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बलात्कार दोषियों के साथ भीड़तंत्र द्वारा न्याय, समस्या का समाधान नहीं : गार्गी - बलात्कार दोषियों के साथ भीड़तंत्र द्वारा न्याय

राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती का कहना है कि बलात्कार दोषियों के साथ भीड़तंत्र द्वारा न्याय, समस्या का कोई समाधान नहीं है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने ऐसे मामलों में अपराधी और सांसदों के बीच साठगांठ पर गंभीर चिंता व्यक्त की.

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राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती
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Published : Dec 3, 2019, 10:39 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 11:49 PM IST

नई दिल्ली : ख्यातिनाम महिला तीक्ष्णतावादी और राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (NFIW) की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती ने महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध की बढ़ती घटनाओं में अपराधी और सांसदों के बीच सांठगांठ पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.

गार्गी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि महिलाओं के बढ़ते अपराध की समस्या व्यवस्था की वजह से है. यह एक कैंसर की तरह है, अगर समय पर इसका पता नहीं चला तो आगे दिक्कत बहुत बढ़ जाती है.

राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती से ईटीवी भारत की बातचीत.

अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, चक्रवर्ती ने कहा कि अपराधी केवल संसद में ही नहीं हैं, बल्कि अपराधियों के साथ उनकी साठगांठ भी एक गंभीर खतरा है.

गार्गी ने कहा कि उन्नाव, कठुआ और चिन्मयानंद के मामले कुछ ऐसे रहे हैं, जिनमें सांसद भी संलिप्त रहे हैं.

महिला कार्यकर्ता ने कहा, 'अभियुक्तों को बरी करना भी एक गंभीर मामला है. हमें यह सोचने की जरूरत है कि उन लोगों को छुड़ाने के पीछे कौन लोग शामिल है.'

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वेक्षण के अनुसार, नए चुने गए लोकसभा सदस्यों में से लगभग आधे के खिलाफ आपराधिक आरोप हैं, 2014 की तुलना में इसमें 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

एडीआर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला कि 539 निर्वाचित उम्मीदवारों में से 233 सांसदों या 43 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं.

इन सांसदों में से 116 (39%) आपराधिक मामलों वाले सांसद अकेले भाजपा के खेमे में हैं. इसके बाद कांग्रेस के 29 (57%) सांसदों पर आपरधिक आरोप लगे हैं, वहीं जदयू से 13 (81%), द्रमुक से 10 (43%) और त्रिणमूल कांग्रेस से 9 (41%) उम्मीदवार शामिल हैं.

पढ़ें- हैदराबाद गैंग रेप, मर्डर केस, पीड़िता के पिता ने कहा दोषियों को जल्द दी जाए फांसी

विडंबना यह है कि मौजूदा सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों में से 29 प्रतिशत बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास या महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल हैं.

चक्रवर्ती ने कहा कि भीड़तंत्र या सार्वजनिक लिंचिंग इसका समाधान नहीं है. हमें पुलिस सुधारों और ऐसे मामलों के फास्ट ट्रैक ट्रायल की जरूरत है.

उन्होंने यह बात संसद में राज्यसभा सांसद जया बच्चन द्वारा दिए गए एक बयान का उल्लेख करते हुए कही.

गौरतलब है कि हैदराबाद स्थित महिला पशु चिकित्सक के क्रूर सामूहिक बलात्कार और हत्या से पूरे भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर नई बहस छेड़ दी है.

इससे पहले ऐसा 2012 में हुआ था, जब एक 23 वर्षीय युवती के क्रूर सामूहिक बलात्कार पर पूरे देश ने नाराजगी जताई थी.

नई दिल्ली : ख्यातिनाम महिला तीक्ष्णतावादी और राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (NFIW) की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती ने महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध की बढ़ती घटनाओं में अपराधी और सांसदों के बीच सांठगांठ पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.

गार्गी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि महिलाओं के बढ़ते अपराध की समस्या व्यवस्था की वजह से है. यह एक कैंसर की तरह है, अगर समय पर इसका पता नहीं चला तो आगे दिक्कत बहुत बढ़ जाती है.

राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की उपाध्यक्ष गार्गी चक्रवर्ती से ईटीवी भारत की बातचीत.

अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, चक्रवर्ती ने कहा कि अपराधी केवल संसद में ही नहीं हैं, बल्कि अपराधियों के साथ उनकी साठगांठ भी एक गंभीर खतरा है.

