मुंबई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के कुछ हिस्से घोर नक्सल-प्रभावित हैं. यहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. सड़के न होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को अभी भी पैदल या बिस्तर पर रखकर अस्पताल लाया जाता है. एक ऐसा ही मामला सामने आया जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने के लिए 23 किमी पैदल चलना पड़ा. बाद में महिला ने लोकबाड़ी अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया.
उन गर्भवती महिला की डिलीवरी की तारीख नजदीक थी. चूंकि गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं है इसलिए एक आशा कार्यकर्ता ने उसे डिलीवरी की तारीख से पहले अस्पताल पहुंचने की सलाह दी, लेकिन उसके परिवार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. गर्भवती महिला का नाम रोशनी है. अंत में उसने अस्पताल जाने का फैसला किया. कोई सड़क या परिवहन का साधन न होने के कारण उसे इलाज के लिए 23 किमी दूर लाहेरी हेल्थ सेंटर पैदल जाना पड़ा.
लाहरी स्वास्थ्य केंद्र पर पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं. आशा कार्यकर्ता ने हेमलकसा के लोकबिरादरी अस्पताल जाने की सलाह दी और एम्बुलेंस की व्यवस्था करके उन्हें लोकबिरादरी अस्पताल में भर्ती कराया.
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डॉ. अनघा आम्टे और दिगंत आमटे ने रोशनी की जांच की और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया. रोशनी ने उसी दिन एक बेटी को जन्म दिया. बाद में उसे मंगलवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. एम्बुलेंस लहेरी से गुंडनेरी नाला तक पहुंच सकती थी. वहां से 18 किमी की दूरी पुन: पैदल चलना पड़ा.