नई दिल्ली : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में भारत में जैविक खाद्य उत्पादन और खाद्य उद्योग का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना लॉन्च की है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि इस योजना से उत्तर पूर्व के राज्यों को काफी फायदा होगा.
रामेश्वर तेली ने कहा कि पीएमएफएमई और विस्तारित ऑपरेशन ग्रीन्स योजनाओं का, जो कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई है, का सीधा लाभ किसानों और सूक्ष्म उद्यमियों को मिलेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है और यह क्षेत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से आशा की किरण है, जो कोविड -19 संकट के दौरान अपने गांवों को लौट गए हैं.
उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत उत्तर पूर्वी राज्य सरकारों को परियोजना की 10% लागत का योगदान करना होगा, जबकि 90% का योगदान संघ सरकार द्वारा किया जाएगा. इस योजना के तहत गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, विपणन और ब्रांडिंग की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
राज्यमंत्री ने बताया कि यह योजना उत्तर पूर्व, महिलाओं, एससी, एसटी और आकांक्षी जिलों पर केंद्रित होगी. नॉर्थ ईस्ट अपने जैविक उत्पादों- अनानास, केला, हल्दी, अदरक, संतरे, काले चावल, बांस और अन्य के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है.
रामेश्वर तेली ने नौ राज्यों में फैली 29 परियोजनाओं की भी समीक्षा की, जिसमें 89 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के साथ पिछड़े और आगे की लिंकेज योजनाएं शामिल हैं.