ऋषिकेश: आज भी कई शिक्षक हैं जो अपने कार्य से समाज में आदर्श बने हुए हैं और उनसे लोगों का भावनात्मक जुड़ाव बना रहता है. कॉलेज की जो तस्वीरें हम आपको दिखा रहे हैं ये सरकारी स्कूलों-कॉलेजों के शिक्षकों की छवि को तोड़ती है. यहां प्रधानाचार्य की विदाई समारोह में स्कूल के बच्चों के साथ साथ पूरा क्षेत्र बिलख-बिलख कर रो पड़ा.
ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में तैनात प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह रावत के सेवानिवृत्त होने पर स्कूल के छात्र छात्राएं भावुक हो गए और उनकी विदाई पर फूट-फूट कर रोने लगे. वही छात्र-छात्राओं के भावुक होने पर प्रधानाचार्य भी खुद के आंसू रोक नहीं पाए. विदाई का यह वीडियो पूरे क्षेत्र में तेजी से वायरल हो रही है. भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात होने के बाद डॉक्टर भानु प्रताप सिंह रावत ने कई ऐसे कार्य किए जिसकी सराहना पूरे उत्तराखंड में हुई.
बता दें कि ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. यहां पर जितनी संख्या छात्रों की है लगभग उतनी ही छात्राएं भी हैं. जहां शिक्षक काफी अनुशासित होकर अपने विद्यार्थियों को शिक्षा देते हैं. 31 अगस्त को वर्तमान प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह रावत का रिटायरमेंट का दिन था. विदाई के लिए सिर्फ स्कूल की छात्र- छात्राएं ही नहीं बल्कि शहर के कई गणमान्य व्यक्ति भी पहुंचे हुए थे. लेकिन जैसे ही उनके प्रधानाचार्य उनके बीच से जाने लगे तो छात्र- छात्राएं अपने को रोक नहीं पाए और अपने प्रधानाचार्य के गले लगकर रोने लगे.
छात्र- छात्राओं का प्रेम देखकर प्रधानाचार्य खुद के आंसू भी नहीं रोक सके और फूट-फूट कर रोने लगे. भानु प्रताप सिंह रावत ने अपने जीवन का पूरा समय इसी स्कूल में बिताया है. चाहे वह पढ़ाई को लेकर हो या फिर शिक्षा देने इसी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद ही उन्होंने यहां पर बड़ी संख्या में छात्र- छात्राओं को पढ़ाया है. श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात होने के बाद भानु प्रताप सिंह रावत ने कई ऐसे कार्य किए जिसकी सराहना पूरे उत्तराखंड में हुई. उन्होंने उत्तराखंड की लोक भाषा गढ़वाली में यहां पर छात्र-छात्राओं की प्रार्थना शुरू कराई.
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जिसके बाद यहां पर गढ़वाली भाषा में प्रार्थना होती थी वहीं छोटी-छोटी बच्चियों और लड़कियों के साथ लगातार छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाओं को देखते हुए उन्होंने छात्राओं के हित में एक अनोखी पहल शुरू की. जिसमें उन्होंने अलग तरह से कराटे की कक्षा भी शुरूआत की. जिसमें कराटे में रुचि रखने वाली छात्राओं को कराटे सिखाए ताकि वह खुद अपनी आत्मरक्षा कर सकें.
आज यही कारण है कि भानु प्रताप सिंह रावत की विदाई पर स्कूल की छात्र छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक भी अपने आप को भावुक होने से नहीं रोक सके हालांकि प्रधानाचार्य के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने कहा आगे भी किसी न किसी रूप से वे इस विद्यालय में अपनी सेवाएं देते रहेंगे.