ETV Bharat / bharat

बजट-2019 के बाद पेट्रोल-डीजल महंगा, जानें और किन चीजों पर हुआ असर

वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में कर बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. इससे पेट्रोल, डीजल, सोना, चांदी, सिगरेट और एसी महंगे होंगे. कुछ सामान सस्ते भी होंगे. जानें पूरा विवरण

कॉन्सेप्ट फोटो
author img

By

Published : Jul 5, 2019, 6:03 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इसमें उन्होंने कई अहम घोषणाएं की. कर के प्रस्ताव से कुछ सामानों की कीमतों पर असर पड़ेगा. जानें आम जनता पर क्या होगा असर

बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे, कैमरा मॉडयूल, मोबाइल फोन के चार्जर और सेटअप बॉक्स पर कर में राहत दी गयी है.

बजट से महंगे होने वाले प्रमुख उत्पादों पर एक नजर:

  1. पेट्रोल और डीजल
  2. सिगरेट, हुक्का और तंबाकू
  3. सोना और चांदी
  4. पूरी तरह आयातित कार (इंपोर्टेड कार)
  5. स्पिल्ट एसी
  6. लाउडस्पीकर
  7. डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर
  8. आयातित किताबें
  9. सीसीटीवी कैमरे
  10. काजू गिरी
  11. आयातित प्लास्टिक
  12. साबुन के निर्माण में काम आने वाला कच्चा माल
  13. विनाइल फ्लोरिंग
  14. ऑप्टिकल फाइबर
  15. सेरामिक टाइल और वाल टाइल्स
  16. वाहनों के आयातित कल-पुर्जे
  17. न्यूजप्रिंट और अखबारों एवं मैगजीनों के प्रकाशन के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले कागज
  18. संगमरमर की पट्टियां

बजट से सस्ते होने वाले उत्पाद:

  1. बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे
  2. कैमरा मॉड्यूल और मोबाइल फोन के चार्जर
  3. सेटअप बॉक्स
  4. आयातित रक्षा उपकरण, जिनका निर्माण भारत में नहीं किया गया हो.

देश का आम बजट पेश होने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. कोई इस बजट से खुश है तो कोई नाराज. गौरतलब है कि लोगों को आम बजट से काफी आशाएं थी. देश के सभी वर्ग के लोगों को सरकार से उम्मीद थी कि इस बार बजट में कुछ अच्छा देखने को मिलेगा. लेकिन लोगों ने सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर नाराजगी दिखाई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बजट पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
अधिकतर लोग बजट से नाखुश नजर आए और लोगों का कहना है कि इस महंगाई के युग में उन्हें पेट्रोल-डीजल से लेकर दूसरी चीजें सस्ती होने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके विपरीत डीजल-पेट्रोल महंगे हुए. जिससे हर चीज महंगी होगी क्योंकि घरेलू चीजों का ट्रांसपोर्टेशन डीजल की गाड़ियों से होता है.

टैक्स को लेकर व्यापारी वर्ग का कहना है कि अपने कारोबार के लिए अकाउंट से पैसे भी निकालने होते हैं जिस पर अलग से सरचार्ज लगेगा. साथ ही जिनका कारोबार मध्यम वर्ग का है. उन्हें पैसों के लेन-देन में जो टैक्स लगाया गया है वह दोहरी मार के बराबर है.

स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका ट्रांसपोर्ट महंगा होगा साथ ही किताब महंगी होंगी. स्टूडेंट्स ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई फ्री लाइब्रेरी जैसी सुविधा की योजना इस बजट में नजर नहीं आई. जिसका छात्र सालों से इंतजार कर रहे हैं.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इसमें उन्होंने कई अहम घोषणाएं की. कर के प्रस्ताव से कुछ सामानों की कीमतों पर असर पड़ेगा. जानें आम जनता पर क्या होगा असर

बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे, कैमरा मॉडयूल, मोबाइल फोन के चार्जर और सेटअप बॉक्स पर कर में राहत दी गयी है.

बजट से महंगे होने वाले प्रमुख उत्पादों पर एक नजर:

  1. पेट्रोल और डीजल
  2. सिगरेट, हुक्का और तंबाकू
  3. सोना और चांदी
  4. पूरी तरह आयातित कार (इंपोर्टेड कार)
  5. स्पिल्ट एसी
  6. लाउडस्पीकर
  7. डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर
  8. आयातित किताबें
  9. सीसीटीवी कैमरे
  10. काजू गिरी
  11. आयातित प्लास्टिक
  12. साबुन के निर्माण में काम आने वाला कच्चा माल
  13. विनाइल फ्लोरिंग
  14. ऑप्टिकल फाइबर
  15. सेरामिक टाइल और वाल टाइल्स
  16. वाहनों के आयातित कल-पुर्जे
  17. न्यूजप्रिंट और अखबारों एवं मैगजीनों के प्रकाशन के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले कागज
  18. संगमरमर की पट्टियां

बजट से सस्ते होने वाले उत्पाद:

  1. बैट्री से चलने वाले वाहनों के कल-पुर्जे
  2. कैमरा मॉड्यूल और मोबाइल फोन के चार्जर
  3. सेटअप बॉक्स
  4. आयातित रक्षा उपकरण, जिनका निर्माण भारत में नहीं किया गया हो.

देश का आम बजट पेश होने के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. कोई इस बजट से खुश है तो कोई नाराज. गौरतलब है कि लोगों को आम बजट से काफी आशाएं थी. देश के सभी वर्ग के लोगों को सरकार से उम्मीद थी कि इस बार बजट में कुछ अच्छा देखने को मिलेगा. लेकिन लोगों ने सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर नाराजगी दिखाई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बजट पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
अधिकतर लोग बजट से नाखुश नजर आए और लोगों का कहना है कि इस महंगाई के युग में उन्हें पेट्रोल-डीजल से लेकर दूसरी चीजें सस्ती होने की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके विपरीत डीजल-पेट्रोल महंगे हुए. जिससे हर चीज महंगी होगी क्योंकि घरेलू चीजों का ट्रांसपोर्टेशन डीजल की गाड़ियों से होता है.

