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यूपी : नागरिकता कानून के खिलाफ मऊ में हिंसक प्रदर्शन, अघोषित कर्फ्यू

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में रविवार रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प की आंच अलीगढ़ शहर के साथ-साथ राजधानी लखनऊ और मऊ तक पहुंच गई.

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Published : Dec 16, 2019, 9:17 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 10:51 PM IST

लखनऊ : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज के बाद मऊ में भी हिंसक प्रदर्शन हुए. मऊ जिले के दक्षिण टोला क्षेत्र में लोगों ने सोमवार को हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की. विरोध प्रदर्शन के चलते अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. वहीं, हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मिर्जा हाजीपुरा चौक पर स्थानीय लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण टोला थाने को आग के हवाले करने की भी कोशिश की.

उन्होंने बताया कि हालात काबू में करने के लिये पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन समेत कई गाड़ियां भी फूंक दीं.

जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मिर्जा हादीपुरा में कुछ युवकों ने जामिया में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ज्ञापन देने की योजना बनायी थी. देखते ही देखते मौके पर भीड़ बढ़ने लगी. मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया. इससे नाराज भीड़ ने दक्षिण टोला थाने के आसपास पथराव और आगजनी की. हालांकि इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ.

मऊ में विरोध प्रदर्शन

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया और पुलिस की कुछ मोटरसाइकिलों में आग लगा दी. हालांकि पुलिस ने हल्का बलप्रयोग कर स्थिति को काबू में कर लिया. वीडियो फुटेज देखकर उपद्रवियों की धरपकड़ की जाएगी.

जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने की घोषणा करते हुए आम नागरिकों से घरों में रहने की अपील की.

जिले में कर्फ्यू लागू होने की खबरों के बीच पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने इनका खण्डन करते हुए कहा कि कर्फ्यू नहीं लगाया है.

उन्होंने बताया कि अब स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण है. प्रशासन ने उग्र प्रदर्शनकारियों को सख्ती से तितर-बितर कर दिया है.

लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों का प्रदर्शन
इस बीच, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया में हुई हिंसा की आंच लखनऊ तक भी पहुंच गयी. लखनऊ स्थित नदवतुल उलमा (नदवा) और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नाराज छात्रों ने प्रदर्शन किया. हालात के मद्देनजर दोनों संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गयी है.

नदवा कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन

CAA के विरोध में लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों ने भी प्रदर्शन किया. छात्रों ने पहले तो हाथों में तख्तियां लेकर विरोध जताया था, जिसके बाद उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद किसी तरह स्थिति पर काबू पाया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि सरकार का यह बिल उनके लिए नहीं है.

लखनऊ में विरोध प्रदर्शन

नदवा के प्रवक्ता फैजान नगरामी के मुताबिक जामिया के एक छात्र की पुलिस कार्रवाई में मौत की अफवाह से नाराज नदवा छात्रों ने रविवार रात परिसर में हंगामा किया था. उस वक्त पुलिस ने उन्हें रोक दिया था. सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्रों ने फिर नदवा परिसर में नारेबाजी की. छात्र जबरन गेट खुलवाकर बाहर आ गये और सड़क पर प्रदर्शन किया. गेट के सामने लेट गये कुछ छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

नदवा कॉलेज में विरोध प्रदर्शन

छात्रों का विरोध हिंसक होने की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंची, जहां परिस्थिति संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए टीले वाली मस्जिद के इमाम शाह फजले मन्नान ने कहा कि नदवा कॉलेज 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है और सभी छात्रों को घर वापस जाने को कहा गया है. फजले मन्नाम ने कहा कि इस घटना को लेकर हम बहुत शर्मिंदा हैं और देश में अमन-चैन की दुआ करते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी छात्र इस घटना में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

हालात सम्भलने के बाद पुलिस महानिरीक्षक एस.के. भगत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने नदवा के उप प्रधानाचार्य अब्दुल अजीज भटकली से बातचीत की. नदवा प्रशासन ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर प्रदर्शनकारियों को चिह्नित किया जाएगा.

हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया गया.

उधर, राजधानी के गुडम्बा इलाके में स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अकील अहमद ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने जामिया में रविवार को हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया.

विश्वविद्यालय में आगामी 18 दिसम्बर तक छुट्टी घोषित कर दी गयी है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी छात्रों का प्रदर्शन
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि एएमयू हिंसा में कुल 56 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनमें से 21 को गिरफ्तार किया गया है. अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि एएमयू प्रशासन के आदेश पर छात्रावास खाली कर जा रहे छात्रों को उनके गंतव्यों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिये 40 बसों का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा देश के पूर्वी तथा उत्तर—पूर्वी राज्यों में जाने वाली लम्बी दूरी की सभी रेलगाड़ियों को अलीगढ़ में रुकने का आदेश दिया गया है ताकि छात्रावास खाली करके जा रहे छात्र अपने घर रवाना हो सकें.

एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिला के जिम्मेदार अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में है ताकि पूछताछ के लिये हिरासत में लिये गये छात्रों की जानकारी मिल सके.
इस बीच, एएमयू प्रशासन ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि अराजक तत्वों की वजह से रविवार रात परिसर का माहौल खराब हुआ था.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवाई ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि सीएए के खिलाफ एएमयू में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था, मगर रविवार को जामिया में पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष के बाद हालात खराब होना शुरू हुए. कुछ अराजक तत्वों ने प्रदर्शनकारियों को भड़काना शुरू किया, जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गये. स्थिति इतनी खराब हुई कि उसमें कुछ बेकसूर छात्रों की जान भी जा सकती थी.

वाराणसी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन

जामिया और एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा को पुलिस प्रशासन ने नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया. दोनों यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में और पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने सड़क पर उतरकर मशाल जुलूस निकाला और विरोध प्रदर्शन किया.

बीएचयू के एनएसयूआई, आईसा, भगत सिंह छात्र मोर्चा समेत विभिन्न छात्र संगठनों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और लखनऊ में छात्रों के साथ जो हुआ, उसका विरोध किया. छात्रों ने बीएचयू गेट पर एक सभा आयोजित कर लंका गेट से लेकर रविदास गेट तक मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बीएचयू में विरोध प्रदर्शन

छात्र नीतीश कुमार का कहना है कि पूरे देश की यूनिवर्सिटी के छात्र आज सड़क पर हैं, जिसका कारण केंद्र सरकार है. साथ ही कहा कि प्रदेश सरकार भी पूरी तरह से फेल है. कैब और एनआरसी का विरोध करने वाले छात्रों को पीटा गया, जो कि पूरी तरीके से तानाशाही रवैया है

वहीं, काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी घटना का जिम्मेदार ठहराया.

BHU की छात्र आयुषी ने बताया कि NRC और CAB बिल को जिस तरह आम जनता पर थोपा जा रहा है, हम इसका विरोध कर रहे हैं. यही विरोध एएमयू के छात्रों ने किया तो प्रदेश सरकार द्वारा लाठीचार्ज किया गया. वहीं दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों को मारा गया. हम इसका भी विरोध करते हैं. केंद्र सरकार को अपने फैसले पर विचार करना होगा. आयुषी ने चेतावनी देकर कहा कि जब-जब छात्र सड़क पर उतरे हैं, तब-तब इतिहास बदला है.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन

वहीं, आज देर शाम बीएचयू के सिंह द्वार पर दोनों संगठनों के छात्र आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के विरोध में जमकर नारेबाजी की. सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही. नारेबाजी करते हुए दोनों गुटों के छात्र आमने-सामने आ गए, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई.

प्रदर्शन करते छात्र

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अरुण चौबे ने बताया कि देश के सर्वोच्च सदन में यह बिल पास होने के बाद कानून लागू हुआ है. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह देशद्रोही हैं, ऐसे लोगों को हम भारत के किसी भी कोने में चैन से नहीं बैठने देंगे. हम लोग बिल का समर्थन करते हैं और इसके समर्थन में हम लोगों ने सिंह द्वार पर सभा की है.

लखनऊ : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज के बाद मऊ में भी हिंसक प्रदर्शन हुए. मऊ जिले के दक्षिण टोला क्षेत्र में लोगों ने सोमवार को हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की. विरोध प्रदर्शन के चलते अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. वहीं, हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी कर दी गई है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मिर्जा हाजीपुरा चौक पर स्थानीय लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण टोला थाने को आग के हवाले करने की भी कोशिश की.

उन्होंने बताया कि हालात काबू में करने के लिये पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन समेत कई गाड़ियां भी फूंक दीं.

जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मिर्जा हादीपुरा में कुछ युवकों ने जामिया में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ज्ञापन देने की योजना बनायी थी. देखते ही देखते मौके पर भीड़ बढ़ने लगी. मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया. इससे नाराज भीड़ ने दक्षिण टोला थाने के आसपास पथराव और आगजनी की. हालांकि इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ.

मऊ में विरोध प्रदर्शन

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मीडिया और पुलिस की कुछ मोटरसाइकिलों में आग लगा दी. हालांकि पुलिस ने हल्का बलप्रयोग कर स्थिति को काबू में कर लिया. वीडियो फुटेज देखकर उपद्रवियों की धरपकड़ की जाएगी.

जिलाधिकारी ने जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने की घोषणा करते हुए आम नागरिकों से घरों में रहने की अपील की.

