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दुनिया ने माना भारत का लोहा, हमने दूसरे देशों के लोगों को भी चीन से निकाला : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया.

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Published : Jan 16, 2021, 1:53 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया. लगभग साल भर से चली आ रही कोरोना के खिलाफ जंग के दौरान हुई लोगों को मौतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए.उन्होंने कहा सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए.

उन्होंने कहा कि भारत ने जिस प्रकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के आरंभ से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश की लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही और इस मुश्किल दौर में भी हर भारतीय में आत्मविश्वास को कमजोर न पड़ने देने का संकल्प दिखा. उन्होंने देशवासियों को बताया कि कैसे एक देश में जब भारतीयों की कोविड जांच के लिए उपकरण कम पड़ गए तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो.

उन्होंने कहा भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता' की रही है. उन्होंने कहा इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे ये प्रण हर भारतीय में दिखा.

उन्होंने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए हर घटनाक्रम पर नजर रखी और 'सही समय पर सही फैसले लिए. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था, जिसने अपने हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ. जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया. हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा.

पढ़ें : पीएम मोदी 16 जनवरी को लॉन्च करेंगे कोरोना टीकाकरण अभियान

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के उसी समय में जब देश भर में निराशा का वातावरण था तब देश के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और अग्रिम मोर्चे पर तैनात दूसरे कर्मी देशवासियों की जान बचाने में अपने प्राणों को संकट में डाल रहे थे. इस जंग में मारे गए लोगों को याद करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया. लगभग साल भर से चली आ रही कोरोना के खिलाफ जंग के दौरान हुई लोगों को मौतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए.उन्होंने कहा सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए.

उन्होंने कहा कि भारत ने जिस प्रकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के आरंभ से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश की लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही और इस मुश्किल दौर में भी हर भारतीय में आत्मविश्वास को कमजोर न पड़ने देने का संकल्प दिखा. उन्होंने देशवासियों को बताया कि कैसे एक देश में जब भारतीयों की कोविड जांच के लिए उपकरण कम पड़ गए तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो.

उन्होंने कहा भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता' की रही है. उन्होंने कहा इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे ये प्रण हर भारतीय में दिखा.

उन्होंने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए हर घटनाक्रम पर नजर रखी और 'सही समय पर सही फैसले लिए. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था, जिसने अपने हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ. जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया. हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा.

पढ़ें : पीएम मोदी 16 जनवरी को लॉन्च करेंगे कोरोना टीकाकरण अभियान

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के उसी समय में जब देश भर में निराशा का वातावरण था तब देश के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और अग्रिम मोर्चे पर तैनात दूसरे कर्मी देशवासियों की जान बचाने में अपने प्राणों को संकट में डाल रहे थे. इस जंग में मारे गए लोगों को याद करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए.

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