नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के लखनऊ में घंटा घर के पास महिलाओं का सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध जारी था. लेकिन आज सरकार द्वारा लॉकडाउन के आदेश के बाद यहां की महिलाओं ने अपने प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला लिया है. वहीं मुंबई में भी जारी विरोध पर प्रदर्शनकारियों ने अस्थाई रूप से रोक लगा दी है.
बता दें, देश में कोरोना वायरस की महामारी के चलते करीब 75 जिलों में पाबंदी लगा दी गई है.
सीएए और एनआरसी के खिलाफ लखनऊ के ऐतिहासिक घंटा घर पर धरने पर बैठीं महिला प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर अपना धरना स्थगित कर दिया है.
महिला प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त को भेजे एक पत्र में कहा कि वे 66 दिन पुराना अपना धरना कोरोना वायरस के मद्देनजर अस्थाई रूप से स्थगित कर रही हैं.
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि सरकार की ओर से लगाया गया लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे पुनः घंटा घर पर वापस लौटेंगी.
उल्लेखनीय है कि ये महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ घंटाघर पर लगातार धरना दे रही थी.
कोरोना के खिलाफ जंग : लखनऊ समेत 16 जिलों में लॉकडाउन
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजधानी लखनऊ समेत 16 जिलों में अगले तीन दिनों के लिये 'लॉकडाउन' घोषित कर दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'प्रदेश के लोगों ने जनता कर्फ्यू में सराहनीय योगदान किया है. हमारा यह कार्यक्रम अभी जारी रहेगा.'
उन्होंने कहा कि ऐसे 16 जिले जहां कोरोना वायरस से कोई भी व्यक्ति प्रभावित है, या उसे पृथक किया गया है, उन जनपदों को 23 से 25 मार्च तक पूरी तरह लॉकडाउन किया गया है.
उन्होंने बताया कि इन जिलों में आगरा, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, पीलीभीत और सहारनपुर शामिल हैं.