टैक्स को लेकर व्यापारी वर्ग का कहना है कि अपने कारोबार के लिए अकाउंट से पैसे भी निकालने होते हैं जिस पर अलग से सरचार्ज लगेगा. साथ ही जिनका कारोबार मध्यम वर्ग का है. उन्हें पैसों के लेन-देन में जो टैक्स लगाया गया है वह दोहरी मार के बराबर है.

स्टूडेंट्स का कहना है कि उनका ट्रांसपोर्ट महंगा होगा साथ ही किताब महंगी होंगी. स्टूडेंट्स ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई फ्री लाइब्रेरी जैसी सुविधा की योजना इस बजट में नजर नहीं आई. जिसका छात्र सालों से इंतजार कर रहे हैं.

ZCZC
PRI COM ECO GEN NAT
.NEWDEL PAR152
LD BUDGET
Petrol, diesel to be costlier; tax on super-rich, gold imports
         New Delhi, Jul 5 (PTI) Finance Minister Nirmala
Sitharaman Friday hiked tax on petrol and diesel, raised
import duty on gold, levied additional surcharge on super rich
and brought a tax on high value cash withdrawals as she sought
to spur growth with reduction in corporate tax and sops to
housing sector, startups and electric vehicles.
         Presenting the maiden budget of Modi 2.0 government in
Lok Sabha, Sitharaman, the first full-time woman Finance
Minister, proposed measures to ease liquidity crisis facing
shadow banking sector (NBFCs) and providing Rs 70,000 crore
capital to public sector banks while seeking to raise
additional resources through privatisation of some PSUs.
         In relief to tax payers, she provided for an additional
deduction of Rs 1.5 lakh on interest paid on loans borrowed
up to March 31, 2020 on purchase of a house up to Rs 45 lakh.
         Corporate tax on companies with turnover of up to Rs 400
crore has been slashed to 25 per cent from current 30 per
cent. Presently, the lower tax rate is applicable on companies
having a turnover of up to Rs 250 crore.
         Sitharaman said the reduced tax rate would cover 99.3 per
cent of corporates in the country.
         To boost use of electric vehicles, an additional income
tax deduction of Rs 1.5 lakh on interest paid on loans taken
to purchase EVs has been proposed.
         Also the government has asked the GST Council to reduce
tax rate on EVs from 12 per cent to 5 per cent. Customs duty
on certain parts of EVs has been reduced.
         Addressing the angel tax issue faced by startups, she
said startups and investors who file requisite declarations
will not be subjected to any kind of scrutiny in respect of
valuation of share premium.
         A mechanism of e-verification will be put in place and
with this, the funds raised by startups will not require any
tax scrutiny.
         She raised special additional excise duty and road cess
on petrol and diesel by Re 1 per litre each, saying lower
crude oil prices provide her with an opportunity to review
taxes on the sector.
         Also, customs duty on gold and precious metals was raised
from 10 per cent to 12.5 per cent to mobilise resources.
         Basic customs duty was raised on an array of products
including tiles, cashew kernels, vinyl flooring, auto parts,
some synthetic rubber, digital and video recorder and CCTV
camera.
         Excise duty of Rs 5 per 1000 has been imposed on
cigarettes of length exceeding 65 mm, while 0.5 per cent duty
has been levied on chewing tobacco, zarda and tobacco extracts
and essence.
         "I propose to levy TDS of 2 per cent on cash withdrawal
exceeding Rs 1 crore in a year from a bank account," she said.
         She also announced a surcharge on individuals having
taxable income of Rs 2 crore to Rs 5 crore and for those above
Rs 5 crore which will hike their effective tax rate by 3 per
cent and 7 per cent respectively.
         Sitharaman also proposed to made Aadhaar and PAN
interchangeable for the purpose of filing Income Tax returns.
         To boost FDI inflow into the country, the government will
examine further liberalisation of sectoral investment caps in
aviation, media, animation and insurance.
         The Budget also proposed 100 per cent FDI in insurance
intermediaries and easing of local sourcing norms for single
brand retail.
         She said measures are being worked out to ease filing
returns and tax compliance. Taxpayers with an annual turnover
of less than Rs 5 crore will have to file only quarterly
returns, she said
         To boost cash-less economy, she said business
establishments with annual turnover of Rs 50 crore will have
to use BHIM, UPI, Aadhaar Pay, NEFT, RTGS modes of payments
with no charges or merchant discount rates will be imposed on
customers or merchants.
         RBI and banks will absorb these costs, she said.
         The Securities Transaction Tax or STT is proposed to be
restricted to the difference between settlement and strike
price of options, she said.
         She proposed an additional income tax deduction of Rs 1.5
lakh on interest paid on loans taken to buy electric vehicles.
This will lead to a benefit of Rs 2.5 lakh crore over the tax
period of the loan for the payer.
         She said the government will spend Rs 100 lakh crores
for infrastructure in next five years.
         The disinvestment target for FY20 was raised to Rs 1.05
lakh crore from Rs 90,000 crore set in the interim budget and
government will continue with disinvestment of PSUs in the
non-financial space as well.
         Regulation of housing finance companies has been moved to
the Reserve Bank of India (RBI) from the NHB.
         The government proposed to allocate Rs 70,000 crore for
PSU Bank recapitalisation. PTI JD MJH LUX NKD ANZ RT
DV
DV
07051401
NNNN
Last Updated : Jul 5, 2019, 7:34 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.