कोलकाता : नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जारी विरोध प्रदर्शनों के तीसरे दिन प्रदेश के नदिया, उत्तर 24 परगना और हावड़ा जिलों से हिंसा की छिटपुट खबरें सामने आई हैं. पुलिस ने आज इसकी जानकारी दी. विरोध प्रदर्शन के चलते पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, 'मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वे जो कुछ भी कर सकते हैं, उसे करने के लिए संकट में पड़े लोगों की मदद करें और शांति बनाए रखें.'
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की है कि वह नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर लगाए गए विज्ञापनों हटा लें.
धनखड़ ने कहा कि मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वह संकट में पड़े लोगों की मदद करने के लिए और शांति बनाए रखने के लिए वह सब कुछ करें.
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर लगाए गए उन विज्ञापनों कम से कम हटा दिया जाए जिसमें कहा गया है कि (पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा), वह असंवैधानिक हैं और यह सार्वजनिक धन का आपराधिक उपयोग है.
बता दें कि ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून पास होने के बाद कहा था कि वह बंगाल में न तो एनआरसी लागू होने देंगे और न ही नागरिकता कानून को. उन्होंने नागरिकता को संविधान के खिलाफ बताते हुए देश की एकता को तोड़ना वाला करार दिया था.
उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों के अमदंगा और कल्याणी इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख मार्गों को अवरुद्ध किया और सड़कों पर लकड़ी के कुन्दे जलाए. जिले के देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर जलाए गए.
नदिया में प्रदर्शनकारियों ने कल्याणी एक्सप्रेस हाईवे को अवरुद्ध किया और कुछ ने संशोधित कानून की प्रतियां जलाईं.
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इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की खबर हावड़ा जिले के दोमजुर इलाके, वर्द्धमान और बीरभूम के कुछ हिस्सों से मिलीं, जहां प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस की बड़ी टुकड़ियों को मौके पर भेजा गया.
हालांकि, खबरों के मुताबिक पिछले दो दिनों के उलट, हावड़ा-सियालदह और खड़गपुर खंडों पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शांति की अपील की है और प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि संशोधित कानून राज्य में लागू नहीं होगा.
चटर्जी ने कहा, 'हम हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील करेंगे. हम आपको आश्वासन दे सकते हैं कि कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा.'
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए बहुत कम प्रयास करने का आरोप लगाया.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिन से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों को आग लगाने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.
संशोधित कानून से समूचे पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में आक्रोश है जहां लोगों को डर है कि यह अवैध आव्रजन की समस्या को और बढ़ा देगा.
देशभर के मुस्लिमों का मानना है कि यह देश भर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का पूर्व संकेत हो सकता है.
संशोधित कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना झेलने वाले और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.