नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस महामारी से निपटने के लिए तमाम कदम उठा रही हैं. आज इसी क्रम में भारत सरकार ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संघ (एचपीआई) के साथ एक समझौते किया है. इस समझौते के अनुसार अब निजी लैबों में कोविड -19 का परीक्षण पांच हजार रुपए में किया जाएगा.
बता दें कि एचपीआई ने पहले कहा था कि एक व्यक्ति की जांच के लिए 6000-9000 रुपये लगेंगे.
एचपीआई के निदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड-19 की जांच के लिए निजी लैब 5000 रुपये से ज्यादा नहीं लेंगे, जिस पर एचपीआई ने भी सहमति जताई है.
बता दें कि गुरुवार शाम को स्वास्थ्य सचिव प्रीती सूडान की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई थी. इसी बैठक में जांच का मूल्य निर्धारित किया गया था. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ भारतीय मेडिकल अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ बलराम भार्गव भी मौजूद थे.
डॉ. ज्ञानी ने कहा कि यह सरकार के द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह स्थिति खराब होती है तो निजी लैब कोरोना वायरस का परीक्षण कर सरकार की मदद करेंगी.
उन्होंने कहा कि देश में 1000 से अधिक निजी लैब हैं, जिन्हें परीक्षण करने की अनुमति भी प्रदान है. इन सभी लैबों में कोरोना वायरस का जांच किया जा सकता है.
डॉ ज्ञानी ने कहा कि सरकार सभी आवश्यक किट निजी लैबों को देगी, तभी वह परीक्षण करेंगे.
बता दें कि देशभर में कम से कम 121 लैबों में कोरोना वायरस का जांच किया जा रहा है, जो सरकारी है या सरकार से संबंधित है.
निजी लैबों में कोरोना संक्रमितों की जांच का खर्च छह से नौ हजार रुपये : एएचपीआई
गौरतलब है कि भारत में कोरोनो से संक्रमित लोगों की संख्या 200 से अधिक हो गई है, वहीं इस महामारी से देश में छह लोगों की मौत हो चुकी है.