जिले में कर्फ्यू लागू होने की खबरों के बीच पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने इनका खण्डन करते हुए कहा कि कर्फ्यू नहीं लगाया है.

उन्होंने बताया कि अब स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण है. प्रशासन ने उग्र प्रदर्शनकारियों को सख्ती से तितर-बितर कर दिया है.

लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों का प्रदर्शन
इस बीच, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया में हुई हिंसा की आंच लखनऊ तक भी पहुंच गयी. लखनऊ स्थित नदवतुल उलमा (नदवा) और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नाराज छात्रों ने प्रदर्शन किया. हालात के मद्देनजर दोनों संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गयी है.

नदवा कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन

CAA के विरोध में लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों ने भी प्रदर्शन किया. छात्रों ने पहले तो हाथों में तख्तियां लेकर विरोध जताया था, जिसके बाद उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद किसी तरह स्थिति पर काबू पाया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि सरकार का यह बिल उनके लिए नहीं है.

लखनऊ में विरोध प्रदर्शन

नदवा के प्रवक्ता फैजान नगरामी के मुताबिक जामिया के एक छात्र की पुलिस कार्रवाई में मौत की अफवाह से नाराज नदवा छात्रों ने रविवार रात परिसर में हंगामा किया था. उस वक्त पुलिस ने उन्हें रोक दिया था. सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्रों ने फिर नदवा परिसर में नारेबाजी की. छात्र जबरन गेट खुलवाकर बाहर आ गये और सड़क पर प्रदर्शन किया. गेट के सामने लेट गये कुछ छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

नदवा कॉलेज में विरोध प्रदर्शन

छात्रों का विरोध हिंसक होने की सूचना पर मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंची, जहां परिस्थिति संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए टीले वाली मस्जिद के इमाम शाह फजले मन्नान ने कहा कि नदवा कॉलेज 5 जनवरी तक बंद कर दिया गया है और सभी छात्रों को घर वापस जाने को कहा गया है. फजले मन्नाम ने कहा कि इस घटना को लेकर हम बहुत शर्मिंदा हैं और देश में अमन-चैन की दुआ करते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी छात्र इस घटना में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

हालात सम्भलने के बाद पुलिस महानिरीक्षक एस.के. भगत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने नदवा के उप प्रधानाचार्य अब्दुल अजीज भटकली से बातचीत की. नदवा प्रशासन ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर प्रदर्शनकारियों को चिह्नित किया जाएगा.

हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया गया.

उधर, राजधानी के गुडम्बा इलाके में स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अकील अहमद ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने जामिया में रविवार को हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया.

विश्वविद्यालय में आगामी 18 दिसम्बर तक छुट्टी घोषित कर दी गयी है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी छात्रों का प्रदर्शन
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि एएमयू हिंसा में कुल 56 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनमें से 21 को गिरफ्तार किया गया है. अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि एएमयू प्रशासन के आदेश पर छात्रावास खाली कर जा रहे छात्रों को उनके गंतव्यों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिये 40 बसों का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा देश के पूर्वी तथा उत्तर—पूर्वी राज्यों में जाने वाली लम्बी दूरी की सभी रेलगाड़ियों को अलीगढ़ में रुकने का आदेश दिया गया है ताकि छात्रावास खाली करके जा रहे छात्र अपने घर रवाना हो सकें.

एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिला के जिम्मेदार अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में है ताकि पूछताछ के लिये हिरासत में लिये गये छात्रों की जानकारी मिल सके.
इस बीच, एएमयू प्रशासन ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि अराजक तत्वों की वजह से रविवार रात परिसर का माहौल खराब हुआ था.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवाई ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि सीएए के खिलाफ एएमयू में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था, मगर रविवार को जामिया में पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष के बाद हालात खराब होना शुरू हुए. कुछ अराजक तत्वों ने प्रदर्शनकारियों को भड़काना शुरू किया, जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गये. स्थिति इतनी खराब हुई कि उसमें कुछ बेकसूर छात्रों की जान भी जा सकती थी.

वाराणसी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन

जामिया और एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा को पुलिस प्रशासन ने नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया. दोनों यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में और पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने सड़क पर उतरकर मशाल जुलूस निकाला और विरोध प्रदर्शन किया.

