नई दिल्लीः नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के वित्तीय क्षेत्र पर दिए बयान को लेकर कांग्रेस ने आज सरकार पर अर्थव्यवस्था को गहरे संकट में ले जाने का आरोप लगाया है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार साफ-साफ बताए कि इस स्थिति से अर्थव्यवस्था को कैसे बाहर निकाला जाएगा.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब तो सरकार के आर्थिक सलाहकारों ने भी मान लिया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, सरकार के अपने आर्थिक सलाहकारों ने भी आखिरकार मान लिया जिसको लेकर हमने काफी पहले आगाह किया था कि भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है.
गांधी ने कहा, अब हमारा समाधान भी स्वीकार करिए और जरूरतमंद लोंगों के हाथों में पैसे वापस देकर अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाइए.महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को साफ-साफ बताना चाहिए कि अर्थव्यवस्था की यह दुर्दशा क्यों है?
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार को अब देश को साफ-साफ बताना चाहिए कि अर्थव्यवस्था की दुर्दशा ऐसी क्यों हो रही है? व्यापार टूट रहा है, उद्योग डगमगा रहे हैं, रुपया कमजोर होता जा रहा है, नौकरियां खत्म हो रही हैं. इससे हो रहे नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने जो बात बोली है वो देश के लिए चिंताजनक है. ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जो हो रहा है, वो सबके सामने है. रियल स्टेट क्षेत्र पहले ही बर्बाद हो गया है.
उन्होंने कहा कि आम जनता को समझ नहीं आ रहा है कि क्या होने वाला है. कारपोरेट जगत के बड़े बड़े लोग पहली बार सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं. देश के अंदर चिंजानक स्थिति बनी हुई है.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था की इस स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही है.
तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को बधाई दी जानी चाहिए कि उन्होंने स्वीकार किया है कि अर्थव्यवस्था में ऐसी परिस्थिति 70 साल में कभी उत्पन्न नहीं हुई, जो आज है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, संभव है कि भाजपा सरकार इसके लिए भी पंडित जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराएगी . लेकिन हकीकत यह है कि सरकार ने यह स्थिति खुद ही पैदा की है क्योंकि नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू गई जीएसटी के कारण यह स्थिति बनी है .
उन्होंने कहा, आप देख रहे हैं कि ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है, बदले की राजनीति हो रही है, पूरे देश में अघोषित आपातकाल है.
उन्होंने सवाल किया, क्या सरकार के पास कोई अर्थनीति है जिससे लोगों को बता सके कि वह अर्थव्यवस्था को कैसे संभालेगी?
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गौरतलब है कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को वित्तीय क्षेत्र में दबाव को अप्रत्याशित बताया. उन्होंने कहा था कि किसी ने भी पिछले 70 साल में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जब पूरी वित्तीय प्रणाली में जोखिम है.
कुमार ने कहा, सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों.