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पीएम मोदी ने अंडमान-चेन्नई ऑप्टिकल फाइबर केबल का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल को राष्ट्र को समर्पित किया. इससे देश के अन्य हिस्सों के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेज और अधिक विश्वसनीय मोबाइल व लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं मिल सकेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

PM to inaugurate
प्रधानमंत्री मोदी
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Published : Aug 10, 2020, 8:26 AM IST

Updated : Aug 10, 2020, 12:33 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई व अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीच सबमेरीन केबल प्रणाली का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. बता दें कि इस प्रणाली के तहत दो स्थानों के बीच दूरसंचार सिग्नलों के आदान-प्रदान के लिए समुद्र में केबल बिछायी जाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अड़मान निकोबार द्वीपसमूह को देश की मुख्य भूमि के साथ तीव्र गति के आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने की परियोजना का उद्घाटन करते हुये देश में जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटवर्क को मजबूत और व्यापक बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज भारत खुद को वैश्विक विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित करने में जुटा है.

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के साथ बेहतर संचार सुविधा स्थापित करने के लिये चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछाये गये आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का उद्घाटन करने के मौके पर यह बात कही. यह परियोजना 1,224 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने ही 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था.

पीएम का संबोधन

मोदी ने कहा, भारत आज हिंद प्रशांत क्षेत्र में व्यापार- कारोबार और सहयोग की नई नीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.’’

वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में स्थापित करने में जुटा है, तब जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटर्क को मजबूत बनाने की जरूरत है.

गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा.

इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. इसके साथ ही तीव्र गति की संचार सेवाओं से राजकाज के काम में मदद मिलेगी. पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा.

यह भी पढ़ें- चीन से निबटने को लेजर गाइडेड बमों से लैस किए जाएंगे हेरॉन ड्रोन

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान निकोबार में आज जितनी भी आधुनिक ढांचागत सुविधायें तैयार हो रही हैं, वो समुद्री क्षेत्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था को गति देगें.

उन्होंने कहा, आने वाले समय में अंडमान निकोबार बंदरगाह से जुड़ी गतिविधियों के विकास के केंद्र के रूप में विकसित होने वाला है, अंडमान निकोबार दुनिया के कई बंदरगाहों से प्रतिस्पर्धी रूप से काफी करीब स्थित है.

उन्होंने कहा, उत्तरी और मध्य अंडमान के बीच सड़क संपर्क सुविधा को मजबूत करने के लिए दो बड़े पुल और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-चार के चौड़ीकरण पर तेज़ी से काम हो रहा है, पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों के आवागमन की क्षमता आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी.

मोदी ने कहा, इन सबसे अंडमान के लोगों का जीवन आसान होगा. मुझे उम्मीद है, हमारे मौजूदा प्रयास इस दशक में अंडमान-निकोबार को वहां के लोगों को न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि विश्व पर्यावरण पटल पर प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित भी करेंगे.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई व अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीच सबमेरीन केबल प्रणाली का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. बता दें कि इस प्रणाली के तहत दो स्थानों के बीच दूरसंचार सिग्नलों के आदान-प्रदान के लिए समुद्र में केबल बिछायी जाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अड़मान निकोबार द्वीपसमूह को देश की मुख्य भूमि के साथ तीव्र गति के आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने की परियोजना का उद्घाटन करते हुये देश में जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटवर्क को मजबूत और व्यापक बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज भारत खुद को वैश्विक विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित करने में जुटा है.

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के साथ बेहतर संचार सुविधा स्थापित करने के लिये चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछाये गये आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का उद्घाटन करने के मौके पर यह बात कही. यह परियोजना 1,224 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने ही 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था.

पीएम का संबोधन

मोदी ने कहा, भारत आज हिंद प्रशांत क्षेत्र में व्यापार- कारोबार और सहयोग की नई नीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.’’

वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में स्थापित करने में जुटा है, तब जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटर्क को मजबूत बनाने की जरूरत है.

गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा.

इससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी. इसके साथ ही तीव्र गति की संचार सेवाओं से राजकाज के काम में मदद मिलेगी. पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान निकोबार में आज जितनी भी आधुनिक ढांचागत सुविधायें तैयार हो रही हैं, वो समुद्री क्षेत्र से जुड़ी अर्थव्यवस्था को गति देगें.

उन्होंने कहा, आने वाले समय में अंडमान निकोबार बंदरगाह से जुड़ी गतिविधियों के विकास के केंद्र के रूप में विकसित होने वाला है, अंडमान निकोबार दुनिया के कई बंदरगाहों से प्रतिस्पर्धी रूप से काफी करीब स्थित है.

उन्होंने कहा, उत्तरी और मध्य अंडमान के बीच सड़क संपर्क सुविधा को मजबूत करने के लिए दो बड़े पुल और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-चार के चौड़ीकरण पर तेज़ी से काम हो रहा है, पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों के आवागमन की क्षमता आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी.

मोदी ने कहा, इन सबसे अंडमान के लोगों का जीवन आसान होगा. मुझे उम्मीद है, हमारे मौजूदा प्रयास इस दशक में अंडमान-निकोबार को वहां के लोगों को न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि विश्व पर्यावरण पटल पर प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित भी करेंगे.

Last Updated : Aug 10, 2020, 12:33 PM IST
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