बीएचयू के एनएसयूआई, आईसा, भगत सिंह छात्र मोर्चा समेत विभिन्न छात्र संगठनों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और लखनऊ में छात्रों के साथ जो हुआ, उसका विरोध किया. छात्रों ने बीएचयू गेट पर एक सभा आयोजित कर लंका गेट से लेकर रविदास गेट तक मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बीएचयू में विरोध प्रदर्शन

छात्र नीतीश कुमार का कहना है कि पूरे देश की यूनिवर्सिटी के छात्र आज सड़क पर हैं, जिसका कारण केंद्र सरकार है. साथ ही कहा कि प्रदेश सरकार भी पूरी तरह से फेल है. कैब और एनआरसी का विरोध करने वाले छात्रों को पीटा गया, जो कि पूरी तरीके से तानाशाही रवैया है

वहीं, काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी घटना का जिम्मेदार ठहराया.

BHU की छात्र आयुषी ने बताया कि NRC और CAB बिल को जिस तरह आम जनता पर थोपा जा रहा है, हम इसका विरोध कर रहे हैं. यही विरोध एएमयू के छात्रों ने किया तो प्रदेश सरकार द्वारा लाठीचार्ज किया गया. वहीं दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों को मारा गया. हम इसका भी विरोध करते हैं. केंद्र सरकार को अपने फैसले पर विचार करना होगा. आयुषी ने चेतावनी देकर कहा कि जब-जब छात्र सड़क पर उतरे हैं, तब-तब इतिहास बदला है.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन

वहीं, आज देर शाम बीएचयू के सिंह द्वार पर दोनों संगठनों के छात्र आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के विरोध में जमकर नारेबाजी की. सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही. नारेबाजी करते हुए दोनों गुटों के छात्र आमने-सामने आ गए, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई.

प्रदर्शन करते छात्र

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अरुण चौबे ने बताया कि देश के सर्वोच्च सदन में यह बिल पास होने के बाद कानून लागू हुआ है. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह देशद्रोही हैं, ऐसे लोगों को हम भारत के किसी भी कोने में चैन से नहीं बैठने देंगे. हम लोग बिल का समर्थन करते हैं और इसके समर्थन में हम लोगों ने सिंह द्वार पर सभा की है.

Intro:این آر سی اور شہریت ترمیمی بل کے خلاف آج ہم نہیں نکلے تو ہم ملک برباد ہو جائے گا۔ جو کام اپوزیشن جماعتوں کو کرنا چاہیے تھا وہ کام جامعہ ملیہ، علی گڑھ مسلم یونیورسٹی، ندوۃ العلماء کے طلبہ کر رہے ہیں۔


Body:ای ٹی وی بھارت سے بات چیت کے دوران ندیم الدین جو ندوۃ العلماء میں زیر تعلیم ہیں نے بتایا کہ ہم لوگ گیٹ پر امن و امان کے ساتھ احتجاج جامعہ ملیہ اور علی گڑھ مسلم یونیورسٹی کے طلبا کی حمایت میں کیونکہ وہاں کے طلبا شہریت ترمیمی بل کے خلاف احتجاج کررہے تھے لیکن پولیس نے ان پر ظالمانہ کاروائی کیا۔

ہم لوگ احتجاج پر بیٹھ کر صرف بات چیت کر رہے تھے۔ اس کے بعد پولیس ہم سے صحیح طریقہ سے بات کر رہی تھی لیکن جب دوسری پولیس فورسز آئی تب اس نے بنا بات چیت کے ہی ہم پر لاٹھی چارج کا دیا اور اندر کر دیا۔

ندیم الدین نے مزید کہا کہ اس بل کے خلاف سماج کے دلت، پیچھڑے اور مسلم طبقے کے لوگ مل کر اس بل کی مخالفت نہیں کرتے ہیں تو ملک کا آئین تبدیل ہوجائے گا اور ہم کچھ نہیں کر پائیں گے۔

ہماری ذمہ داری ہے کہ ہم غلط چیز کے خلاف احتجاج کریں اور ہم یہ مرتے دم تک کرتے رہیں گے۔ شہادت ہمارے لئے بڑے فخر کی بات ہے۔

انہوں نے کہا کہ پولیس سبھی طلبا کو دھمکی دیا تھا کہ اگر آپ لوگ اندر نہیں گئے ہو مدرسہ کے اندر گھس کر ماریں گے۔ ملک کی اپوزیشن جماعتوں پر سخت تنقید کرتے ہوئے کہا کہ ان کا جو کام ہے وہ نہیں کر رہے بلکہ یونیورسٹی کے طلبا اس کام کو بخوبی انجام دے رہے ہیں۔

#بائٹ#
ندیم الدین، ندوۃ العلماء (پرتاپ گڑھ کے رہنے والے)


Conclusion:ندیم الدین نے قوم کے نام نہاد رہنماؤں سے اپیل کرتے ہوئے کہا کہ آپ لوگ بل کی مخالفت کریں اور سڑک پر نکل کر حکومت کی آنکھیں کھولنے کا کام کریں۔
Last Updated : Dec 16, 2019, 10:51 PM IST
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