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चिन्मयानंद पर लगे गंभीर आरोपों पर BJP खामोश ! खड़े हो रहे हैं सवाल

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Published : Sep 18, 2019, 11:18 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 3:35 AM IST

स्वामी चिन्मयानंद के प्रकरण पर भाजपा की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी कहीं अपने ही नेता को बचाने का काम तो नहीं कर रही है. वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह पूरा प्रकरण किसी दूसरे दल के नेता के साथ होता, तो भाजपा मुखर होकर इसका विरोध करती. जानें पूरा मामला

चिन्मयानंद

लखनऊ: दुष्कर्म के आरोप से घिरे बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद मामले में भारतीय जनता पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी में स्वामी चिन्मयानंद का मददगार आखिर कौन है. पार्टी के अंदर से ही नेता तमाम तरह की बात कर रहे हैं. आखिर इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भाजपा या योगी आदित्यनाथ सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में क्यों बनी हुई है. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की फजीहत भी हो चुकी है.

बीजेपी के कुछ नेता आपसी बातचीत में यह तर्क देते हैं कि स्वामी चिन्मयानंद के महंत अवैद्यनाथ के करीबी होने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अच्छे रिश्ते हैं. सीएम बनने के बाद वह स्वामी के आश्रम भी गए थे. अब जब एक बार स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनके ही कॉलेज की छात्रा के द्वारा दुष्कर्म के आरोप लगाए गए हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार सुस्त होने को लेकर सवाल उठना लाजमी है. स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के नेताओं से करीबी रिश्ते होने का उन्हें लाभ मिल रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खास बात यह भी है कि उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण पर भी भारतीय जनता पार्टी असमंजस की स्थिति में रही. जब हाईकोर्ट की तरफ से सख्ती बरती गई तब कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाला गया था. भारतीय जनता पार्टी अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर असमंजस में हमेशा नजर आई और बचाव करती हुई साफ-साफ दिख रही थी. अब यही पूरा मामला स्वामी चिन्मयानंद पर भी है कि आखिर उन्हें कौन बचा रहा है.

यह बचाव करने की बात नहीं है, कानून अपना काम कर रहा है. कुछ लोगों ने कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाए थे, पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था और इस प्रकरण पर भी कानून अपना काम कर रहा है.
-अशोक पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी रिश्ते उनके खिलाफ कार्रवाई में बाधा बन रहे हैं. शाहजहांपुर जिला प्रशासन लगातार स्वामी चिन्मयानंद का बचाव करता रहा. आरोप लगाने वाली पीड़िता की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में भी देरी की गई.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर न्यायालय की तरफ से फटकार लगाई गई और न्यायालय के निर्देश पर इस घटनाक्रम की जांच शुरू हुई, लेकिन अभी भी दुष्कर्म का मुकदमा नहीं दर्ज हो सका. विशेष जांच दल (एसआईटी) इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है.

एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का दायित्व निभाने वाले स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी से कई बार सांसद भी रहे हैं. आश्रम के महंत स्वामी चिन्मयानंद पर इससे पहले भी उनके ही आश्रम की एक साध्वी ने दुष्कर्म के आरोप लगाए थे. यह मामला दब गया और स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने वापस ले लिया था, जिसको लेकर उस समय भी तमाम तरह के सवाल उठे थे.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद शाहजहांपुर भी गए थे, जहां वे स्वामी चिन्मयानंद से भी मिले थे. ऐसे में अब कार्रवाई में प्रशासन की रफ्तार सुस्त है तो तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं.

लखनऊ: दुष्कर्म के आरोप से घिरे बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद मामले में भारतीय जनता पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी में स्वामी चिन्मयानंद का मददगार आखिर कौन है. पार्टी के अंदर से ही नेता तमाम तरह की बात कर रहे हैं. आखिर इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भाजपा या योगी आदित्यनाथ सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में क्यों बनी हुई है. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की फजीहत भी हो चुकी है.

