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संसद के मानसून सत्र में 30 मिनट की अवधि के प्रश्नकाल की अनुमति - Question Hour

14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सिर्फ 30 मिनट का प्रश्नकाल होगा. वहीं सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाने की तैयारी में लगी है.

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Published : Sep 3, 2020, 11:04 PM IST

नई दिल्ली : संसद के आगामी सत्र में 30 मिनट की अवधि के प्रश्नकाल की अनुमति दी गई है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है.

संसद सत्र का समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है.

इसके अलावा 14 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच 18 दिन के संसद के इस अधिवेशन में कोई छुट्टी नहीं होगी. शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी.

वहीं कांग्रेस की संसद से जुड़ी रणनीति तय करने संबंधी समिति की बैठक हुई, जिसमें आगामी मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों को साथ लेने की रणनीति पर चर्चा हुई.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में यह सहमति बनी कि जीडीपी विकास दर में करीब 24 प्रतिशत की गिरावट, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध, कोरोना संकट, प्रवासी श्रमिकों की समस्याएं, बेरोजगारी, नयी शिक्षा नीति और कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.

इससे पहले यह निर्णय लिया गया था कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा जाएंगे. कोरोना वायरस के चलते यह फैसला लिया गया था.

नई दिल्ली : संसद के आगामी सत्र में 30 मिनट की अवधि के प्रश्नकाल की अनुमति दी गई है. बता दें कि कोरोना संकट के बीच 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है.

संसद सत्र का समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है.

इसके अलावा 14 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच 18 दिन के संसद के इस अधिवेशन में कोई छुट्टी नहीं होगी. शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी.

वहीं कांग्रेस की संसद से जुड़ी रणनीति तय करने संबंधी समिति की बैठक हुई, जिसमें आगामी मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों को साथ लेने की रणनीति पर चर्चा हुई.

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में यह सहमति बनी कि जीडीपी विकास दर में करीब 24 प्रतिशत की गिरावट, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध, कोरोना संकट, प्रवासी श्रमिकों की समस्याएं, बेरोजगारी, नयी शिक्षा नीति और कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.

इससे पहले यह निर्णय लिया गया था कि संसद के आगामी मानसून सत्र में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर सरकारी विधेयक लाए जा जाएंगे. कोरोना वायरस के चलते यह फैसला लिया गया था.

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