तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में हिंसा की बढ़ती घटनाओं, खासकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को यहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सम्मेलन में कहा, 'आपने देशभर में हिंसा के बढ़ते मामलों को देखा. अराजकता, महिलाओं के खिलाफ ज्यादती के मामले बढ़े हैं. हर दिन हम पढ़ते हैं कि लड़कियों से दुष्कर्म हो रहा है, उनसे छेड़छाड़ की जा रही है. अल्पसंख्यक और दलित समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामले भी बढ़े हैं.'
पीएम मोदी पर आरोप - उन्हें हिंसा और सत्ता के विवेकहीन इस्तेमाल पर भरोसा
राहुल ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'इस बढ़ती अराजकता की वजह संस्थागत ढांचों का टूटना है. ऐसा इसलिए है कि जो व्यक्ति देश चला रहा है, वह हिंसा और सत्ता के विवेकहीन इस्तेमाल में विश्वास रखता है.'
उन्होंने कहा, 'दुनिया भारत की तरफ देखती थी ताकि उसे दिशा मिल सके, लेकिन अब वो हमारी तरफ देखते हैं और कहते है कि यह देश नहीं जानता कि महिलाओं से कैसे पेश आना चाहिए.'
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राहुल की यह टिप्पणी उन्नाव में दुष्कर्म के बाद जलाई गई पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में हुई मौत और हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक को चार लोगों द्वारा दुष्कर्म के बाद जलाए जाने की घटनाओं के बाद सामने आई है.
वायनाड से सांसद ने कहा कि देश की सबसे बड़ी ताकत उसकी अर्थव्यवस्था हुआ करती थी, अब यह सबसे बड़ी कमजोरी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास देश को आगे ले जाने की परिकल्पना नहीं है.
राहुल ने बाद में यहां एक अस्पताल में मनोचिकित्सा और नशा-मुक्ति केंद्र के नए ब्लॉक का उद्घाटन किया. उन्होंने कलपेट्टा में आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित किए गए 400 नए स्वयंसेवकों से भी चर्चा की.