गार्गी ने कहा कि उन्नाव, कठुआ और चिन्मयानंद के मामले कुछ ऐसे रहे हैं, जिनमें सांसद भी संलिप्त रहे हैं.

महिला कार्यकर्ता ने कहा, 'अभियुक्तों को बरी करना भी एक गंभीर मामला है. हमें यह सोचने की जरूरत है कि उन लोगों को छुड़ाने के पीछे कौन लोग शामिल है.'

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के सर्वेक्षण के अनुसार, नए चुने गए लोकसभा सदस्यों में से लगभग आधे के खिलाफ आपराधिक आरोप हैं, 2014 की तुलना में इसमें 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

एडीआर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला कि 539 निर्वाचित उम्मीदवारों में से 233 सांसदों या 43 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं.

इन सांसदों में से 116 (39%) आपराधिक मामलों वाले सांसद अकेले भाजपा के खेमे में हैं. इसके बाद कांग्रेस के 29 (57%) सांसदों पर आपरधिक आरोप लगे हैं, वहीं जदयू से 13 (81%), द्रमुक से 10 (43%) और त्रिणमूल कांग्रेस से 9 (41%) उम्मीदवार शामिल हैं.

पढ़ें- हैदराबाद गैंग रेप, मर्डर केस, पीड़िता के पिता ने कहा दोषियों को जल्द दी जाए फांसी

विडंबना यह है कि मौजूदा सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों में से 29 प्रतिशत बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास या महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल हैं.

चक्रवर्ती ने कहा कि भीड़तंत्र या सार्वजनिक लिंचिंग इसका समाधान नहीं है. हमें पुलिस सुधारों और ऐसे मामलों के फास्ट ट्रैक ट्रायल की जरूरत है.

उन्होंने यह बात संसद में राज्यसभा सांसद जया बच्चन द्वारा दिए गए एक बयान का उल्लेख करते हुए कही.

गौरतलब है कि हैदराबाद स्थित महिला पशु चिकित्सक के क्रूर सामूहिक बलात्कार और हत्या से पूरे भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर नई बहस छेड़ दी है.

इससे पहले ऐसा 2012 में हुआ था, जब एक 23 वर्षीय युवती के क्रूर सामूहिक बलात्कार पर पूरे देश ने नाराजगी जताई थी.

Intro:New Delhi: As the lawmakers from both Lok Sabha and Rajya Sabha raising a huge and cry over the increasing incidents of heinous crime against women, renowned woman acvitist and vice president of National Federation of Indian Women (NFIW) Gargi Chakravartty on Tuesday expressed serious concern over the nexus between criminal and parliamentarians.



Body:"The on going crime against women is a systematic problem. It's like a cancer, if the doctor is unable to find the disease...It's problematic," said Chakravartty.

Expressing her concern, Chakravartty said, "not only the criminals are in the Parliament, their nexus is really a serious threat."

She said that Unnao, Kathua as well as Chinmayanand incidents are glaring examples where lawmakers are involved.

"Acquittal of the accused is also a serious matter. We need to ponder who are the people involved in their acquittal," said the woman activist.

As per Association of Democratic Reforms (ADR) survey, nearly half of the newly elected Lok Sabha members have criminal charges against them, a 26 percent increase as compared to 2014.

Out of the 539 elected candidates analysed by ADR, as many as 233 MPs or 43 percent have criminal charges.

BJP has 116 MPs or 39 percent of its wining candidates with criminal cases, followed by 29 MPs (57 percent) from the Congress, 13 (81 percent) from JDU, 10 (43 percent) from the DMK and nine (41 percent) from the TMC.

Ironically, 29 percent of the cases registered against the sitting MPs involves around rape, murder, attempt to murder or crime against women.

"Public lynching is not the solution. What we need is police reforms and fast track trial of such cases," said Chakravartty.

She was against public lynching of the accused. "Public lynching is not the aputuin..." said the NFIA vice president.

She was referring to a statement made by Rajya Sabha MP Jaya Bacchan in the Parliament.



Conclusion:The brutal gang rape and murder of Hyderabad based veterinarian has raised another fresh debate over the safety and security of women across India.

It was in 2012, when brutal gang rape of a 23 year old woman raised a huge national outrage.

end.
Last Updated : Dec 3, 2019, 11:49 PM IST
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