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राहुल ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- इस मुसीबत की घड़ी में हम आपके साथ

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. राहुल ने इस पत्र में कहा, 'हम इस मुसीबत की घड़ी में सरकार के साथ है. उन्होंने कहा कि अचानक लॉकडाउन लागू होने से भ्रम और भय की स्थिति पैदा हो गई है.

राहुल गांधी
राहुल गांधी
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Published : Mar 29, 2020, 4:58 PM IST

Updated : Mar 29, 2020, 5:37 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. राहुल ने इस पत्र में कहा, 'हम इस मुसीबत की घड़ी में सरकार के साथ है. हम इस चुनौती का मिलकर सामना करेंगे.'

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'अचानक लॉकडाउन लागू किए जाने से बहुत घबराहट और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. हम संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ है. हम कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे.'

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन लागू करने की बजाय गरीबों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. लॉकडाउन लागू होने पर देशभर से खबरें आ रही है कि गरीब जनता परेशान हो रही है.

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से किए गए अचानक लॉकडाउन के कारण काफी डर और भ्रम पैदा हो गया है.

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

राहुल ने पत्र में गरीबों की दुर्दशा को उजागर किया और घातक बीमारी से लड़ने के लिए कुछ विकसित देशों द्वारा घोषित पूर्ण बंद के अलावा अन्य कदम उठाने का आग्रह किया.

पढ़ें : कोरोना संकट : मन की बात में पीएम मोदी ने कहा- देशवासियों से क्षमा मांगता हूं

उन्होंने कहा, 'यह समझना हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि भारत की स्थितियां अलग हैं. हमें बड़े देशों की तुलना में अलग कदम उठाने होंगे, जो पूरी तरह बंद की रणनीति अपना रहे हैं.'

राहुल ने कहा कि भारत में दैनिक आय पर निर्भर करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिससे महामारी के परिप्रेक्ष्य में सभी आर्थिक गतिविधियों को एकतरफा रोक देना ठीक नहीं है.

उन्होंने आशंका जताई, पूरी तरह आर्थिक बंद से कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ जाएगी.

उन्होंने कहा, अचानक बंद होने से काफी भय और भ्रम पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि कल-कारखाने, छोटे उद्योग और निर्माण स्थल बंद हो गए हैं और हजारों लोग कठिन यात्रा कर अपने गृह राज्यों में पहुंच रहे हैं. राहुल ने कहा कि मजदूरों को दैनिक मजदूरी नहीं मिल रही या पोषण एवं मूल सेवाएं हासिल नहीं हो रही हैं.

राहुल ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे लोगों को आश्रय ढूंढने में सहयोग कर सकें और सीधे उनके बैंक खाते में धन दें ताकि अगले कुछ महीने तक वे मुश्किलों का सामना कर सके.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्ण बंद होने से लाखों बेरोजगार युवक अपने गांवों की तरफ जाएंगे, जिससे वे गांवों में रह रहे अपने बुजुर्ग माता-पिता और बुजुर्ग आबादी को संक्रमित कर सकते हैं. इससे जीवन की काफी क्षति होगी.

पढ़ें : महाराष्ट्र के विधायक-सांसद राहत कोष में देंगे एक माह का वेतन

उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों की रक्षा करना और उन्हें पृथक करना है और युवाओं को बुजुर्गों से नजदीकी के खतरे से आगाह करना है.'

राहुल ने सरकार द्वारा गरीबों के लिए किए आर्थिक घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार का अच्छा कदम है.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. राहुल ने इस पत्र में कहा, 'हम इस मुसीबत की घड़ी में सरकार के साथ है. हम इस चुनौती का मिलकर सामना करेंगे.'

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'अचानक लॉकडाउन लागू किए जाने से बहुत घबराहट और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. हम संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ है. हम कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे.'

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन लागू करने की बजाय गरीबों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. लॉकडाउन लागू होने पर देशभर से खबरें आ रही है कि गरीब जनता परेशान हो रही है.

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से किए गए अचानक लॉकडाउन के कारण काफी डर और भ्रम पैदा हो गया है.

राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी का पत्र

राहुल ने पत्र में गरीबों की दुर्दशा को उजागर किया और घातक बीमारी से लड़ने के लिए कुछ विकसित देशों द्वारा घोषित पूर्ण बंद के अलावा अन्य कदम उठाने का आग्रह किया.

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उन्होंने कहा, 'यह समझना हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि भारत की स्थितियां अलग हैं. हमें बड़े देशों की तुलना में अलग कदम उठाने होंगे, जो पूरी तरह बंद की रणनीति अपना रहे हैं.'

राहुल ने कहा कि भारत में दैनिक आय पर निर्भर करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिससे महामारी के परिप्रेक्ष्य में सभी आर्थिक गतिविधियों को एकतरफा रोक देना ठीक नहीं है.

उन्होंने आशंका जताई, पूरी तरह आर्थिक बंद से कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ जाएगी.

उन्होंने कहा, अचानक बंद होने से काफी भय और भ्रम पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि कल-कारखाने, छोटे उद्योग और निर्माण स्थल बंद हो गए हैं और हजारों लोग कठिन यात्रा कर अपने गृह राज्यों में पहुंच रहे हैं. राहुल ने कहा कि मजदूरों को दैनिक मजदूरी नहीं मिल रही या पोषण एवं मूल सेवाएं हासिल नहीं हो रही हैं.

राहुल ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे लोगों को आश्रय ढूंढने में सहयोग कर सकें और सीधे उनके बैंक खाते में धन दें ताकि अगले कुछ महीने तक वे मुश्किलों का सामना कर सके.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्ण बंद होने से लाखों बेरोजगार युवक अपने गांवों की तरफ जाएंगे, जिससे वे गांवों में रह रहे अपने बुजुर्ग माता-पिता और बुजुर्ग आबादी को संक्रमित कर सकते हैं. इससे जीवन की काफी क्षति होगी.

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उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों की रक्षा करना और उन्हें पृथक करना है और युवाओं को बुजुर्गों से नजदीकी के खतरे से आगाह करना है.'

राहुल ने सरकार द्वारा गरीबों के लिए किए आर्थिक घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार का अच्छा कदम है.

Last Updated : Mar 29, 2020, 5:37 PM IST
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