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कोरोना : गर्भवती महिलाओं को है विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत - गर्भवती महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण

गर्भावस्था हर महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण और नाजुक समय होता है, लेकिन कोरोना का यह दौर गर्भवती महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण है. अन्य लोगों के मुकाबले इनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जो वायरस से लड़ने में इतना कारगर नहीं होता है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में घबराने की बजाय महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. ऐसे में क्या करना चाहिए क्या नहीं ? इन बातों को समझाया है, स्त्री रोग विशेषज्ञ जस्टिन ब्रांट ने...

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कोरोना के दौर में गर्भवती महिला को खास ख्याल रखने की जरूरत
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Published : Apr 6, 2020, 7:28 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 7:55 PM IST

हैदराबाद : कोरोना वायरस के मामलों में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. ऐसे में एक सवाल यह कि क्या गर्भवती महिलाएं भी इस वायरस का सामना समान रूप से कर सकती हैं? प्रश्न इसलिए भी क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा कमजोर होता है. स्त्रीरोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिला में गर्भावस्था की जटिलताओं को लेकर यह समय अतिसंवेदनशील हो सकता है.

रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल के प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ जस्टिन ब्रांट कहते हैं कि जो गर्भवती महिलाएं सोचती हैं कि वह कोरोना से संक्रमित हैं, उन्हें अपने गायनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करना चाहिए और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहिए. अगर लक्षण गंभीर हैं तो उनका अस्पताल में जाकर जांच कराना जरूरी हो जाता है.

अधिकांश रिपोर्ट से पता चलता है कि एक संक्रमित मां से उसके भ्रूण में कोरोना वायरस का जोखिम कम होता है. वहीं, कुछ शोधकर्ता बताते हैं कि मां के शरीर के कुछ हिस्सों में पहले से कोरोना एंटीबॉडी मौजूद होते हैं. ऐसी स्थिति में गर्भ में वायरस के पहुंचने की संभावना रहती है.

ब्रांट इस बात पर जोर देते हुए कहते हैं कि जोखिम को स्पष्ट करने और इसकी पुष्टि करने के लिए हमें ज्यादा डाटा की जरूरत है. लेकिन वायरस का फैलना और संबंधित परिस्थितियां चिंता का सबब हो सकती हैं.

गर्भवती महिलाओं में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए ब्रांट ने कुछ सुझाव दिए हैं :

  • गर्भवती महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास करना चाहिए.
  • उन्हें घर पर रहना चाहिए और सार्वजनिक समारोहों से बचना चाहिए.
  • अगर उन्हें घर से बाहर जाना हो तो नियमित रूप से हाथों को धोना चाहिए.
  • चेहरे को छूने से बचना चाहिए.
  • गर्भवती महिलाएं उन लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी पर रहें, जो बीमार हैं या फिर अंजान हैं.
  • बच्चे की उम्मीद कर रहे मां-बाप को कुछ महीने घर पर ही बिताने चाहिए.
  • खाने को लेकर सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए.
  • घर पर साबुन, टॉयलेट पेपर और वॉशिंग डिटर्जेंट जरूर होना चाहिए.

गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या एक मिलियन (12 लाख) से ज्यादा हो चुकी है. वहीं अमेरिका में मरने वालों की संख्या 9000 को पार कर गई है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह अमेरिकी जनता के लिए नई गाइडलाइन जारी करेंगे, जिसमें कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए चेहरे को ढकने का आग्रह भी शामिल है.

हैदराबाद : कोरोना वायरस के मामलों में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. ऐसे में एक सवाल यह कि क्या गर्भवती महिलाएं भी इस वायरस का सामना समान रूप से कर सकती हैं? प्रश्न इसलिए भी क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा कमजोर होता है. स्त्रीरोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिला में गर्भावस्था की जटिलताओं को लेकर यह समय अतिसंवेदनशील हो सकता है.

रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल के प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ जस्टिन ब्रांट कहते हैं कि जो गर्भवती महिलाएं सोचती हैं कि वह कोरोना से संक्रमित हैं, उन्हें अपने गायनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करना चाहिए और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहिए. अगर लक्षण गंभीर हैं तो उनका अस्पताल में जाकर जांच कराना जरूरी हो जाता है.

अधिकांश रिपोर्ट से पता चलता है कि एक संक्रमित मां से उसके भ्रूण में कोरोना वायरस का जोखिम कम होता है. वहीं, कुछ शोधकर्ता बताते हैं कि मां के शरीर के कुछ हिस्सों में पहले से कोरोना एंटीबॉडी मौजूद होते हैं. ऐसी स्थिति में गर्भ में वायरस के पहुंचने की संभावना रहती है.

ब्रांट इस बात पर जोर देते हुए कहते हैं कि जोखिम को स्पष्ट करने और इसकी पुष्टि करने के लिए हमें ज्यादा डाटा की जरूरत है. लेकिन वायरस का फैलना और संबंधित परिस्थितियां चिंता का सबब हो सकती हैं.

गर्भवती महिलाओं में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए ब्रांट ने कुछ सुझाव दिए हैं :

  • गर्भवती महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास करना चाहिए.
  • उन्हें घर पर रहना चाहिए और सार्वजनिक समारोहों से बचना चाहिए.
  • अगर उन्हें घर से बाहर जाना हो तो नियमित रूप से हाथों को धोना चाहिए.
  • चेहरे को छूने से बचना चाहिए.
  • गर्भवती महिलाएं उन लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी पर रहें, जो बीमार हैं या फिर अंजान हैं.
  • बच्चे की उम्मीद कर रहे मां-बाप को कुछ महीने घर पर ही बिताने चाहिए.
  • खाने को लेकर सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए.
  • घर पर साबुन, टॉयलेट पेपर और वॉशिंग डिटर्जेंट जरूर होना चाहिए.

गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या एक मिलियन (12 लाख) से ज्यादा हो चुकी है. वहीं अमेरिका में मरने वालों की संख्या 9000 को पार कर गई है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह अमेरिकी जनता के लिए नई गाइडलाइन जारी करेंगे, जिसमें कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए चेहरे को ढकने का आग्रह भी शामिल है.

Last Updated : Apr 6, 2020, 7:55 PM IST
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