नई दिल्ली : सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएसटी) रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास परियोजना के लिए शुक्रवार को आयोजित प्री-बिड मीटिंग में 43 बोली लगाने वालों ने भाग लिया.
बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने की. रेलवे बोर्ड के सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर), मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक भी बैठक में शामिल हुए.
बैठक में भाग लेने वाले 43 बोलीदाताओं में अडानी ग्रुप, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एल्डीको, जीएमआर ग्रुप, लार्सन एंड टुब्रो, आर्किटेक्ट्स जैसे बीडीपी सिंगापुर, हाफिज कॉन्ट्रैक्टर, एआसीओएम, फंड हाउस जैसे एंकरेज इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्रुकफील्ड और कंसल्टेंसी, बोस्टन कंसल्टेंसी, केपीएमजी और अन्य शामिल हैं.
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरएसडीसी) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, 'आज आयोजित प्री बिड बैठक को उद्योग और डेवलपर्स की बहुत प्रतिक्रिया मिली और प्रतीत होता है कि इस निवेश में फंड हाउस बहुत रुचि रखते हैं.'
आईआरएसडीसी ने 20 अगस्त 2020 को सीएसएसटी (मुंबई) स्टेशन के पुनर्विकास के लिए अर्हता (RFQ) के लिए अनुरोध आमंत्रित किया था और आवेदन करने की नियत तारीख 22 अक्टूबर 2020 है.
प्री-बिड मीटिंग में यह रेखांकित किया गया था कि RFQ चरण के दौरान, आवेदकों को केवल वित्तीय मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होगी, जो डेवलपर्स के लिए न्यूनतम निवल मूल्य (मिनीमम नेट वर्थ), धन के लिए न्यूनतम एसीआई है और तकनीकी योग्यता मानदंड के साथ भेज दिया गया है.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास परियोजना की लागत 1,642 करोड़ रुपये है और अचल संपत्ति की लागत 1,433 करोड़ रुपये है. इस परियोजना की निर्माण अवधि 4 साल के लिए है.
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आईआरएसडीसी ने यह भी बताया कि आरएफक्यू स्टेज पर चयनित बोलीदाता रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और वाणिज्यिक विकास के लिए 60 साल के लिए पट्टे के आधार पर आसपास के रेलवे भूमि के वाणिज्यिक विकास और चयनित भूखंडों पर आवासीय विकास के लिए 99 वर्षों के लिए ले सकते हैं.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास परियोजना को एक सिटी सेंटर रेल मॉल की तरह कार्य करने की योजना बनाई गई है, जहां यात्रियों की परिवहन आवश्यकताओं के अलावा, दैनिक जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है. यह उपनगरीय रेलवे, बंदरगाह लाइन और मेट्रो रेल के बीच एक सीधी कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा.