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पराली जलाने से रोकने के लिए उप्र-हरियाणा-पंजाब को मशीनें देने में प्राथमिकता दें : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों को मशीन देने में प्राथमिकता दे. प्रधानमंत्री ने यह निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी आधारित मल्टीमीडिया मंच अग्र सक्रिय शासन एवं समयबद्ध अनुपालन प्रगति की बैठक में दिया. पढे़ं पूरा विवरण....

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Nov 6, 2019, 11:57 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 12:11 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर एजेंसियों को फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों को मशीन देने में प्राथमिकता दे.

खेत से पराली को हटाने के लिए बाजार में मशीनें उपलब्ध हैं जिन्हें खरीदने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार सब्सिडी की पेशकश कर रही हैं.

ये भी पढ़ें : आवास क्षेत्र को सरकार का पैकेज : अटकीं परियोजनाओं के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का कोष

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने यह निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी आधारित मल्टीमीडिया मंच अग्र सक्रिय शासन एवं समयबद्ध अनुपालन प्रगति की बैठक में दिया. मंगलवार को मोदी को प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराया गया था.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा नियमित आधार पर प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि उच्चम न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि यह करोड़ों लोगों के जीवन एवं मरण का सवाल है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एजेंसियां कोई चिंता नहीं कर रही है, लोगों को मरने के लिए छोड़ रही हैं.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर एजेंसियों को फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों को मशीन देने में प्राथमिकता दे.

खेत से पराली को हटाने के लिए बाजार में मशीनें उपलब्ध हैं जिन्हें खरीदने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार सब्सिडी की पेशकश कर रही हैं.

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प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने यह निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी आधारित मल्टीमीडिया मंच अग्र सक्रिय शासन एवं समयबद्ध अनुपालन प्रगति की बैठक में दिया. मंगलवार को मोदी को प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराया गया था.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा नियमित आधार पर प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि उच्चम न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि यह करोड़ों लोगों के जीवन एवं मरण का सवाल है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एजेंसियां कोई चिंता नहीं कर रही है, लोगों को मरने के लिए छोड़ रही हैं.

Intro:The Supreme court bench led by Justice NV Ramana directed the Jammu and Kashmir administration to fetch details of public and other transport in the region after abrogation of Article 370 on 5th of August. The bench was hearing two petitions filed challenging the communication blockade in the valley.


Body:One petition was filed by Kashmir Times executive editor Anuradha Bhasin who contended that media was not able to perform its duty due to restrictions . The other petition was of congress leader Ghulam Nabi Azaad who claims that he is not allowed to go to Jammu where his home is.

Advocate Vrinda Grover appearing for Bhasin argued that as the press comes under special cateogary, a generic ban would not mean ban for the press unless until the order specifies it. She also contended that if a beaurocrat is present in tbe state then the police(IG) can not pass such orders. Arguing further she said that there was a difference in law and order situation and public order situation. The communication was blocked bas on apprehensions that there will be a public disorder, added Grover.


Senior advocate Kapil Sibal, arguing for Azaad, said that in one stroke 7 million people were paralysed.He contended that there is no concept of abrogation of fundamental right under Article 19 and the state can not tell weather to enter J&K or not.

Justice Ramana asked if the apex court had decided such an issue before to which Sibal replied that 7 million people have never been paralysed like this. Ramana asked what about emergency in 1970 to which Sibal said that there was an internal diaturbance then.

Arguing further Sibal contended that cross border terror did not start today and anyone can cross the border.It can not be the reason for shutting down everything on 5th august.


Conclusion:The matter was adjourned for hearing.
Last Updated : Nov 7, 2019, 12:11 AM IST
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