नई दिल्ली/मुजफ्फरपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे. वे वहां चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों को देखने गए थे. लेकिन उनके वहां पहुंचते ही विरोध शुरू हो गया. लोगों ने नीतीश वापास जाओ के नारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद किसी तरह से प्रशासन ने लोगों को शांत कराया.
नीतीश कुमार पीड़ितों का हाल जानने मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल पहुंचे. परिजनों ने कहा कि चमकी बुखार से लगातार बच्चे मर रहे हैं, लेकिन इन्हें बचाने के लिए सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर रही है.
सीएम का विरोध करते हुए मरीजों के परिजनों ने सरकार की तरफ से उचित स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग की.
सीएम के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे. अस्पताल पहुंच कर दोनों ने चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और हाल जाना.
सीएम ने बुलाई थी आपात बैठक
आपको बता दें कि सोमवार को सीएम नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक खत्म कर दिल्ली से पटना पहुंचते ही सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद सरकार ने चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का मुफ्त में इलाज करने का निर्देश जारी किया.
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ने भी लिया
रविवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर में हालात का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि एईएस से दोबारा इतने बच्चों की मौत न हो, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बिहार सरकार को आश्वासन दिया कि एईएस मर्ज के रोकथाम के लिए हाई क्वालिटी का रिसर्च सेंटर बनेगा, जिसके लिए एक साल का वक्त मांगा है.
मृतकों की संख्या में इजाफा
बता दें, बिहार में चमकी बुखार से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमकी बुखार से12 और बच्चों की मौत हो गई. वहीं एसकेएमसीएच में 38 और केजरीवाल अस्पताल में 18 नए मरीज भर्ती किए गए हैं. 44 नए मरीजों के साथ चमकी बुखार के 243 मामले सामने आ चुके हैं. सरकार की ओर से मरने वाले लोगों की संख्या 108 है. वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार चमकी बुखार से राज्यभर में अबतक148 बच्चों की मौत हुई हैं.
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम क्या है
इंसेफ्लाइटिस वास्तव में मानव मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है. हमारे मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं. इनके सहारे शरीर के अंग काम करते हैं. जब इन कोशिकाओं में सूजन या कोई अन्य दिक्कत आ जाती है, तो इसे ही एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहते हैं. यह एक संक्रामक बीमारी है. चमकी बुखार के वायरस जब शरीर में पहुंचते हैं और खून में शामिल हो जाते हैं, तो इनका प्रजनन शुरू हो जाता है. इसके बाद इनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगती है.
ये मौत का कारण
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
- एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
- अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
- इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
- गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
- तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
- साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
- अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
- चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
इन बातों का रखें ध्यान :
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
- पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.