नई दिल्ली : शाहीन बाग प्रदर्शन के चलते रविवार को शाहीन बाग के आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. यहां बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई हैं. सरिता विहार, जसोला विहार, मदनपुर खादर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े कदम उठाए गए हैं.
चारों तरफ पुलिस पिकेट
चारों तरफ पुलिस पिकेट लगाई गई है और एक से ज्यादा व्यक्ति को इन इलाकों में आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ पैदल चलने वाले लोगों को आने-जाने दिया जा रहा है, किसी भी गाड़ी की आवाजाही इन इलाकों में नहीं हैं.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी इन इलाकों का जायजा ले रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना लगातार किया जा रहा है. दरअसल आज शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. शाहीन बाग के आसपास तो सिर्फ पुलिस पिकेट दिखाई दे रही है.
पुलिस ने दी चेतावनी
साथ ही पुलिसकर्मी और पुलिस की चेतावनी दिखाई दे रही है, जिसमें यह लिखा गया है कि यहां धारा 144 लगाई गई है, यहां किसी भी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
प्रदर्शन का वीडियो हुआ था वायरल
दरअसल जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें बताया गया था कि मदनपुर खादर में सभी लोग एकत्रित होकर शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और शाहीन बाग प्रदर्शन के चलते बंद पड़ी सड़क को खाली कराएंगे, इसलिए एहतियातन पुलिस के जरिए मदनपुर खादर, सरिता विहार, जसोला विहार के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए गए हैं और पुलिस पिकेट लगाई गई है. किसी को भी इन इलाकों से शाहीन बाग की तरफ आने नहीं दिया जा रहा है.
इस फैसले पर दिल्ली के संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने कहा कि एहतियातन पुलिस बल की तैनाती है. हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय घटना होने से रोकना है.
गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग में गत 15 दिसंबर (77 दिन) से प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाला एक मुख्य मार्ग बाधित है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त किए थे और वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में जमा कर दी है.
हालांकि प्रदर्शन की वजह से बंद सड़क को खोलने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. अब इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को होनी है.