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राफेल : गुरुवार को पूरी होगी वायु सेना में शामिल करने की औपचारिकता

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Published : Sep 8, 2020, 8:04 PM IST

Updated : Sep 8, 2020, 9:08 PM IST

गुरुवार को पांच राफेल लड़ाकू जेट को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा. इसके लिए अंबाला एयरबेस में समारोह आयोजित किया जा रहा है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल होंगे.

राफेल लड़ाकू जेट
राफेल लड़ाकू जेट

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी गुरुवार को अंबाला एयरबेस पर आयोजित हो रहे समारोह में भाग लेंगे. इस दौरान पांच राफेल लड़ाकू जेट को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा.

भारतीय वायुसेना ने कहा कि पार्ली और सिंह अंबाला में समारोह के बाद द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर बातचीत करेंगे.

अधिकारियों ने कहा कि फ्रांस के रक्षा मंत्री गुरुवार सुबह पहुंचेंगे और दोपहर बाद रवाना होंगे.

भारत द्वारा फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लगभग चार साल बाद पांच राफेल जेट का पहला बैच 29 जुलाई को भारत आया था.

फ्रांसिसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित जेट विमानों को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाना बाकी है.

सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक पूरी होने वाली है.

चार से पांच राफेल जेट के दूसरे बैच के नवंबर तक भारत पहुंचने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से भारत द्वारा 36 राफेल जेट के एक और बैच की संभावित खरीद पर प्रारंभिक चर्चा सिंह और पार्ली के बीच हो सकती है.

यह भी पढ़ें - चीनियों को 17 याक लौटाकर भारत को मिली नैतिक बढ़त

वायु-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाने वाला राफेल भारत का पहला बड़ा लड़ाकू विमान है. राफेल जेट कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है.

36 राफेल जेट में से 30 फाइटर जेट होंगे और छह ट्रेनर होंगे. ट्रेनर जेट ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी.

राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला हवाई अड्डे पर तैनात किया जाएगा, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात होगा.

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी गुरुवार को अंबाला एयरबेस पर आयोजित हो रहे समारोह में भाग लेंगे. इस दौरान पांच राफेल लड़ाकू जेट को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा.

भारतीय वायुसेना ने कहा कि पार्ली और सिंह अंबाला में समारोह के बाद द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर बातचीत करेंगे.

अधिकारियों ने कहा कि फ्रांस के रक्षा मंत्री गुरुवार सुबह पहुंचेंगे और दोपहर बाद रवाना होंगे.

भारत द्वारा फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लगभग चार साल बाद पांच राफेल जेट का पहला बैच 29 जुलाई को भारत आया था.

फ्रांसिसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित जेट विमानों को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाना बाकी है.

सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक पूरी होने वाली है.

चार से पांच राफेल जेट के दूसरे बैच के नवंबर तक भारत पहुंचने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से भारत द्वारा 36 राफेल जेट के एक और बैच की संभावित खरीद पर प्रारंभिक चर्चा सिंह और पार्ली के बीच हो सकती है.

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वायु-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाने वाला राफेल भारत का पहला बड़ा लड़ाकू विमान है. राफेल जेट कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है.

36 राफेल जेट में से 30 फाइटर जेट होंगे और छह ट्रेनर होंगे. ट्रेनर जेट ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी.

राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला हवाई अड्डे पर तैनात किया जाएगा, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात होगा.

Last Updated : Sep 8, 2020, 9:08 PM IST
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