओर से सरकार पर हमले किए जा रहे हैं. पंजाब में पैठ रखने वाली पार्टी अकाली दल ने लोक सभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान किसानों के हित से खिलवाड़ का आरोप लगाया.
बता दें कि गुरुवार को हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इन विधेयकों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था. इससे अकाली दल और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बीच दरार के रूप में देखा गया. हालांकि, पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि उनकी पार्टी राजग में रहने या नहीं रहने को लेकर बाद में निर्णय लेगी.
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शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों का संसद में भी विरोध किया है. उन्होंने कहा था कि इनसे किसानों के हित प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा था कि अकाली दल किसानों के कल्याण के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है.
हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब विधान सभा सत्र के ठीक एक दिन पहले को 28 अगस्त, 2020 को कहा था कि किसानों को मिलने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रभावित नहीं होगा. बादल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की चिट्ठी के हवाले से पंजाब विधानसभा के सत्र से ठीक पहले सीएम अमरिंदर सिंह पर किसानों को बहकाने का ठीकरा भी फोड़ा था.