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J-K : पीएम मोदी ने सेना संग मनायी दिवाली, जवानों को किया संबोधित

पीएम मोदी रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले पहुंचे, जहां उन्होंने एलओसी पर सेना के जवानों के साथ दिवाली मनायी और उनका उत्साहवर्धन किया. पढ़ें विस्तार से

फाइल फोटो
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Published : Oct 27, 2019, 1:23 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 9:46 AM IST

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली मनाने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी पहुंचे. पीएम मोदी ने यहां नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैन्य जवानों को मिठाई खिलाकर उनके संग दिवाली मनायी. इस दौरान उन्होंने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल वायुसेना के पास जो नये अस्त्र-शस्त्र आए हैं, उनकी ओर आम जनता काफी आकर्षित हो रही है.

उन्होंने करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में कहा, ‘भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही यह संभव हो पाया है. केंद्र सरकार ने निर्णय लिए हैं वह असंभव माने जाते थे.'

पठान में सैन्य जवानों को संबोधित करते पीएम मोदी.

उनका इशारा सीमा के उस पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था.

मोदी ने कहा कि हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है और इसीलिए वह भी अपने भी अपने परिवार के यहां पहुंचे हैं और उनका परिवार ये बहादुर जवान हैं.

उन्होंने राजौरी में ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया और उन जवानों एवं नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राजौरी एवं पुंछ अपने प्राण न्यौछावर किए.

प्रधानमंत्री ने ‘हॉल ऑफ फेम’ को ‘पराक्रम भूमि, प्रेरणा भूमि और पावन भूमि’ करार दिया.

राजौरी में सेना के जवानों को संबोधित करते पीएम मोदी.

पीएम ने कहा, 'जब मैंने पहली बार पीएम की जिम्मेदारी ली तो मैं सशस्त्र बलों के कर्मियों से मिलता था, तब मुझे इस तथ्य से पीड़ा हुई कि हमारे पास कोई राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं था. आज, मुझे गर्व है कि संसद की तुलना में लोग युद्ध स्मारक में अधिक संख्या में आते हैं.'

पीएम ने अपनी यात्रा की शुरुआत पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस समारोह के साथ की. पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस 1947 में जम्मू और कश्मीर में उन भारतीय सैनिकों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन करने वाले घुसपैठियों को वापस भेजा था.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि पीएम मोदी ने सीमावर्ती जिले में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय से एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की.

बता दें, यह तीसरा मौका है जब पीएम दिवाली मनाने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में पहुंचे. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद मोदी पहली बार कश्मीर दौरे पर हैं.

पीएम मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद दिवाली पर एलओसी पर तैनात जवानों के साथ बातचीत और त्योहार मनाना शुरू किया था. उन्होंने श्रीनगर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने के अलावा, लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी.

PM मोदी बोले - एक साल में 26 लाख पर्यटक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने पहुंचे

वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने दिवाली पर पंजाब की सीमा का दौरा किया. उन्होंने1965 के भारत-पाक युद्ध के 50 वर्ष पूरा होने पर यह यात्रा की थी.

इसके बाद 2016 में मोदी हिमाचल प्रदेश में थे, जहां उन्होंने एक चौकी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों के साथ समय बिताया.

पीएण मोदी ने इसके बाद 2017 में उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर का दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई.

2018 में उन्होंने उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास बर्फीले इलाके में सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ त्यौहार मनाया था.

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली मनाने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी पहुंचे. पीएम मोदी ने यहां नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैन्य जवानों को मिठाई खिलाकर उनके संग दिवाली मनायी. इस दौरान उन्होंने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल वायुसेना के पास जो नये अस्त्र-शस्त्र आए हैं, उनकी ओर आम जनता काफी आकर्षित हो रही है.

उन्होंने करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में कहा, ‘भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही यह संभव हो पाया है. केंद्र सरकार ने निर्णय लिए हैं वह असंभव माने जाते थे.'

पठान में सैन्य जवानों को संबोधित करते पीएम मोदी.

उनका इशारा सीमा के उस पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था.

मोदी ने कहा कि हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है और इसीलिए वह भी अपने भी अपने परिवार के यहां पहुंचे हैं और उनका परिवार ये बहादुर जवान हैं.

उन्होंने राजौरी में ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया और उन जवानों एवं नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राजौरी एवं पुंछ अपने प्राण न्यौछावर किए.

प्रधानमंत्री ने ‘हॉल ऑफ फेम’ को ‘पराक्रम भूमि, प्रेरणा भूमि और पावन भूमि’ करार दिया.

राजौरी में सेना के जवानों को संबोधित करते पीएम मोदी.

पीएम ने कहा, 'जब मैंने पहली बार पीएम की जिम्मेदारी ली तो मैं सशस्त्र बलों के कर्मियों से मिलता था, तब मुझे इस तथ्य से पीड़ा हुई कि हमारे पास कोई राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं था. आज, मुझे गर्व है कि संसद की तुलना में लोग युद्ध स्मारक में अधिक संख्या में आते हैं.'

पीएम ने अपनी यात्रा की शुरुआत पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस समारोह के साथ की. पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस 1947 में जम्मू और कश्मीर में उन भारतीय सैनिकों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन करने वाले घुसपैठियों को वापस भेजा था.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि पीएम मोदी ने सीमावर्ती जिले में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय से एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की.

बता दें, यह तीसरा मौका है जब पीएम दिवाली मनाने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके में पहुंचे. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद मोदी पहली बार कश्मीर दौरे पर हैं.

पीएम मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद दिवाली पर एलओसी पर तैनात जवानों के साथ बातचीत और त्योहार मनाना शुरू किया था. उन्होंने श्रीनगर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने के अलावा, लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी.

PM मोदी बोले - एक साल में 26 लाख पर्यटक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने पहुंचे

वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने दिवाली पर पंजाब की सीमा का दौरा किया. उन्होंने1965 के भारत-पाक युद्ध के 50 वर्ष पूरा होने पर यह यात्रा की थी.

इसके बाद 2016 में मोदी हिमाचल प्रदेश में थे, जहां उन्होंने एक चौकी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों के साथ समय बिताया.

पीएण मोदी ने इसके बाद 2017 में उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर का दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई.

2018 में उन्होंने उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास बर्फीले इलाके में सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ त्यौहार मनाया था.

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PRI GEN NAT
.JAMMU DEL4
PM-JK-DIWALI
PM reaches Rajouri to celebrate Diwali with troops on LoC in J-K
         Jammu, Oct 27 (PTI) Prime Minister Narendra Modi arrived in Rajouri district on Sunday to celebrate Diwali with Army troops guarding the Line of Control (LoC) in Jammu and Kashmir, officials said.
         The prime minister's visit coincided with Infantry Day celebrations, which is observed to mark the landing of first Indian troops in Jammu and Kashmir in 1947 to push back Pakistan supported intruders.
         Modi directly flew to the Army Brigade Headquarters in the border district to interact with the troops deployed along the LoC, the officials said.
         This is for the third time that the prime minister visited Jammu and Kashmir to celebrate Diwali with the troops in the border state since 2014, and first after the abrogation of Article 370 provisions.
         Modi started the practice of interacting with troops serving in tough areas on Diwali soon after taking over as the prime minister in 2014 when he had spent his Diwali at Siachen in Ladakh region with the Jawans, besides visiting the flood victims in Srinagar.
         He visited Gurez sector of north Kashmir in 2017 and spent his Diwali with soldiers deployed there.
         In 2015, he visited the Punjab border on Diwali. His visit coincided with 50 years of 1965 Indo-Pak War.
         The next year, Modi was in Himachal Pradesh, where he spent time with Indo-Tibetan Border Police (ITBP) personnel at an outpost.
         In 2018, he celebrated the festival with Army and the ITBP personnel in the icy terrain near the India-China border in Uttarakhand. PTI TAS SKL
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Last Updated : Oct 28, 2019, 9:46 AM IST
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