नई दिल्ली : आज शाम अचानक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक की खबर सामने आई. हालांकि कुछ देर बाद सेना ने बड़ा बयान जारी कर एयर स्ट्राइक को फेक खबर बताया और कहा कि आज सेना की ओर किसी भी तरह की गोलीबारी नहीं की गई.
गुरुवार शाम पीटीआई के हवाले से खबर आई की भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर संदिग्ध आतंकी लॉन्च पैड्स पर बड़ी कार्रवाई की है. सेना ने पिनप्वाइंट स्ट्राइक किया है. वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय सेना का कहना है कि आज एलओसी पर गोलीबारी नहीं हुई है. पिनप्वाइंट स्ट्राइक पर मिलिट्री ऑपरेशंस के महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीओके में भारतीय सेना की कार्रवाई की बातें अफवाह हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान लगातार दोगली चाल चल रहा है. एक तरफ तो वह वैश्विक आतंकवाद रोधी संस्था एफएटीएफ की जांच से बचने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी ओर आतंक का लगातार समर्थन कर रहा है.
पिछले कुछ हफ्तों में, पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ का समर्थन करने के लिए भारी आर्टिलरी गन से अंधाधुंध गोलीबारी का सहारा ले रही है. इस क्रम में वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से पर नागरिकों को भी लगातार निशाना बना रही है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में जहां पूरे साल में 18 नागरिक पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए थे, वहीं इस साल अब तक 21 निर्दोष असैनिक नागरिकों की जान पाकिस्तान की गोलाबारी में जा चुकी है.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों (अधिकतर पाकिस्तानी और विदेशी) को नाकाम करने के लिए खुफिया सूचना आधारित लक्षित हमले किए जा रहे हैं और इन अभियानों में अपनी तरफ नुकसान की गुंजाइश बेहद नगण्य रहती है.
सूत्रों ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अशांति भड़काने और युवाओं को हथियार मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान द्वारा नया तरीका अपनाया जा रहा है, जिससे बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दवाब के बीच किसी तरह की निगरानी से बचा जा सके.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान पर अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सहानुभूति बटोरने और अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से सहायता हासिल करने के उद्देश्य से वहां हो रही आतंकवादियों की मौत को नागरिकों की मौत के तौर पर दिखा रहा है.
इससे पहले नगरोटा में चार आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा किए गए सफल ऑपरेशन के बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि यह पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों के लिए स्पष्ट संदेश था कि जो भी भारतीय सीमा में आएगा, उसे उसी तरीके से निपटाया जाएगा और वापस जाने में सक्षम नहीं होगा.
सेना प्रमुख ने सेब से लदे ट्रक में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सैनिकों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सेना, जम्मू और कश्मीर पुलिस और वहां तैनात अर्धसैनिक बलों के बीच अच्छा तालमेल था.
नरवणे ने कहा कि यह सुरक्षा बलों द्वारा एक बहुत ही सफल ऑपरेशन था. यह सुरक्षा बलों के बीच उच्च स्तर के तालमेल को दर्शाता है.
29 सितंबर 2016 को पहली सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकियों ने आर्मी कैम्प पर हमला किया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे. इसके जवाब में 29 सितंबर की रात सेना ने पीओके में 3 किमी अंदर जाकर आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था. ऐसा पहली बार हुआ था, जब भारत ने आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर कार्रवाई की थी. इस स्ट्राइक में 40 से 50 आतंकी मारे गए थे.
26 फरवरी 2019 को पहली एयर स्ट्राइक
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाक अधिकृत कश्मीर में एयर स्ट्राइक की थी. इस एयर स्ट्राइक में वायुसेना के 12 मिराज-2000 फाइटर जेट ने बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में बम गिराए थे. इसमें 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. वायुसेना ने इस पूरे मिशन को 'ऑपरेशन बंदर' नाम दिया था.