नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं से एक साथ तीन तलाक को अपराध करार देने वाले ऐतिहासिक विधेयक को बुधवार देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दे दी है. पत्नी को तीन तलाक के जरिए छोड़ने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की सजा के प्रावधान वाले इस विधेयक को मंगलवार को पारित किया गया था. इस कानून को 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने के साथ ही मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक अब कानून बन गया है.
इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को अपनी स्वीकृति दी थी. बता दे कि मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था.
बता दें कि राज्यसभा में बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े थे. इससे पहले विपक्ष की बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग भी सदन में गिर गई थी.
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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होने के बाद कहा था कि 'यह ऐतिहासिक दिन है'.
राष्ट्रपति के इसे मंजूरी देने के बाद अब पत्नी को तीन तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की सजा हो सकती है.