बीजेपी के कुछ नेता आपसी बातचीत में यह तर्क देते हैं कि स्वामी चिन्मयानंद के महंत अवैद्यनाथ के करीबी होने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अच्छे रिश्ते हैं. सीएम बनने के बाद वह स्वामी के आश्रम भी गए थे. अब जब एक बार स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनके ही कॉलेज की छात्रा के द्वारा दुष्कर्म के आरोप लगाए गए हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार सुस्त होने को लेकर सवाल उठना लाजमी है. स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के नेताओं से करीबी रिश्ते होने का उन्हें लाभ मिल रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खास बात यह भी है कि उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण पर भी भारतीय जनता पार्टी असमंजस की स्थिति में रही. जब हाईकोर्ट की तरफ से सख्ती बरती गई तब कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाला गया था. भारतीय जनता पार्टी अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर असमंजस में हमेशा नजर आई और बचाव करती हुई साफ-साफ दिख रही थी. अब यही पूरा मामला स्वामी चिन्मयानंद पर भी है कि आखिर उन्हें कौन बचा रहा है.

यह बचाव करने की बात नहीं है, कानून अपना काम कर रहा है. कुछ लोगों ने कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाए थे, पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था और इस प्रकरण पर भी कानून अपना काम कर रहा है.
-अशोक पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी रिश्ते उनके खिलाफ कार्रवाई में बाधा बन रहे हैं. शाहजहांपुर जिला प्रशासन लगातार स्वामी चिन्मयानंद का बचाव करता रहा. आरोप लगाने वाली पीड़िता की तरफ से एफआईआर दर्ज करने में भी देरी की गई.

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर न्यायालय की तरफ से फटकार लगाई गई और न्यायालय के निर्देश पर इस घटनाक्रम की जांच शुरू हुई, लेकिन अभी भी दुष्कर्म का मुकदमा नहीं दर्ज हो सका. विशेष जांच दल (एसआईटी) इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है.

एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का दायित्व निभाने वाले स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी से कई बार सांसद भी रहे हैं. आश्रम के महंत स्वामी चिन्मयानंद पर इससे पहले भी उनके ही आश्रम की एक साध्वी ने दुष्कर्म के आरोप लगाए थे. यह मामला दब गया और स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने वापस ले लिया था, जिसको लेकर उस समय भी तमाम तरह के सवाल उठे थे.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद शाहजहांपुर भी गए थे, जहां वे स्वामी चिन्मयानंद से भी मिले थे. ऐसे में अब कार्रवाई में प्रशासन की रफ्तार सुस्त है तो तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं.

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लखनऊ। बलात्कार के आरोप से घिरे बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण पर भारतीय जनता चुप बनी हुई है इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल यह उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी में स्वामी चिन्मयानंद का मददगार कौन है पार्टी के अंदर से ही नेता तमाम तरह की बात कर रहे हैं कि आखिर इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी या योगी आदित्यनाथ सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में क्यों बनी हुई है भारतीय जनता पार्टी की फजीहत भी हो चुकी है।




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पार्टी के नेता आपसी बातचीत में एक दूसरे से यह कह रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण पर पार्टी की काफी फजीहत हो चुकी है और सरकार को इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए ना कि बचाव चाहिए पार्टी के नेता यह भी कह रहे हैं कि यही मामला अगर किसी दूसरे विपक्षी नेता के साथ होता तो स्थिति कुछ और होती और भारतीय जनता पार्टी मुखर होकर कार्यवाही की मांग करती लेकिन अपनी पार्टी के नेता के खिलाफ जब इस प्रकार के आरोप लगे तो कार्यवाही की रफ्तार इतनी सुस्त क्यों रही। बार-बार बचाव करने की कोशिश की गई, जिसका सन्देश ठीक नहीं गया
स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी रिश्ते उनके खिलाफ कार्यवाही में बाधा बन रहे हैं।
शाहजहांपुर जिला प्रशासन लगातार स्वामी चिन्मयानंद का बचाव करता रहा आरोप लगाने वाली पीड़िता की तरफ से एफ आई आर दर्ज करने में भी देरी की गई इस पूरे घटनाक्रम को लेकर न्यायालय की तरफ से फटकार लगाई गई और न्यायालय के निर्देश पर इस घटनाक्रम की जांच शुरू हुई लेकिन अभी भी बलात्कार का मुकदमा नहीं दर्ज हो सका और इस पूरे घटनाक्रम की एसआईटी से जांच हो रही है बावजूद इसके सत्ता शीर्ष के कुछ प्रमुख लोगों रिश्तो की वजह से कार्यवाही की रफ्तार काफी है जिसको लेकर पार्टी के अंदर से तमाम तरह के सवाल उठा रहे हैं कि इस प्रकार से बचाव किया जा रहा है।

एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का दायित्व निभाने वाले स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी से कई बार सांसद भी रहे हैं और मूंछ आश्रम के महंत भी हैं स्वामी चिन्मयानंद पर इससे पहले भी उनके ही आश्रम की एक साध्वी ने बलात्कार के आरोप लगाए थे।
लेकिन बाद में यह मामला दब गया और स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने वापस ले लिया था जिसको लेकर उस समय भी तमाम तरह के सवाल उठे थे उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह शाहजहांपुर भी गए थे और स्वामी चिन्मयानंद से भी मिले थे ऐसे में अब कार्यवाही में प्रशासन की रफ्तार सुस्त है तो तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ आश्रम गए थे तो स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर उस समय एक साथ ही के द्वारा बलात्कार के आरोप लगाए गए थे और वह उस घटनाक्रम का सामना कर रहे थे।
बीजेपी के कुछ नेता आपसी बातचीत में यह तर्क देते हैं कि स्वामी चिन्मयानंद के महंत अवैद्यनाथ के करीबी होने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अच्छे रिश्ते हैं और सीएम बनने के बाद वह स्वामी के आश्रम भी गए थे।
अब जब एक बार स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनके ही ला कालेज की छात्रा के द्वारा बलात्कार के आरोप लगाए गए हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार सुस्त होने को लेकर सवाल उठना लाजमी है कि स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के नेताओं से करीबी रिश्ते होने का उन्हें लाभ मिल रहा है। बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं से चिन्मयानंद के रिश्ते अच्छे हैं और उनसे करीबी होने का उन्हें लाभ स्वाभाविक रूप से मिल रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अंदर से कोई भी नेता खुलकर इस पूरे प्रकरण पर बोल नहीं रहा।
खास बात यह भी है कि उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण पर भी भारतीय जनता पार्टी असमंजस की स्थिति में रहे और जब हाईकोर्ट की तरफ से सख्ती बरती गई तब कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाला गया था भारतीय जनता पार्टी अपने लोगों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर असमंजस में हमेशा नजर आई और बचाव करती हुई साफ-साफ दिख रही थी अब यही पूरा मामला स्वामी चिन्मयानंद पर भी है कि आखिर उन्हें कौन बचा रहा है।
बाईट,
अशोक पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
देखिए यह बचाव करने की बात नहीं है कानून अपना काम कर रहा है कुछ लोगों ने कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाए थे, पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था और इस प्रकरण पर भी कानून अपना काम कर रहा है स्वामी चिन्मयानंद भारत के गृह राज्य मंत्री रहे हैं उसी के अनुसार जांच हो रही है और जांच में जो पाया जाएगा, उस आधार पर कानून अपना काम करेगा कानून की जांच का इंतजार है कानून के दायरे में जो होगा वह होगा हम दूसरे लोगों की तरह गायत्री प्रजापति को बचाने के लिए आंदोलन नहीं करेंगे, आजम खान को बचाने के लिए आंदोलन किए गए हैं सिर्फ जांच हो जाए कानून के दायरे में जो होगा वह होगा ही।



Conclusion:कुल मिलाकर स्वामी चिन्मयानंद के प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी अपने ही नेता को बचाने का काम कर रही है वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह पूरा प्रकरण किसी दूसरे दल के नेता के साथ होता है भारतीय जनता पार्टी मुखर होकर इसका विरोध करती है और कार्यवाही की मांग करती कुछ लोग यह तर्क दे रहे हैं कि जब आजम खान ने जयाप्रदा को लेकर महिला विरोधी टिप्पणी की तो भारतीय जनता पार्टी ने किस प्रकार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक बड़ा मुद्दा बना दिया और मुखर रही। अपनी ही पार्टी के नेता पर आरोप लगे हैं तो बीजेपी बचाव की मुद्रा में नजर आ रही है।
बीजेपी के अंदर भी और बाहर भी लोग यही सवाल कर रहे हैं कि आखिर बीजेपी में स्वामी चिन्मयानंद का मददगार कौन है और उन्हें क्यों बचाया जा रहा है।





धीरज त्रिपाठी, लखनऊ
9453099555
Last Updated : Oct 1, 2019, 3:35 AM IST
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