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कोरोना वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं देश के 30 समूह : नीति आयोग - punya salila srivastava

कोरोना महामारी के निदान के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन विकसित करने में जुटे है और इस प्रयास में भारत भी पीछे नहीं है. इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि भारत में लगभग 30 समूह वैक्सीन विकसित करने के कार्य में लगे हैं. इनमें से 20 समूह इस पर बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग
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Published : May 28, 2020, 4:13 PM IST

Updated : May 28, 2020, 9:15 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहाकार और नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर के. विजयन राघवन ने कहा है कि भारत में लगभग 30 समूह हैं, जो वैक्सीन विकसित करने के कार्य में लगे हैं. इनमें से 20 समूह बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. राघवन ने गुरुवार की शाम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित नियमित मीडिया कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.

प्रो. राघवन ने बताया कि कुछ कंपनियों को इस वर्ष अक्टूबर तक इसकी प्री-क्लीनिकल स्टडीज तक पहुंचने में सफलता मिल सकती है. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की चार प्रक्रिया है. भारत में इन चारों पद्धतियों का प्रयोग कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनाने में किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि AICTE और CSIR ने एक ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन की शुरुआत की है. यह एक हाई-एंड हैकाथॉन है, जहां छात्रों को कम्प्यूटेशनल ड्रग को खोज करने के बारे में जानकारी दी जाती है.

नीति आयोग से सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को वैक्सीन और दवाओं के माध्यम से जीता जाएगा. हमारे देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और फार्मा उद्योग बहुत मजबूत हैं.'

पॉल ने बताया कि देशभर में पिछले 24 घंटे में 3,267 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जहां मरीजों के स्वस्थ होने की दर 31 फीसदी से अधिक है.

नई दिल्ली : भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहाकार और नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर के. विजयन राघवन ने कहा है कि भारत में लगभग 30 समूह हैं, जो वैक्सीन विकसित करने के कार्य में लगे हैं. इनमें से 20 समूह बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. राघवन ने गुरुवार की शाम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित नियमित मीडिया कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.

प्रो. राघवन ने बताया कि कुछ कंपनियों को इस वर्ष अक्टूबर तक इसकी प्री-क्लीनिकल स्टडीज तक पहुंचने में सफलता मिल सकती है. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की चार प्रक्रिया है. भारत में इन चारों पद्धतियों का प्रयोग कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनाने में किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि AICTE और CSIR ने एक ड्रग डिस्कवरी हैकाथॉन की शुरुआत की है. यह एक हाई-एंड हैकाथॉन है, जहां छात्रों को कम्प्यूटेशनल ड्रग को खोज करने के बारे में जानकारी दी जाती है.

नीति आयोग से सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को वैक्सीन और दवाओं के माध्यम से जीता जाएगा. हमारे देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और फार्मा उद्योग बहुत मजबूत हैं.'

पॉल ने बताया कि देशभर में पिछले 24 घंटे में 3,267 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जहां मरीजों के स्वस्थ होने की दर 31 फीसदी से अधिक है.
Last Updated : May 28, 2020, 9:15 PM IST
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