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घुसपैठ पर चीन की खुलकर निंदा करें पीएम, त्वरित कार्रवाई करें : कांग्रेस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन द्वारा हमारे क्षेत्र में घुसपैठ और कब्जा करने की खुल कर निंदा करें तथा देश को बताएं कि कब्जा करने वालों को पीछे हटाया जाएगा.

Congress leader Kapil Sibal
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल
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Published : Jun 27, 2020, 7:47 PM IST

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ और कब्जा करने वाले चीन की खुल कर एवं सार्वजनिक तौर पर निंदा करें. साथ ही सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कठोर एवं त्वरित कार्रवाई करे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को बताएं कि कब्जा करने वाले चीनी सैनिकों को पीछे हटाया जाएगा और अपने क्षेत्र की रक्षा करने के लिए उनके साथ पूरा देश खड़ा है. सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कूटनीति और आर्थिक कदमों के माध्यम से इस मामले में सफलता मिलने वाली है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह सैन्य कार्रवाई की पैरवी कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं सैन्य कार्रवाई का संकेत नहीं दे रहा हूं. मैं सिर्फ त्वरित कार्रवाई यानी त्वरित समाधान की बात कर रहा हूं. फैसला सरकार को करना है.'

सिब्बल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि न कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही हमारी किसी चौकी पर कब्जा हुआ जबकि कई रक्षा विशेषज्ञ उपग्रहों के जरिए ली गई तस्वीरों के हवाले से कुछ और कह रहे हैं.'

कांग्रेस नेता के मुताबिक रक्षा मंत्री ने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं और वो एलएसी के पार आ गए हैं. विदेश मंत्रालय ने 20 जून, 2020 और 25 जून, 2020 को अपने दो अलग-अलग बयानों में स्वीकार किया कि मई-जून, 2020 में बार-बार चीनी घुसपैठ हुई है.

पढ़े : चालबाज चीन क्यों ले रहा भारत से पंगा, एलएसी पर क्या है चीन की चाल?

सिब्बल ने दावा किया चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. यह पहली बार है कि चीन ने पूरी गलवान घाटी पर दावा किया है. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान वाई जंक्शन पर चीन के सैनिकों का कब्जा है. जिस स्थान पर भारतीय जवान शहीद हुए, उसी जगह पर चीनी सैनिकों ने तंबू लगा लिया है और दूसरे निर्माण कार्य कर लिए हैं.

उन्होंने कहा, 'अब भी देर नहीं हुई है. प्रधानमंत्री को जान बूझकर दिए गए भ्रामक बयानों को वापस लेना चाहिए. जब मामला भारत की सुरक्षा का हो, तो प्रधानमंत्री को सच्चाई बयान करने से गुरेज नहीं करना चाहिए, ताकि देश को विश्वास हो. अन्यथा चीनी उनके बयान का इस्तेमाल अपने नाजायज फायदे के लिए करेंगे. इससे विश्वभर में भारत के हितों को नुकसान पहुंचेगा. प्रधानमंत्री चीन की ओर से हमारे क्षेत्र में घुसपैठ की खुलकर निंदा क्यों नहीं करते? हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री चीन की इस घुसपैठ की निंदा करें. हम सब उनके साथ हैं.'

कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, 'प्रधानमंत्री जी, आप देश को संबोधित करें और देश को कहें कि हमारी मातृभूमि पर कब्जा करने वालों को पीछे हटाकर रहेंगे. पूरा देश आपके साथ खड़ा रहेगा.'

गौरतलब है कि पिछले कई हफ्तों से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. गत 15-16 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ और कब्जा करने वाले चीन की खुल कर एवं सार्वजनिक तौर पर निंदा करें. साथ ही सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कठोर एवं त्वरित कार्रवाई करे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को बताएं कि कब्जा करने वाले चीनी सैनिकों को पीछे हटाया जाएगा और अपने क्षेत्र की रक्षा करने के लिए उनके साथ पूरा देश खड़ा है. सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कूटनीति और आर्थिक कदमों के माध्यम से इस मामले में सफलता मिलने वाली है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह सैन्य कार्रवाई की पैरवी कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं सैन्य कार्रवाई का संकेत नहीं दे रहा हूं. मैं सिर्फ त्वरित कार्रवाई यानी त्वरित समाधान की बात कर रहा हूं. फैसला सरकार को करना है.'

सिब्बल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि न कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही हमारी किसी चौकी पर कब्जा हुआ जबकि कई रक्षा विशेषज्ञ उपग्रहों के जरिए ली गई तस्वीरों के हवाले से कुछ और कह रहे हैं.'

कांग्रेस नेता के मुताबिक रक्षा मंत्री ने एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं और वो एलएसी के पार आ गए हैं. विदेश मंत्रालय ने 20 जून, 2020 और 25 जून, 2020 को अपने दो अलग-अलग बयानों में स्वीकार किया कि मई-जून, 2020 में बार-बार चीनी घुसपैठ हुई है.

पढ़े : चालबाज चीन क्यों ले रहा भारत से पंगा, एलएसी पर क्या है चीन की चाल?

सिब्बल ने दावा किया चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. यह पहली बार है कि चीन ने पूरी गलवान घाटी पर दावा किया है. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान वाई जंक्शन पर चीन के सैनिकों का कब्जा है. जिस स्थान पर भारतीय जवान शहीद हुए, उसी जगह पर चीनी सैनिकों ने तंबू लगा लिया है और दूसरे निर्माण कार्य कर लिए हैं.

उन्होंने कहा, 'अब भी देर नहीं हुई है. प्रधानमंत्री को जान बूझकर दिए गए भ्रामक बयानों को वापस लेना चाहिए. जब मामला भारत की सुरक्षा का हो, तो प्रधानमंत्री को सच्चाई बयान करने से गुरेज नहीं करना चाहिए, ताकि देश को विश्वास हो. अन्यथा चीनी उनके बयान का इस्तेमाल अपने नाजायज फायदे के लिए करेंगे. इससे विश्वभर में भारत के हितों को नुकसान पहुंचेगा. प्रधानमंत्री चीन की ओर से हमारे क्षेत्र में घुसपैठ की खुलकर निंदा क्यों नहीं करते? हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री चीन की इस घुसपैठ की निंदा करें. हम सब उनके साथ हैं.'

कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, 'प्रधानमंत्री जी, आप देश को संबोधित करें और देश को कहें कि हमारी मातृभूमि पर कब्जा करने वालों को पीछे हटाकर रहेंगे. पूरा देश आपके साथ खड़ा रहेगा.'

गौरतलब है कि पिछले कई हफ्तों से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है. गत 15-16 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.

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